
गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024 पर हुई चर्चा का जवाब दिया. गृह मंत्री शाह ने कोविड प्रबंधन से लेकर पीएम केअर्स फंड तक, चर्चा के दौरान उठे सवालों के जवाब दिए और परदर्शिता के मुद्दे पर जीप कांड से लेकर बोफोर्स और टूजी तक का जिक्र कर विपक्षी कांग्रेस को घेरा और नसीहत दी कि आप तो इस पर बोलिए ही मत. उन्होंने प्रधानमंत्री राहत कोष में कांग्रेस अध्यक्ष को सदस्य बनाए जाने को लेकर भी सवाल उठाए और ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस पर भी तंज किया.
दरअसल, अमित शाह ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कुछ आपदाओं को सूचीबद्ध नहीं किए जाने को लेकर सवाल आए. आपदा सूचीबद्ध करने का अधिकार राज्यों के पास है. उन्होंने कहा कि टीएमसी के रीताब्रता बनर्जी ने कम फंड दिए जाने की बात कही है. यूपीए सरकार जिसमें ममता बनर्जी भी थीं, उससे 367 फीसदी अधिक फंड देने का काम हमने किया है. अमित शाह के इतना कहने के बाद टीएमसी के सांसद अपनी सीट पर खड़े हो गए और बोलना शुरू कर दिया. सभापति जगदीप धनखड़ ने टीएमसी सांसदों को अपनी सीट पर बैठने के लिए कहा जिसके बाद वे वॉकआउट कर गए.
टीएमसी सांसदों के वॉकआउट के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बंगाल में सरकार बदली, पार्टी बदली मगर वॉकआउट करने की परंपरा नहीं बदली. कम्युनिस्ट भी करते थे और ये भी करते हैं. उन्होंने केंद्र की ओर से दी गई सहायता के राज्यवार आंकड़े गिनाए और कहा कि वित्त आयोग ने इस सहायता के लिए नियम तय किए हैं. नुकसान का वर्गीकरण किया गया है और यह स्पष्ट प्रावधान है कि किस तरह के नुकसान पर कितनी सहायता दी जाएगी. अमित शाह ने कहा कि पशुओं की मृत्यु पर भी क्षतिपूर्ति निर्धारित है.
उन्होंने कहा कि ये नॉर्म्स वेबसाइट पर भी हैं. मुख्यमंत्री ये नॉर्म्स देखकर, इसके हिसाब से अपनी दरख्वास्त दें. हम 25 पैसे भी नहीं काटेंगे. गृह मंत्री शाह ने कहा कि आपने जो फ्रीबिज बांटी है, उसका खर्च इस पैसे से नहीं हो सकता. उन्होंने बिहार से झारखंड तक अग्निशमन के लिए दी हुई सहायता का भी जिक्र किया और कहा कि तमिलनाडु की सहायता की एक बात यहां उठी. बताना चाहता हूं कि तमिलनाडु को भी भरपूर सहायता दी गई है. वायनाड के भूस्खलन को भी गंभीर आपदा घोषित करते हुए पूरी सहायता दी गई है.
पूरी दुनिया में कोविड के खिलाफ सबसे अच्छी लड़ाई हमने लड़ी
वायनाड की आपदा के लिए जारी सहायता राशि के आंकड़े बताते हुए अमित शाह ने कहा कि हम आपदा में पार्टी-पॉलिटिक्स नहीं करते, ये नहीं देखते कि कहां यूपीए की सरकार है और कहां एनडीए की. हमारे लिए किसी भी राज्य का हर एक नागरिक अपना है. कोविड प्रबंधन को लेकर उठे सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में सबसे अच्छी लड़ाई हमने लड़ी. प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के साथ 40 बार बैठक की. कोई बता दे कि किसी आपदा के समय किसी प्रधानमंत्री ने इतनी बार मुख्यमंत्रियों से बात की हो. गृह मंत्री ने ये भी कहा कि हमने न सिर्फ दो-दो टीके बनाए, दो साल में दो-दो बार लगाया भी.
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उन्होंने पीएम केअर्स में पारदर्शिता को लेकर सवालों पर कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय पीएम राहत कोष बना और हमारे समय में पीएम केअर्स फंड. पीएम राहत कोष में कांग्रेस की अध्यक्षा भी सदस्य हैं, हमने इसमें नड्डा को नहीं बनाया. हमने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री को सदस्य बनाए जो पदेन हैं. गृह मंत्री शाह ने कहा कि पीएम राहत कोष में कोई पारदर्शिता नहीं थी. इस पर विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों ने यील्ड करने की डिमांड शुरू कर दी. इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने सभापति से कहा कि अगर गलत हुआ तो लिखित में दे दूंगा नहीं तो ऑथेंटिकेट कर दूंगा.
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जीप कांड से टू जी तक का जिक्र कर कांग्रेस को घेरा
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम राहत कोष का क्या हुआ, राजीव गांधी फंड को दे दिया जो कांग्रेस की अध्यक्षा और उनका परिवार चलाता है. फंड के उपयोग के लिए कोई कमेटी नहीं थी. उन्होंने कहा कि पीएम केअर्स में प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पांच सचिवों की कमेटी बनाई गई है जिसकी अनुशंसा पर ही खर्च किया जाता है. हमने राहत कार्य के साथ-साथ कई तरह की इनोवेटिव सहायता भी की है और इसमें कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है. गृह मंत्री ने कांग्रेस को पारदर्शिता पर नहीं बोलने की नसीहत दी और जीप कांड से बोफोर्स और टू जी तक का जिक्र करते हुए कहा कि आपने इतनी पारदर्शिता आपने बरती है कि बताते हुए थक जाएंगे.