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'मैं शर्म से सिर झुकाता हूं,' अदालतों की स्थिति पर बोले कपिल सिब्बल

न्यूज एजेंसी PTI के साथ बातचीत में सिब्बल ने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में फ्री स्पीच और सुप्रीम कोर्ट ओर से जिस तरह इसकी व्याख्या की गई है, उसे दुर्भाग्य से वह जगह नहीं मिली है, जो इसके लिए संवैधानिक रूप से अनुमत है.

कपिल सिब्बल ने न्यूज एजेंसी PTI से बातचीत में ये बयान दिया. कपिल सिब्बल ने न्यूज एजेंसी PTI से बातचीत में ये बयान दिया.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 3:03 PM IST
  • 'संस्था के कुछ सदस्यों ने हमें नीचा दिखाया'
  • 'कानून के शासन का रोज उल्लंघन हो रहा'

राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने रविवार को न्यायपालिका की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि हाल के दिनों में जो कुछ हुआ है, उसके लिए संस्था के कुछ सदस्यों ने 'हमें नीचा दिखाया' और 'मैं अपना सिर शर्म से झुकाता हूं.'

न्यूज एजेंसी PTI के साथ बातचीत में सिब्बल ने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में फ्री स्पीच और सुप्रीम कोर्ट ओर से जिस तरह इसकी व्याख्या की गई है, उसे दुर्भाग्य से वह जगह नहीं मिली है, जो इसके लिए संवैधानिक रूप से अनुमत है. सिब्बल ने केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला बोला और कहा कि संस्थानों का गला घोंटकर असल में आपातकाल लागू कर दिया गया है. कानून के शासन का रोज उल्लंघन किया जा रहा है. मौजूदा सरकार सिर्फ 'कांग्रेस मुक्त भारत' नहीं, बल्कि 'विपक्ष मुक्त भारत' चाहती है.

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ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी के बारे में सिब्बल ने कहा कि इससे भी बड़ा चिंताजनक मुद्दा यह है कि अदालत के कुछ सदस्यों ने 'हमें निराश किया है.'

सिब्बल इस समय UK में हैं. उन्होंने फोन पर ये इंटरव्यू दिया है. सिब्बल ने कहा कि मैं जिन 'संस्था (न्यायपालिका) का 50 वर्षों से हिस्सा रहा हूं, उनके कुछ सदस्यों ने हमें निराश किया है. मैं शर्म से सिर झुकाता हूं कि ऐसा हुआ है. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका जब कानून के शासन के सामने हो रहे उल्लंघन को लेकर आंखें मूंद लेती है तो हैरानी होती है कि कानून के शासन की रक्षा के लिए बनाई गई संस्था खुली आंखों से कानून के शासन के उल्लंघन की अनुमति क्यों देती है.

जुबैर की गिरफ्तारी और दिल्ली की कोर्ट द्वारा जमानत देने से इनकार करने के बारे में सिब्बल ने कहा कि चार साल पहले किए ऐसे ट्वीट के लिए उस व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाना समझ से परे है, जिसका कोई सांप्रदायिक प्रभाव नहीं हुआ. उन्होंने आगे कहा कि स्पष्ट रूप से हम जो देख रहे हैं, वह एक दुर्भावनापूर्ण गिरफ्तारी समझ में आती है. पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा की विवादास्पद टिप्पणी का जिक्र करते हुए सिब्बल ने कहा कि यह असहिष्णुता और नफरत की संस्कृति का परिणाम है. उन्होंने आगे कहा कि ये सब हो रहा है, क्योंकि नफरत चुनावी लाभ का एक साधन बन गया है. 

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