
ICICI बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत की सीबीआई हिरासत दो दिन के लिए बढ़ गई है. इन तीनों लोगों की सीबीआई हिरासत आज खत्म हो रही थी, अब 30 दिसंबर तक तीनों लोग सीबीआई हिरासत में रहेंगे.
इससे पहले मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने इन तीनों को ही राहत देते हुए स्पेशल बेड उपयोग करने की इजाजत दी थी. कोचर ने कहा था कि सीबीआई हिरासत में उन्हें इस सर्दी में फर्श पर सोने के लिए मजबूर किया जा रहा था. उन्होंने यह भी बताया कि आरोपी वरिष्ठ नागरिक थे इसलिए उन्हें इन उपयोग की वस्तुओं को प्राप्त करने का अधिकार होना चाहिए. कोचर के अलावा, वेणुगोपाल धूत ने भी चिकित्सा स्थितियों का हवाला देते हुए एक कुर्सी, स्पेशल बिस्तर, गद्दे, तकिए, तौलिया, कंबल और चादर इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी.
साल 2012 में ICICI बैंक ने दिया था लोन
वीडियोकॉन ग्रुप के मालिक वेणुगोपाल धूत को सीबीआई ने सोमवार की सुबह मुंबई से गिरफ्तार किया था, इससे पहला चंदा और दीपक कोचर को शुक्रवार कर लिया गया था. साल 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को ICICI बैंक द्वारा लोन दिया गया था, जो बाद में एनपीए हो गया और बाद में इसे "बैंक फ्रॉड" कहा गया. सितंबर 2020 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था. दरअसल, 2012 में, चंदा कोचर के नेतृत्व में ICICI बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का लोन दिया और छह महीने बाद वेणुगोपाल धूत के स्वामित्व वाली मेसर्स सुप्रीम एनर्जी ने मैसर्स न्यूपावर रिन्यूएबल्स को 64 करोड़ का लोन दिया, जिसमें दीपक कोचर की 50% हिस्सेदारी है.
खुलासा होने के बाद चंदा कोचर ने दिया था इस्तीफा
आरोप है कि इस तरह चंदा कोचर ने अपने पति की कंपनी के लिए वेणुगोपाल धूत को लाभ पहुंचाया. साल 2018 में यह खुलासा होने के बाद चंदा कोचर को बैंक से इस्तीफा देना पड़ा था. सीबीआई ने पहले फरवरी, 2018 में इस मामले में प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी. साल 2019 में चंदा कोचर के खिलाफ आरोपों की जांच कर रही जस्टिस बी.एन. श्रीकृष्णा समिति की रिपोर्ट आई. समिति ने अपनी जांच में पाया कि वीडियोकोन को कर्ज देने के मामले में कोचर ने बैंक की आचार संहिता का उल्लंघन किया. कोचर की स्वीकृति पर इस कर्ज का कुछ हिस्सा उनके पति दीपक की मालिकाना हक वाली कंपनी को दिया गया.