दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम भी बम ब्लास्ट केस की जांच कर रही है. क्राइम ब्रांच की एक टीम ब्लास्ट वाले रोड अब्दुल कलाम रोड पर कितने लोगों का पिकअप एंड ड्रॉप हुआ है, उसका पता लगा रही है, और वहीं इसके लिए टेक्सी सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनी से डाटा मांगा जा रहा है जिनकी टैक्सी इस रोड पर आई हो. वहीं रोड और उसके आस-पास के रोड पर पिछले 3 दिन की फुटेज को निकाला जा रहा है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने दिल्ली पुलिस के हवाले से बताया कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कल इजराइल दूतावास के पास कल हुए विस्फोट के सिलसिले में राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे कुछ ईरानियों से पूछताछ कर रही है. जिन विदेशी नागरिकों से पूछताछ की जा रही है, उनमें वे भी शामिल हैं, जिनके वीजा समाप्त हो चुके हैं.
इजरायली दूतावास के बाहर से जहां ब्लास्ट हुआ था वहां से गुलाबी रंग का एक दुपट्टा मिला है. दुपट्टे का क्या रहस्य है, इसका पता लगाया जा रहा है. ये वो गुलाबी दुपट्टा है जो ब्लास्ट वाली जगह पर आधा जला हुआ मिला है. लेकिन इसके रहस्य से पर्दा उठना अभी बाकी है.
एनएसजी की टीम धमाके वाली जगह पहुंची है. वहीं जिस कैब ड्राइवर ने दिल्ली पुलिस को फोन कर दो संदिग्ध लोगों के बारे में बताया था, वो कैब ड्राइवर झूठा निकला. वो कल पूरे दिन शराब ने नशे में धुत था और उसकी लोकेशन दिल्ली एयरपोर्ट पर थी. स्पेशल सेल ने पूछताछ कर हिदायत देकर उसे छोड़ दिया.
इजरायली दूतावास के पास धमाके की जांच में पता चला है कि जिस बम का इस्तेमाल किया गया था, उसे एक प्रोफेशनल ने तैयार किया था. जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं कि बम तैयार करने वाले व्यक्ति को इसकी ट्रेनिंग दी गई थी.
धमाके के लिए टाइमर का इस्तेमाल किया गया था. जांचकर्ताओं ने ड्राई सेल के टुकड़े घटनास्थल से इकट्ठे किए हैं. माना जा रहा है कि इससे जांच और भी मुश्किल हो जाएगी. आशंका ये है कि धमाके के लिए इस्तेमाल विस्फोटक सेना में इस्तेमाल होने वाला विस्फोटक (मिलिट्री ग्रेड एक्सप्लोसिव)) है. हालांकि इस बारे में फॉरेंसिक रिपोर्ट अभी भी नहीं आई है.
अगर ब्लास्ट में मिलिट्री ग्रेड विस्फोटक के हो जाने की पुष्टि हो जाती है तो इससे ये निष्कर्ष निकलेगा कि ये काम किसी एजेंसी या प्रोफेशनल संस्था द्वारा अंजाम दिया गया है.
इजरायली दूतावास के पास हुए धमाके की जांच के लिए एनएसजी की एक टीम को लगाया गया है. ये टीम विस्फोटक का विश्लेषण करेगी.
दिल्ली पुलिस ने इजरायली दूतावास के बाद हुए धमाके में बैटरी के अंश बरामद किए हैं. इससे स्पष्ट हो रहा है कि धमाके में टाइमर का इस्तेमाल किया गया था.
पुलिस ने आज सुबह बैटरी के अंश घटनास्थल से बरामद किए हैं. इससे ये थ्योरी खारिज हो जाती है कि चलती कार या बाइक पर सवार शख्स ने IED को फेंका और फरार हो गया. सूत्रों के अनुसार धमाके के लिए उच्च गुणवत्ता के प्रोडक्ट इस्तेमाल किए गए. आशंका जताई जा रही है कि PETN का इस्तेमाल किया जा रहा है.
इजरायली दूतावास के बाहर धमाके के बाद दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है.
स्पेशल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा कुछ देर पहले घटनास्थल पहुंचे थे. अभी अभी स्पेशल सेल के कुछ अधिकारी एक बैग में कुछ दस्तावेज और दूसरे सामान लेकर इजरायली दूतावास के अंदर गए हैं.
इजरायली दूतावास के बाहर IED ब्लास्ट की जिम्मेदारी जैश-उल हिंद नाम के संगठन ने ली है. इस संगठन ने दावा किया है कि उसने ही इजरायली दूतावास के सामने धमाका करवाया है. देश की खुफिया एजेंसियां इस दावे की सत्यता की जांच कर रही है.
खुफिया एजेंसियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलिग्राम पर एक चैट पाया है.
इजरायली दूतावास के सामने हुए ब्लास्ट की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी के 6 से 7 अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं. इससे पहले आज सुबह दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के अधिकारी इजरायली दूतावास के पास घटनास्थल पहुंचे थे. यहां पर स्पेशल सेल ने सबूत इकट्ठा किया है. यहां शुक्रवार शाम 5 बजकर 5 मिनट पर धमाका हुआ था.
दिल्ली पुलिस दिल्ली में बसे सभी ईरानियों का ब्यौरा इकट्ठा कर रही है. इसके अलावा दिल्ली के सभी होटलों से संपर्क किया जा रहा है और वहां रुके ईरानियों की डिटेल्स ली जा रही है. दिल्ली एयरपोर्ट और बाकी संवेदनशील क्षेत्रों मे सतर्कता बढ़ाई गयी है.
जांच एजेंसियों ने कोल्ड ड्रिंक कैन के टूटे हुए टुकड़े और बॉल बियरिंग्स घटना स्थल से इकट्ठा किए हैं. इन टुकड़ों को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है. प्राथमिक जांच से पता चला है कि कोल्ड ड्रिंक कैन में विस्फोटक और बॉल बियरिंग्स को ठूस दिया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक बॉल बियरिंग्स कार के शीशे से जा टकराया और कार के शीशे टूट गए. ये भी आशंका जताई जा रही है कि विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया है. सूत्रों के मुताबिक ब्लास्ट में इस्तेमाल किया गया IED घर में बना हो सकता है.
इजरायली दूतावास के पास हुए धमाके का ईरानी कनेक्शन आने के बाद दिल्ली पुलिस सक्रिय हो गई है. दिल्ली पुलिस ने FRRO यानी कि Foreigners Regional Registration Office से वैसे लोगों की सूची मांगी है जो पिछले एक महीने में ईरान और दूसरे मध्य पूर्व देशों से दिल्ली आए हैं.
दिल्ली में इजरायली दूतावास के नजदीक जिस जिंदल हॉउस के सामने धमाका हुआ वहां सीसीटीवी नहीं है. उसके बगल में सीसीटीवी तो है लेकिन वो खराब है. सूत्रों का दावा है कि इससे ये लगता है कि घटनास्थल की पूरी रेकी की गई है. सूत्रों के मुताबिक आईईडी भले लो इंटेंसिटी का था लेकिन मटेरियल ज्यादा इस्तेमाल हुआ था.
स्पेशल सूत्रों के मुताबिक जो लिफाफा मिला है जांच एजेंसियां उसका टच डीएनए करवाएगी, ताकि सबूत सुरक्षित करवाए जा सकें. इसके अलावा जांच के अपडेट पर इजरायल की जांच एजेंसी मोसाद की भी नजर है. इस जांच में मोसाद के शामिल होने पर सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने कहा है कि हर एजेंसी अपने लेवल पर काम करती है. अभी तक मोसाद स्पॉट पर आएगी इसकी कोई जानकारी नहीं है लेकिन वे अपनी पैरलल जांच करते ही हैं.
दिल्ली में इजरायल दूतावास के बाहर धमाके में ईरान कनेक्शन सामने आ रहा है. दूतावास के बाहर एक लिफाफा बरामद हुआ है जिसमें एक चिट्ठी मिली है. ये चिट्ठी इजरायल के राजदूत के नाम से है. मौके से बरामद चिट्टी में धमाके को ट्रेलर बताया गया है. इस चिट्ठी में ईरान के उस जनरल कासिम सुलेमानी का जिक्र है, जिनकी 3 जनवरी 2020 को इराक में बगदाद एयरपोर्ट के पास ड्रोन हमले में हत्या कर दी गई थी. इसके अलावा ईरान के टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट मोहसिन फकीरजादेह का भी नाम है. जिनकी हत्या में सैटेलाइट नियंत्रित स्मार्ट सिस्टम मशीनगन का इस्तेमाल किया गया था. इस चिट्ठी में इन दोनों की हत्या का बदला लेने की बाद कही गई है. एजेंसिया अब इस एंगल से भी मामले की जांच कर रही हैं.
इजरायली दूतावास के पास हुए धमाके में दिल्ली पुलिस समेत अन्य जांच एजेंसियों ने तफ्तीश तेज कर दी है. सूत्रों के मुताबिक इजरायली एम्बेसी के पास हुए धमाके में मिले एक और सीसीटीवी फुटेज में एक कैब दिखाई दी है. इस कैस से 2 लोगों को उस जगह पर उतारा गया था जहां पर धमाका हुआ है, और इसके बाद कैब चली गई.
सीसीटीवी में दोनों संदिग्ध पैदल ही ब्लास्ट वाली जगह की तरफ जा रहे हैं. स्पेशल सेल ने उस कैब चालक से संपर्क किया है. संदिग्धों के हुलिए का खाका दिल्ली पुलिस तैयार कर रही है.