
तेलंगाना के हैदराबाद में एक शैक्षणिक संस्थान में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ शुरू से ही संविधान के मुताबिक सभी आरक्षणों का समर्थन करता रहा है लेकिन कुछ लोग झूठे वीडियो प्रसारित कर रहे हैं. मोहन भागवत ने कहा कि संघ की राय है कि जब तक जरूरत हो तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए. संघ परिवार ने कभी भी कुछ समूहों को दिए गए आरक्षण का विरोध नहीं किया.
मोहन भागवत ने पिछले साल नागपुर में कहा था कि जब तक समाज में भेदभाव है, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए. भेदभाव अदृश्य होते हुए भी समाज में मौजूद है.
मोहन भागवत का यह बयान आरक्षण को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच चल रही जुबानी जंग के मद्देनजर आया है.
कांग्रेस और बीजेपी के बीच क्या है आरक्षण विवाद?
मध्य प्रदेश की रैली में पीएम मोदी ने कांग्रेस को 'ओबीसी समुदाय का सबसे बड़ा दुश्मन' करार दिया और कहा, एक बार फिर कांग्रेस ने पिछले दरवाजे से ओबीसी के साथ सभी मुस्लिम जातियों को शामिल करके कर्नाटक में धार्मिक आधार पर आरक्षण दिया है. इस कदम से ओबीसी समुदाय को आरक्षण के एक महत्वपूर्ण हिस्से से वंचित कर दिया गया है.
विवाद बढ़ा तो कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, यह दावा करना कि कांग्रेस ने पिछड़े वर्गों से मुसलमानों को आरक्षण ट्रांसफर कर दिया, एक सरासर झूठ है. उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा अभी भी मुसलमानों के लिए कोटा के अपने समर्थन पर कायम हैं या नरेंद्र मोदी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. क्योंकि देवगौड़ा ने यह शुरू किया था.
सिद्धारमैया ने कहा, क्या कभी मुसलमानों के लिए आरक्षण लागू करने का दावा करने वाले देवगौड़ा अब भी अपने रुख पर कायम हैं? या वे नरेंद्र मोदी के सामने आत्मसमर्पण कर देंगे और अपना पिछला रुख बदल देंगे? उन्हें राज्य के लोगों को यह स्पष्ट करना चाहिए.