
कश्मीरी IAS शाह फैसल का ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस ट्वीट में IAS शाह ने ऋषि सुनक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने की खबर के बहाने इस्लामिक देशों पर निशाना साधा है. और भारत की खूबसूरती के बारे में बताया है.
शाह फैसल ने चार ट्वीट्स का एक थ्रेड शेयर किया. उन्होंने लिखा- यह सिर्फ इंडिया में ही संभव है कि कश्मीर का एक मुस्लिम युवा इंडियन सिविल सर्विस एग्जाम में टॉप कर सकता है. सरकार के टॉप विभागों तक पहुंच सकता है. सरकार के खिलाफ जा सकता है. फिर वही सरकार उसे बचाती है और अपनाती है.
साल 2009 के UPSC टॉपर शाह फैसल ने आगे लिखा- ऋषि सुनक का ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनना हमारे पड़ोसियों को जरूर चौंका सकती है, जहां का संविधान गैर-मुसलमानों को सरकार के मुख्य विभागों तक पहुंचने से रोकता है. लेकिन भारतीय संविधान ने जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ कभी भेदभाव नहीं किया है. भारतीय मुसलमान बराबर के नागरिक के तौर पर, इतनी आजादी के साथ जीते हैं जिसके बारे में इस्लामिक देश सोच भी नहीं सकते.
खुद के सफर का उदाहरण देते हुए IAS शाह फैसल ने कहा- मेरी खुद की जिंदगी भी एक सफर की तरह है. मैं 130 करोड़ देशवासियों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चला. यहां मैंने अपनापन, सम्मान, प्रोत्साहन और कभी-कभी हर मोड़ पर लाड़-प्यार को महसूस किया है. यह इंडिया है.
आखिर में IAS शाह ने बताया- मौलाना आजाद से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह और डॉ. जाकिर हुसैन से लकेर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक, भारत हमेशा से सबके लिए समान अवसरों वाला देश रहा है. अब भी शीर्ष तक पहुंचने के रास्ते सबके लिए खुले हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि मैंने खुद सबकुछ शिखर से देखा है.
IAS शाह फैसल के ट्वीट को शेयर करते हुए कई लोगों ने उनकी तारीफ की है. एक यूजर ने लिखा- मेरे लिए यह थ्रेड ऑफ द विक है. दूसरे यूजर ने लिखा- इसे जरूर पढ़ा जाना चाहिए... क्या स्टोरी है! हमेशा चमकते रहिए. तीसरे यूजर ने लिखा- दिलचस्प थ्रेड.
बता दें कि IAS शाह फैसल कश्मीर के रहनेवाले हैं. वह साल 2009 के UPSC टॉपर रहे हैं. वह यह मुकाम पाने वाले पहले कश्मीरी हैं. लेकिन जनवरी 2019 में उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया था. इसके बाद उन्होंने जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) पार्टी बनाई और राजनीति में आ गए. लेकिन फिर उन्होंने इस्तीफा वापस लेने का आवेदन दिया जिसे साल 2022 में स्वीकार कर लिया गया.