
साल 2001 में पुराने संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ था, आज ही के दिन. इस मौके पर श्रद्धांजली सभा आज आयोजित की गई थी लेकिन कुछ लोग बाहर प्रदर्शन करने लगे, जिसे पुलिस ने तुरंत हिरासत में ले लिया. इसके कुछ देर बाद लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दो युवक सुरक्षा घेरा तोड़कर सदन के भीतर घुस गए. दोनों दर्शक दीर्घा से कूदे थे. उस वक्त बंगाल से भाजपा के सांसद खेगेन मुर्मू बोल रहे थे. घुसपैठियों ने स्प्रे से सदन में धुआं फैला दिया. इससे से लोकसभा में अफरातफरी मच गई. कुछ सांसदों ने घुसपैठियों को पकड़ कर पीटने लगे, सभी सांसद सदन से बाहर आ गए और मीडिया से आपबीती सुनाई.
इस पूरे घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है पुलिस के साथ इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीम भी उनसे पूछछात कर रही है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि ये चूक कैसे हुई, सुनिए 'दिन भर' में.
कैबिनेट बंटवारे का क्या होगा फ़ॉर्मुला?
तीन राज्यों में भाजपा की सरकार बनी आज दो राज्यों में मुख्यमंत्रियों ने शपथ भी ले ली. मध्यप्रदेश में मोहन यादव ने और छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय ने, दोपहर एक बजे के करीब राज्यपाल मंगूभाई ने शपथ दिलवाए. इसके बाद चार बजे छत्तीसगढ़ की राजधानी में विष्णुदेव साय ने भी अपने दोनों उपमुख्यमंत्रियों के साथ शपथ लिया.
दोनों ही कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद थे और उनके साथ राष्ट्र और राज्य के सभी बड़े नेता भी मंच से बैठे थे. कई बड़ो नामों को पीछे रखकर भाजपा नए चेहरों को सामने लेकर आई है, लेकिन अभी कैबिनेट का बंटवारा होना बाकी है. ये काम भी पार्टी के लिए एक टेढ़ी खीर साबित होने वाली है. इस रास्ते से भाजपा कैसे पार पाएगी, सुनिए 'दिन भर' में.
अमेरिका ने इज़रायल को अकेला छोड़ दिया?
इजरायल-हमास यूद्ध का ये तीसरा महीना चल रहा है. अब जा कर संयुक्त राष्ट्र महासभा में बहुमत के साथ गाजा सीजफायर को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया. इस प्रस्ताव के पक्ष में 153 देशों ने वोट किया जिसमें भारत भी शामिल रहा. जबकि अमेरिका और इजरायल समेत 10 देशों ने इसके विरोध में वोट किया और 23 देशों ने तो मतदान में हिस्सा ही नहीं लिया. हालांकि अमेरिका ने विरोध में वोट किया लेकिन प्रसिडेंट जो बाइडेन ने कल गाजा पर हमला रोकने की सलाह दी और ये भी कहा कि उसे फ़िलिस्तीन पर टू नेशन थ्योरी को मान लेनी चाहिए और अगर वो ऐसे ही लगातार बमबारी करते रहे तो दुनिया से मिल रहे समर्थन को भी खो देगा. यहां तक की बाइडेन ने बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार को कट्टर तक करार दे दिया. कल तक जो अमेरिका हर कीमत पर अपने मित्र राष्ट्र इज़रायल के साथ खड़ा था, वो अपना हाथ खींचता क्यों दिख रहा है, ये बदलाव क्यों आया, सुनिए 'दिन भर' में,