
छात्रों के सुसाइड से जुड़ी खबरें अकसर आती हैं, जिनमें कभी शोषण से तंग आने, कभी डिप्रेशन तो कभी नौकरी नहीं मिलने से परेशान होकर स्टूडेंट सुसाइड कर लेते हैं. ऐसा ही एक मामला आईआईटी हैदराबाद से सामने आया है. यहां बीते 31 अगस्त को सुसाइड करने वाले एमटेक के छात्र के सुसाइड केस में पुलिस ने खुलासा किया है कि नौकरी नहीं मिलने की वजह से उसने ऐसा कदम उठाया.
दरअसल बीते 31 अगस्त की सुबह आईआईटी हैदराबाद के एमटेक स्टूडेंट राहुल (22) ने अपने कमरे में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था. उसने अपने कमरे में सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसमें लिखा था कि आईआईटी जैसा प्रमुख संस्थान साल 2019 में कैंपस में हुई तीन सुसाइड केस की रिपोर्ट से कुछ भी सीखने में नाकाम रहा.
नौकरी नहीं मिलने से डिप्रेशन में था छात्र
संगारेड्डी के डीएसपी ने बताया कि पुलिस को जांच में पता चला है कि स्टूडेंट को जिंदगी में कोई दिलचस्पी नहीं थी. उन्हें आईआईटी में एमटेक की सीट मिल गई थी, लेकिन कोविड की वजह बीटेक के बाद नौकरी नहीं मिल रही थी, जिससे वह डिप्रेशन में चल रहा था.
IIT कानपुर में पीएचडी छात्र ने लगाई थी फांसी
बीते 7 सितंबर को कानपुर आईआईटी के एक छात्र ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. वाराणसी का रहने वाला मृतक छात्र पीएचडी का स्टूडेंट था. उसके पिता वाराणसी में ट्रैवल एजेंसी चलाते हैं. पुलिस की ओर से बताया गया था कि मृतक के पास से किसी भी तरह का सुसाइड नोट नहीं मिला था.
IIT बॉम्बे के छात्र ने की थी खुदकुशी
आईआईटी कानपुर से पहले इस साल की शुरुआत में आईआईटी बॉम्बे के एक 26 वर्षीय छात्र ने 7वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी थी. छात्र मास्टर्स के सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रहा था. पुलिस ने उसके हॉस्टल से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया था, जिसमें उसने लिखा था कि उसे डिप्रेशन की समस्या है और उसका इलाज चल रहा है. लड़के ने किसी को भी अपनी आत्महत्या के पीछे जिम्मेदार नहीं ठहराया था.