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'सड़क पर करता था रेसिंग, तभी प्रोफेशनल राइडर का मिला आइडिया...' मिलिए MotoGP में भारत के इकलौते राइडर केवाई अहमद से

इकलौते भारतीय रेसर केवाई अहमद कहते हैं कि इतने सारे देशों के बड़े-बड़े रेसर्स के साथ रेसिंग करना मेरे लिए गर्व की बात है. मैं अकेला हूं जो अपने देश को रिप्रेजेंट करता हूं. हालांकि अभी मैं मोटोजीपी 3 के लिए रेसिंग करता हूं लेकिन उम्मीद है कि बहुत जल्द मुख्य रेस में भी हिस्सा लूंगा.

भारतीय रेसर केवाई अहमद. भारतीय रेसर केवाई अहमद.
मनीष चौरसिया
  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 6:50 AM IST

ग्रेटर नोएडा में MotoGP रेस का आयोजन हो रहा है. इसमें वैसे तो 41 देश के 82 राइडर हिस्सा ले रहे हैं. लेकिन, केवाई अहमद इन सभी राइडर्स में इकलौते भारतीय राइडर हैं. 25 साल के अहमद मोटोजीपी-3 के रेसर हैं. अहमद चेन्नई के रहने वाले हैं.

'देश के लिए खेलना गर्व की बात'

इकलौते भारतीय रेसर केवाई अहमद कहते हैं कि इतने सारे देशों के बड़े-बड़े रेसर्स के साथ रेसिंग करना मेरे लिए गर्व की बात है. मैं अकेला हूं जो अपने देश को रिप्रेजेंट करता हूं. हालांकि अभी मैं मोटोजीपी 3 के लिए रेसिंग करता हूं लेकिन उम्मीद है कि बहुत जल्द मुख्य रेस में भी हिस्सा लूंगा.

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'गैरकानूनी रूप से सड़क पर कर रहा था रेसिंग'

अहमद बताते हैं कि मुझे बचपन से ही बाइक रेसिंग का शौक रहा है. 15 साल की उम्र में अपने शहर में सड़क पर बाइक रेसिंग कर रहा था. सड़क पर इस तरह से रेस लगाना गैरकानूनी है. हालांकि मुझे उस वक्त कानून के बारे में इतना पता नहीं था. सड़क पर मेरी रेसिंग देखकर एक प्रोफेशनल रेसर ने मुझसे कहा कि तुम्हें प्रोफेशनल राइडिंग में प्रैक्टिस करनी चाहिए. उन्होंने ही मुझे बताया कि चेन्नई में बाइक रेसिंग के लिए ट्रैक भी है, जो कि मुझे नहीं पता था और इस तरह से मेरी जर्नी शुरू हो गई.

'मां बाप नहीं मान रहे थे'

अहमद बताते हैं कि बाइक रेसिंग वैसे भी इंडिया में बहुत प्रचलित नहीं है. ऐसे में जैसे ही मैंने अपने घर वालों को बताया कि मैं बाइक रेसिंग करना चाहता हूं तो वो नाराज हो गए. मेरी मां ने तुरंत इंकार कर दिया क्योंकि उनको डर था कि कहीं मुझे चोट ना लग जाए, लेकिन फिर मेरे कोच ने घर वालों को समझाया. उसके बाद बड़ी मुश्किल से मेरी मां मान गईं और मेरी ट्रेनिंग शुरू हो गई.

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'मोटो जीपी से यंग राइडर्स के लिए खुलेंगे रास्ते'

अहमद कहते हैं कि हमारे देश में अभी मोटोजीपी जैसे आयोजन बहुत मशहूर नहीं हैं, लेकिन इस तरह की रेस का इंडिया में होने से नए राइडर्स को बहुत फायदा मिलेगा. अभी उनके लिए अवसर बहुत कम दिखाई पड़ते हैं लेकिन आने वाले वक्त में और खासकर इस आयोजन के बाद उनके लिए और रास्ते खुलेंगे.

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