
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बंगाल चैप्टर ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल को पत्र लिखकर आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आग्रह किया. आरजी कर अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं के सिलसिले में 2 सितंबर को सीबीआई की ओर से घोष की गिरफ्तारी के बाद, पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने 7 सितंबर को उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा था. इसमें कहा गया था कि उनका मेडिकल रजिस्ट्रेशन क्यों नहीं रद्द किया गया.
संदीप घोष की ओर से नहीं आया कोई जवाब
सूत्रों ने बताया कि बलात्कार-हत्या मामले में गिरफ्तारी के बाद सीबीआई की हिरासत में मौजूद घोष की ओर से कोई जवाब नहीं आया है. मंगलवार को आईएमए बंगाल ने पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष सुदीप्तो रॉय को पत्र लिखकर पूछा कि संविधान में ऐसा करने का प्रावधान होने के बावजूद घोष का मेडिकल रजिस्ट्रेशन अभी तक रद्द क्यों नहीं किया गया.
आईएमए ने रॉय से कहा कि 'डॉ. संदीप घोष के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों को अलग रखें और उनका मेडिकल रजिस्ट्रेशन तुरंत रद्द करें.' यह पत्र आईएमए बंगाल इकाई के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शांतनु सेन ने लिखा है.
सीएम ममता ने हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों से की बात
उल्लेखनीय है कि सोमवार को ममता सरकार ने हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों से बातचीत की और उनकी 5 में से तीन मांगों को मानते हुए चिकित्सा शिक्षा निदेशक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक को हटा दिया. इसके साथ ही पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को भी मंगलवार को हटाकर नए आईपीएस अधिकारी को जिम्मा सौंपा गया है. ममता सरकार ने आईपीएस मनोज कुमार वर्मा को कोलकाता का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया है. वहीं आईपीएस विनीत गोयल को पश्चिम बंगाल पुलिस के एडीजी, एसटीएफ के पद पर तैनात किया गया है, जहां वे कोलकाता के सीपी बनने से पहले तैनात थे.
आईपीएस मनोज कुमार 1998 बैच के अधिकारी हैं. वे पश्चिम बंगाल पुलिस में एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) के पद पर तैनात थे. इससे पहले वे बैरकपुर के पुलिस कमिश्नर और सुरक्षा निदेशालय में अतिरिक्त निदेशक के पद पर कार्यरत थे. मनोज वर्मा बंगाल पुलिस के शीर्ष वरिष्ठ अधिकारियों में से एक हैं, जिन्हें नक्सलवाद प्रभावित जंगलमहल क्षेत्र में कई वर्षों तक अग्रिम पंक्ति में काम करने का बहुत बड़ा अनुभव और विशेषज्ञता है. वे सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र में एसपी के रूप में तैनात थे और उन्होंने नक्सलवादियों के खिलाफ संयुक्त अभियान का नेतृत्व किया था, जब राज्य के कई जिले नक्सलवादियों के प्रभाव में थे.