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कोरोना से ठीक लोगों को डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन की एक डोज ही काफी: ICMR

स्टडी से पता चला है कि कोरोना से ठीक हुए शख्स में वैक्सीन की एक डोज भी कोरोना वायरस के फिर से संक्रमण के खिलाफ ढाल बनने के लिए पर्याप्त है और नए उभरते वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षा भी प्रदान करती है.

सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई) सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
मिलन शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 8:06 PM IST
  • हुमोरल और सेलुलर इम्यून की वैरिएंट के खिलाफ अहम भूमिका
  • कोविशील्ड लेने वालों की एंटीबॉडी प्रतिक्रिया पर की गई थी स्टडी
  • आज देश में 55.49 लाख डोज, अब तक 34.54 करोड़ डोज लगे

कोरोना के खतरनाक डेल्टा प्लस वैरिएंट के खतरे के बीच खबर है कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि जो लोग कोरोना से ठीक हुए और वैक्सीन की एक या दो डोज हासिल कर चुके हैं, वे कोविशील्ड वैक्सीन की एक या दो डोज लेने वाले व्यक्तियों की तुलना में डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ ज्यादा सुरक्षा दिखते हैं.

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आईसीएमआर की स्टडी से पता चलता है कि हुमोरल और सेलुलर इम्यून कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो अन्य म्यूटेडेट स्ट्रेंस की तुलना में अधिक संक्रमणीय और विषाणुजनित है.

रिपोर्ट के अनुसार, अध्ययन के निष्कर्षों से पता चला है कि कोरोना से ठीक हुए लोगों ने अगर वैक्सीन की एक या दो डोज ली है तो वे कोविशील्ड की एक या दो डोज लेने वाले अन्य लोगों की तुलना में डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ ज्यादा सुरक्षित हैं. स्टडी के जरिए कोविशील्ड (पहली डोज और दूसरी डोज) से प्रतिरक्षित व्यक्तियों की एंटीबॉडी प्रतिक्रिया को बेअसर करने का आकलन किया गया. 

इसे भी क्लिक करें --- EXPLAINER- क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट, एक्सपर्ट इसे क्यों बता रहे संभावित तीसरी लहर की वजह

क्या है डेल्टा वैरिएंट

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इससे पहले पिछले महीने ICMR ने भारत में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है तो यह दूसरी लहर जितनी गंभीर नहीं होगी. हालांकि टीकाकरण के प्रयासों में तेजी से बढ़ोतरी ना सिर्फ कोरोना बल्कि भविष्य में किसी अन्य लहर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.

पहले जिस देश से कोरोना वायरस का वह वैरिएंट सबसे पहले सामने आया था, उसके नाम से उसे जाना जाता था. फिर WHO ने इनको नए नाम दिए. अब कोरोना के वैरिएंट्स को डेल्टा, कप्पा, अल्फा, बीटा और गामा आदि नामों से जाना जाता है.

अब तक 34.54 करोड़ वैक्सीन 

निष्कर्षों से पता चलता है कि कोरोना से ठीक हुए शख्स में वैक्सीन की एक डोज भी कोरोना वायरस के फिर से संक्रमण के खिलाफ ढाल बनने के लिए पर्याप्त है और नए उभरते वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षा भी प्रदान करती है क्योंकि उनके पास स्वाभाविक रूप से हाई न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी बन जाते हैं.

इस बीच देश में टीकाकरण अभियान जारी है. आज शनिवार को अब तक 55,49,771 डोज दिए जा चुके हैं. इस तरह से अब तक देश में कुल 34,54,08,527 डोज दिए जा चुके हैं जिसमें पहला डोज लेने वालों की संख्या 28,30,22,988 है जबकि 6,23,85,539 लोगों को दूसरी डोज दी गई है.

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