
भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भारत के लिए Airbus द्वारा बनाए गए पहले C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को लेने सोमवार को स्पेन जाएंगे. रक्षा अधिकारियों ने आजतक को बताया कि वायुसेना प्रमुख सेविले में एयरबस सुविधा के लिए पहला C-295 परिवहन विमान प्राप्त करेंगे.
रक्षा मंत्री द्वारा इसे औपचारिक रूप से वायु सेना में शामिल किया जाएगा. यह विमान पूरी तरह से सैनिकों के साथ लंबी दूरी तय करने में सक्षम है और छोटी हवाई पट्टियों पर भी उतर सकता है.
भारतीय वायुसेना के लिए 56 सी-295 विमानों की खरीद के लिए रक्षा मंत्रालय और स्पेन के एयरबस डिफेंस एंड स्पेस ने लगभग 2 साल पहले समझौता किया था. C-295MW विमान हाई-टेक्नोलॉजी से युक्त करीब 10 टन क्षमता का एक परिवहन विमान है, जो IAF के पुराने एवरो विमान की जगह लेगा. विमान में क्विक रेस्पॉन्स, सैनिकों और कार्गो को पैरा ड्रॉप करने के लिए पीछे की तरफ रैंप गेट है.
कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करने के 48 महीनों के भीतर स्पेन से 16 विमान फ्लाईअवे स्थिति में वितरित किए जाएंगे. साथ ही कॉन्ट्रैक्ट साइन करने के 10 साल के भीतर टाटा कंसोर्टियम द्वारा भारत में 40 विमानों का निर्माण किया जाएगा. यह ऐसा पहला प्रोजेक्ट है जिसमें एक निजी कंपनी द्वारा भारत में सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा. सभी 56 विमानों में स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट लगाया जाएगा. यह प्रोजेक्ट भारत में एयरोस्पेस ईकोसिस्टम को बढ़ावा देगा, इसमें देशभर में फैले कई MSME विमान के हिस्सों के निर्माण में शामिल होगा. यह कार्यक्रम सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' को बढ़ावा देगा.
C-295 विमान को दो लोग उड़ाते हैं. इसमें 73 सैनिक या 48 पैराट्रूपर्स या 12 स्ट्रेचर इंटेसिव केयर मेडवैक या 27 स्ट्रेचर मेडवैक के साथ 4 मेडिकल अटेंडेंट सफर कर सकते हैं. यह एक बार में अधिकतम 9250 किलोग्राम वजन उठा सकता है. इसकी लंबाई 80.3 फीट, विंगस्पैन 84.8 फीट और ऊंचाई 28.5 फीट है.