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मनी लॉन्ड्रिंग केस में वेणुगोपाल धूत को सशर्त जमानत, देश छोड़ने पर लगी रोक

वेणुगोपाल धूत को पांच लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है. जमानत के दौरान कोर्ट ने धूत से कहा कि जांच अधिकारी जब भी उन्हें जांच के लिए बुलाएंगे उन्हें हाजिर होना होगा. जमानत के साथ शर्त यह भी रखी गई है कि कोर्ट की अनुमति के बिना वह देश छोड़कर नहीं जा सकते हैं.  

वेणुगोपाल धूत (फाइल फोटो) वेणुगोपाल धूत (फाइल फोटो)
पंकज उपाध्याय
  • मुंबई,
  • 13 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 5:24 PM IST
  • वेणुगोपाल को PMLA कोर्ट ने दी सशर्त जमानत
  • वेणुगोपाल ने लगाई थी अर्जी
  • चंदा कोचर को पहले ही मिल चुकी है जमानत

वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड के वेणुगोपाल धूत को 12 मार्च को पीएमएलए कोर्ट ने जमानत दे दी. कोर्ट ने उन्हें यह जमानत आईसीआईसीआई बैंक से जुड़े एक मामले में दी. इस मामले में 1,875 करोड़ रुपये संबंधी विवाद है. इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रही है.

धूत को पांच लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है. जमानत के दौरान कोर्ट ने धूत से कहा कि जांच अधिकारी जब भी उन्हें जांच के लिए बुलाएंगे उन्हें हाजिर होना होगा. जमानत के साथ शर्त यह भी रखी गई है कि कोर्ट की अनुमति के बिना वह देश छोड़कर नहीं जा सकते हैं. धूत की जमानत याचिका में उनके स्वास्थ्य का हवाला दिया गया था और बताया गया था कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद उनकी तबीयत ठीक नहीं रह रही है. याचिका में उनके व्यवहार का भी जिक्र किया गया था. कहा गया था कि धूत ने जांच एजेंसी के साथ मदद में सहयोग किया है. वह हमेशा जांच एजेंसी के बुलाने पर मौजूद रहे हैं.

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यह भी कहा गया था कि टेलीकॉम के 21 लाइसेंस निरस्त होने के चलते उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ा है. याचिका में कहा गया कि स्वास्थ्य खराब होने और कर्ज में डूबे रहने के बाद भी याचिकाकर्ता ने देश छोड़ने की बात नहीं सोची. उन्होंने जांच में सहयोग किया है.

धूत को पीएलएमए कोर्ट ने समन किया था जिसके बाद वह कोर्ट के सामने हाजिर हुए थे. इससे पहले आईसीआईसीआई की पूर्व सीईओ चंदा कोचर भी कोर्ट के सामने पिछले महीने पेश हुई थीं. कोर्ट ने उन्हें भी जमानत दे दी थी. कोचर ने विवादों में घिरने के बाद साल  2018 में आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया था. उनपर 2012 में वीडियोकॉन समूह के नाम भारी लोन पास करने का आरोप है.

 

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