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'BJP से कैसे लड़ सकते हैं, बंगाल-बिहार ने दिखा दिया...' सोनिया गांधी की बैठक में विपक्ष ने क्या कुछ कहा?

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी एकजुटता की कवायद के तहत देश के कई प्रमुख विपक्षी नेताओं के साथ डिजिटल बैठक की. इस बैठक में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और झारखंड के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए.

Sonia Gandhi (PTI) Sonia Gandhi (PTI)
पॉलोमी साहा/सत्यजीत कुमार/उत्कर्ष कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 11:24 PM IST
  • विपक्षी दलों के नेताओं संग सोनिया गांधी की बैठक
  • विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर बोला हमला
  • तेजस्वी बोले- बंगाल-बिहार ने दिखा दिया, बीजेपी से कैसे लड़ते हैं

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी एकजुटता की कवायद के तहत देश के कई प्रमुख विपक्षी नेताओं के साथ डिजिटल बैठक की. इस बैठक में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और झारखंड के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए. बैठक के जरिए सोनिया गांधी देश के सामने खड़े प्रमुख मुद्दों पर विपक्षी दलों को साथ लेकर सरकार को घेरने की कोशिश में हैं. विपक्षी दलों को एकजुट कर केंद्र सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ लड़ाई को धार देने की कोशिश की जा रही है. बैठक में कांग्रेस समेत 19 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया, जबकि बसपा, सपा इसमें शामिल नहीं हुए. सपा की ओर से बताया गया कि सांसद रामगोपाल यादव के घर पर किसी का निधन हो जाने की वजह से पार्टी की ओर से बैठक में कोई शामिल नहीं हो सका. बैठक में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी से किस तरह से लड़ा जा सकता है, यह बंगाल और बिहार ने दिखा दिया है.  बैठक में ममता बनर्जी से लेकर अन्य विपक्षी नेताओं ने क्या कहा, जानिए...    

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कोरोना को नेशनल डिजास्टर घोषित करे सरकार: हेमंत सोरेन
बैठक में शामिल हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार से कोरोना वैश्विक महामारी को नेशनल डिजास्टर घोषित करने की मांग की. उन्होंने कहा, ''इतनी बड़ी आपदा को केंद्र सरकार अब तक राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया है, यह बात समझ से परे है. हम सभी को कोरोना वैश्विक महामारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग करनी चाहिए. इस महामारी में जितने लोगों की जानें गई हैं, उनके परिजनों को केंद्र सरकार को मुआवजा देना चाहिए. जिन लोगों ने जीवन बचाने के लिए जमीन-जायदाद, गहने आदि बेचकर इलाज करवाया है, उनके पास जीवन यापन के लिए एक रुपया भी नहीं बचा है. उनका आने वाला भविष्य कैसे सुरक्षित होगा, यह चिंता करने का विषय है.'' लोकतंत्र पर केंद्र सरकार को घेरते हुए सीएम ने कहा कि पूरा देश अजीब संकट से गुजर रहा है. केंद्र सरकार देश में लोकतंत्र का चीरहरण कर रही है. केंद्र सरकार देश की जनता को गुमराह करने पर लगी है. सत्र में सांसदों की बातों को नजरअंदाज करना लोकतंत्र के लिए घातक है.

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'विपक्ष की एकता को और ताकतवर बनाने की जरूरत'
बैठक में हेमंत सोरेन ने यह भी कहा कि विपक्ष की एकता को और ज्यादा ताकतवर बनाने की जरूरत है. देश के अंदर और देश के बाहर कई ऐसे मुद्दे हैं जिससे केंद्र सरकार को मजबूती के साथ घेरा जा सकता है. विपक्ष के पास मुद्दों की कमी नहीं है. बीजेपी ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई ऐसे फैसले लिए हैं जो देश हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि आज की बैठक के बिंदु काफी अच्छे रहे हैं. इन बिंदुओं में गैर-बीजेपी शासित राज्यों के अपने-अपने कुछ अन्य महत्वपूर्ण बिंदु हैं, जिस पर चर्चा की जानी चाहिए. देश की सभी संस्थाओं को केंद्र सरकार ने अपनी जेब में कर रखा है.

तेजस्वी बोले- बीजेपी से कैसे लड़ा जाता है, बिहार-बंगाल ने दिखा दिया
सोनिया गांधी की बैठक में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि विपक्ष को अपने एजेंडे पर चुनाव लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि 2024 में विपक्ष की क्या रणनीति होगी? उस पर अभी से तैयारी करनी चाहिए. विगत 7 वर्षों में विपक्ष एक ही तरीक़े से चुनाव लड़ रहा है. विपक्ष अपने एजेंडे पर चुनाव लड़े. मुद्दों में धार और नयापन लाने की जरूरत है. बिहार और बंगाल ने दिखाया है कि बीजेपी से कैसे लड़ा जा सकता है. महंगाई, बेरोज़गारी और सरकार की जनविरोधी नीतियों से मध्यम वर्ग त्रस्त है. राजद ने चुनाव नतीजों के बाद से ही किसानों, मज़दूरों, बेरोजगारों, महंगाई और जातिगत जनगणना को लेकर सड़क से लेकर सदन और संसद तक प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा, ''विपक्ष को सड़क पर आना ही होगा. जीत-हार चुनाव नतीजों के बाद से ही विपक्ष को अगले चुनाव की तैयारी करनी चाहिए. चुनाव से चंद दिन पहले ही गठबंधन होने से कार्यकर्ताओं और मतदाताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है. जो भी गठबंधन और उससे संबंधित सहमति हो, वह तय समय सीमा में चुनाव से पूर्व ही बने.''

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बैठक में क्या बोलीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी?
विपक्ष की बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि हमें यह भूल जाना चाहिए कि नेता कौन है. व्यक्तिगत हितों को अलग करके चलना चाहिए. लोग नेतृत्व करेंगे. सभी विपक्षी दलों को साथ लाना चाहिए. लड़ाई बीजेपी के खिलाफ है. यदि किसी का कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं भी है, उसे भी न्योता दिया जाना चाहिए. ममता बनर्जी ने यह बात तब कही, जब बैठक के लिए आम आदमी पार्टी को निमंत्रण नहीं भेजा गया था. आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने बताया था कि पार्टी को कांग्रेस की ओर से कोई भी निमंत्रण नहीं मिला है. केंद्र सरकार पर बरसते हुए ममता बनर्जी ने आगे कहा कि संस्थानों और एजेंसियों का गलत इस्तेमाल हो रहा है. बंगाल को निशाना बनाने के लिए एनएचआरसी का गलत उपयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिन मुद्दों पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है, वे वैक्सीन, कृषि कानून, पेट्रोल-डीजल की कीमतें, इनकम टैक्स के ब्रैकेट के बाहर आने वाले सभी परिवारों को 7500 रुपये प्रति महीने का भत्ता देना आदि हैं.

 

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