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BrahMos Missile: सुखोई-30MKI से 'नए ब्रह्मोस' का सफल परीक्षण, टारगेट ध्वस्त

BrahMos Extended Range Air Version: भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने बंगाल की खाड़ी में Su-30MKI फाइटर जेट से ब्रह्मोस एक्सटेंडेड एयर वर्जन मिसाइल का सफल परीक्षण किया. मिसाइल ने सटीकता के साथ निशाना लगाते हुए टारगेट को खत्म कर दिया.

BrahMos Air Version Missile: Su-30MKI फाइटर जेट से ब्रह्मोस मिसाइल लॉन्चिंग. (फाइल फोटोः ANI) BrahMos Air Version Missile: Su-30MKI फाइटर जेट से ब्रह्मोस मिसाइल लॉन्चिंग. (फाइल फोटोः ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 मई 2022,
  • अपडेटेड 6:13 PM IST
  • लंबी दूरी का एयर लॉन्च वर्जन हुआ तैयार
  • बढ़ रही है इंडियन फाइटर जेट्स की ताकत

भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने बंगाल की खाड़ी में एयर लॉन्च्ड ब्रह्मोस मिसाइल को सुखोई-30 एमकेआई से सफलतापूर्वक लॉन्च किया. मिसाइल ने खाड़ी में मौजूद टारगेट पर सटीक निशाना लगाया. इस परीक्षण के साथ ही भारतीय वायुसेना ने सुखोई फाइटर जेट से जमीन या समुद्र में लंबी दूरी के टारगेट्स पर निशाना लगाने की क्षमता हासिल कर ली है. इसके साथ ही अब प्रेसिसन स्ट्राइक करने की उसकी क्षमता बढ़ गई है. 

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इस परीक्षण के दौरान भारतीय वायुसेना के साथ भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO), भारतीय नौसेना (Indian Navy), बीएपीएल और हिएलि (HAL) शामिल थे. ब्रह्मोस के एक्सटेंडेड वर्जन मिसाइल की वजह से सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट्स की मारक क्षमता बढ़ गई है. भविष्य में होने वाले किसी भी युद्ध ये एक खतरनाक जोड़ी बनकर दुश्मन के होश उड़ा देंगे.  

एक महीने पहले भी एयर फोर्स ने ब्रह्मोस एयर वर्जन का सफल परीक्षण किया था. (फोटोः ANI)

ऐसा माना जा रहा है कि ब्रह्मोस के इस नए वर्जन की रेंज 800 किलोमीटर होगी. यानी हमारे फाइटर जेट हवा में रहते हुए दुश्मन के ठिकानों को इतनी दूर से ही ध्वस्त कर सकते हैं. हो सकता है कि यह परीक्षण इसी संबंध में हो लेकिन वायुसेना या सरकार की तरफ इसे लेकर कोई बयान नहीं आया है. 

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लगातार एयरफोर्स और नेवी कर रहे हैं परीक्षण

करीब एक महीने पहले भी सुखोई 30 एमकेआई फाइटर जेट से भारतीय नौसेना (Indian Navy) के डिकमीशन्ड जहाज पर ब्रह्मोस (BrahMos) मिसाइल से लाइव फायर किया गया था. मिसाइल ने जहाज में एक बड़ा गड्ढा कर दिया था. भारत सरकार लगातार टैक्टिकल मिसाइलों की रेंज को बढ़ा रही है. सिर्फ एक सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने से मिसाइल की रेंज में 500KM की बढ़ोतरी होती है. भारतीय वायुसेना के 40 सुखोई-30 MKI फाइटर जेट पर ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें तैनात की हैं. ये मिसाइलें दुश्मन के कैंप को पूरी तरह से तबाह कर सकती हैं. 

ब्रह्मोस मिसाइल को वायुसेना के अलग-अलग लड़ाकू विमानों में तैनात करने की योजना है. (फोटोः विकिपीडिया)

पिछले साल 8 दिसंबर 2021 वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमके-1 में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एयर वर्जन का सफल परीक्षण किया गया. मिसाइल ने तय मानकों को पूरा करते हुए दुश्मन के ठिकाने को ध्वस्त कर दिया. सुखोई-30 एमके-1 (Sukhoi-30 MK-1) फाइटर जेट में लगाए गए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को पूरी तरह से देश में ही विकसित किया गया है. इसमें रैमजेट इंजन (Ramjet Engine) तकनीक का उपयोग किया गया है. ताकि इसकी गति और सटीकता और ज्यादा घातक हो जाए. इससे पहले ब्रह्मोस मिसाइल के एयर वर्जन का सफल परीक्षण जुलाई 2021 में किया गया था. 

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अन्य फाइटर जेट्स में भी लगेंगी ये मिसाइलें

भारतीय वायुसेना के सुखोई-30MKI फाइटर जेट्स में भी ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात हैं. इसकी रेंज 500 किलोमीटर है. भविष्य में ब्रह्मोस मिसाइलों को मिकोयान मिग-29के, हल्के लड़ाकू विमान तेजस और राफेल में भी तैनात करने की योजना है. इसके अलावा पनडुब्बियों में लगाने के लिए ब्रह्मोस के नए वैरिएंट का निर्माण जारी है. अगले साल तक इन फाइटर जेट्स में ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात करने की तैयारी पूरी होने की संभावना है.  

भारतीय नौसेना INS विशाखापट्टनम से भी लगातार कर रही है ब्रह्मोस का परीक्षण. (फोटोः पीटीआई)

दुश्मन की नजर में नहीं आती ब्रह्मोस मिसाइल

ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही मार्ग बदलने में सक्षम है. चलते-फिरते टारगेट को भी ध्वस्त कर सकता है. यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम हैं, यानी दुश्मन के राडार को धोखा देना इसे बखूबी आता है. सिर्फ राडार ही नहीं यह किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा देने में सक्षम है.  इसको मार गिराना लगभग असंभव है.

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