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वैक्सीनेशन, सख्त नियम... कोरोना की दूसरी लहर से ऐसे बचे अर्धसैनिक बलों के जवान

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जहां देशभर में रोजाना चार लाख से अधिक केस आए, वहीं अर्धसैनिक बलों में पिछले चार महीनों के दौरान प्रतिदिन संक्रमण का आंकड़ा 100 भी पार नहीं कर पाया.

पैरामिलिट्री फोर्सेज के जवानों ने दूसरी लहर के दौरान सख्त नियमों का पालन किया (फाइल फोटो) पैरामिलिट्री फोर्सेज के जवानों ने दूसरी लहर के दौरान सख्त नियमों का पालन किया (फाइल फोटो)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2021,
  • अपडेटेड 11:37 AM IST
  • जवानों में संक्रमण की दर रही कम
  • अब तक 80 हजार जवान हो चुके हैं संक्रमित

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जहां देशभर में रोजाना चार लाख से अधिक केस आए, वहीं अर्धसैनिक बलों में पिछले चार महीनों के दौरान प्रतिदिन संक्रमण का आंकड़ा 100 भी पार नहीं कर पाया. यही नहीं जवानों में मृत्यु दर भी बेहद कम थी. पिछले 4 महीनों यानी दूसरी लहर में अर्धसैनिक बलों के 128 जवानों की मौत हुई.

देशभर में कुल दस लाख केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात हैं. 97 फीसदी से ज्यादा को टीका लग चुका है. गृह मंत्रालय के आला अधिकारी वैक्सीन को अर्धसैनिक बलों में कोरोना की दूसरी लहर के कम असर की बड़ी वजह मान रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि 11 फरवरी 2021 तक सभी अर्द्धसैनिक बलों में 52656 जवान संक्रमित हुए थे और 199 की मौत हुई थी.

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वहीं पिछले 4 महीनों में करीब 30 हज़ार जवान संक्रमित हुए. वैक्सीन का असर अर्धसैनिक बलों पर काफी दिखाई पड़ रहा है. मार्च के महीने तक 85 फीसदी अर्धसैनिक बलों के जवानों को दोनों टीके लग गए थे, जबकि  97 फीसदी जवानों को पहला टीका लग चुका था. भारत सरकार की नीति के तहत अर्द्धसैनिक बलों के जवान फ्रंटलाइन वर्कर थे.

लिहाजा अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को जनवरी के महीने से ही टीका लगना शुरू हो गया था. अर्धसैनिक बलों के अधिकारी भी वैक्सीन कार्यक्रम के व्यापक असर की बात कह रहे हैं. कोरोना के पहले दौर में यानी पिछले साल मार्च से इस साल 11 फरवरी तक 52656 जवान संक्रमित हुए, जिसमें से 199 जवानों की मौत हो गई.

कोविड के दूसरी लहर में चार महीने में ही कुल संक्रमित जवानों की तादाद 82530 तक पहुंच गई. यानि इस दौरान 29875 नए संक्रमित आए, जिसमें से 128 जवानों ने ही दम तोड़ा. इस दूसरी लहर के दौरान 27 हज़ार से ज्यादा जवान रिकवर भी हुए यानी चार महीनों में रिकवरी रेट 97 फीसदी से ऊपर रही.

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वर्तमान समय में सक्रिय संक्रमित जवानों की तादाद 1473 ही रह गई है. अब तक कोरोना से CRPF के 24416, BSF के 22416, CISF के 19321, SSB के 9200,ITBP के 5843, NDRF के 839 और NSG के 495 जवान संक्रमित हो चुके हैं. यानी कोरोना का असर सीआरपीएफ और बीएसएफ पर ज्यादा पड़ा है.

सरकार के वैक्सीनेशन प्रोग्राम के अलावा अर्द्धसैनिक बलों के जवानों ने कोरोना प्रोटोकॉल का भी सख्ती से पालन किया. साथ ही लक्षण आने पर तुरंत आईसोलेशन और इलाज ने कोरोना संक्रमण को काफी हद तक रोका. कोरोना की तीसरी लहर का कैसे पुख्ता तरीके से मुकाबला किया जाए? इसके लिए भी सारे अर्धसैनिक बलों ने रणनीति बना ली है.

 

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