
भारतीय वायु सेना के प्रमुख मार्शल वीआर चौधरी ने ग्लोबल कम्युनिटी को पाकिस्तान को वेपन सिस्टम देने के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान चीन को वेस्टर्न मिलिट्री टेक्नीक चीन के साथ साझा करता है. मालूम हो कि चीन पाकिस्तान का अच्छा दोस्त माना जाता रहा है. वायु सेना चीफ ने यह भी कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की वायु सेना की उपस्थिति बढ़ी है क्योंकि चीन तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बढ़ा रहा है.
वायु सेना दिवस की प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वायु सेना प्रमुख ने यह भी सुझाव दिया कि भारतीय वायु सेना को चीनी वायु सेना पर बढ़त हासिल थी. फिर चाहे उसी समय ही क्यों न जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स पूर्वी लद्दाख में भारतीय क्षेत्र के बहुत करीब तीन ठिकानों का निर्माण कर रही थी.
उन्होंने कहा, ''पूर्वी लद्दाख में चीनी PLAF की उपस्थिति में वृद्धि जारी है. चीन ने बुनियादी ढांचे में वृद्धि की, लेकिन जहां तक भारतीय वायुसेना का सवाल है, इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है.''
वायु सेना चीफ चौधरी ने कहा, "इससे (पाकिस्तान और चीन के बीच साझेदारी) से डरने की कोई बात नहीं है. एकमात्र चिंता पश्चिमी तकनीक (अमेरिका, स्वीडन और अन्य यूरोपीय देशों सहित पश्चिमी देशों द्वारा पाकिस्तान को सहायता के लिए दी गई) के बारे में है, जो पाकिस्तान से चीन तक जाती है.'' उन्होंने यह जवाब तब दिया जब दो मोर्चों पर युद्ध की आशंका और कई मंचों पर दोनों विरोधियों के बीच चल रही मिलीभगत के बारे में सवाल किया गया था.
वहीं, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन द्वारा लड़ाकू विमानों की तैनाती के बारे में पूछे जाने पर भारतीय वायु सेना प्रमुख ने कहा कि क्षेत्र में डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया जारी थी, लेकिन भारतीय वायु सेना भी किसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार व तैनात थी.