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हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मॉनसून तबाही बनकर बरस रहा है. बाढ़-बारिश के अलावा दरकते पहाड़ और चटकती चट्टानें लोगों को दहशत में डाल रही हैं, कई जगहों पर भूस्खलन ने रास्तों को बंद कर दिया है और कई जगह पर्यटक जहां-तहां फंसे हुए हैं. एक तरफ जहां पहाड़ी राज्य मौसम की मार से कराह रहे हैं. तो वहीं, मैदानी राज्य पंजाब और हरियाणा में भी बादल कहर बनकर बरसे हैं. पंजाब में जो हालात हैं, ऐसे हालात शायद ही पहले कभी देखे गए हों, मोहाली और चंडीगढ़ में बाढ़ की तस्वीरें परेशान कर रही हैं. हरियाणा के भी कई इलाके पानी-पानी हैं. अब उत्तर प्रदेश और बिहार में मॉनसून का रौद्र रूप नजर आने वाला है.
इन राज्यों में दिखेगा मॉनसून का रौद्र रूप
मौसम विभाग के मुताबिक, पूर्वोत्तर राजस्थान और उससे सटे उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश क्षेत्र पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जो समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. वहीं, पश्चिमी विक्षोभ एक ट्रफ के रूप में मौजूद है. इससे कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना बन रही है.
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आईएमडी के मुताबिक, समुद्र तल पर मॉनसून ट्रफ रेखा अब जैसलमेर, सीकर, उरई से होकर सुल्तानपुर, पटना, मालदा और वहां से पूर्व की ओर अरुणाचल प्रदेश तक फैली हुई है. इसके असर से पूर्वोत्तर राजस्थान और पश्चिम मध्य प्रदेश के इलाकों से बढ़ते हुए उत्तर प्रदेश और बिहार में मध्यम से भारी बारिश के साथ कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश हो सकती है. इससे माना जा रहा है कि यूपी और बिहार में अब मॉनसून का रोद्र रूप नजर आने वाला है. यूपी और बिहार के अलावा विदर्भ, झारखंड और ओडिशा में भी कुछ अच्छी बारिश हो सकती है.
उत्तर प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग के पूर्वानुमान की बात करें तो उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 15 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट का है. आज और कल (12-13 जुलाई) लखनऊ में आमतौर पर आसमान में बादल छाए रहेंगे और एक या दो बार बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ेंगी. लेकिन 14 और 15 जुलाई को यहां भारी बारिश देखने को मिल सकती है. इसके बाद भी तादाद में कुछ कमी के साथ बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी. इस दौरान न्यूनतम तापमान 26-27 के बीच रहेगा और अधिकतम तापमान 33 से 34 के बीच दर्ज किया जाएगा. बता दें कि यूपी के कई इलाकों में 11 जुलाई से तेज बारिश का सिलसिला जारी है.
बिहार में फिर बाढ़ का खतरा!
बिहार की बात करें तो यहां मॉनसून में हर बार बाढ़ का कहर देखने को मिलता है. तेज बारिश के अलर्ट के साथ एक बार फिर बाढ़ की संभावना बनी हुई है. मौसम के पूर्वानुमान के मुताबिक, बिहार की राजधानी पटना में आज से 16 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना है. 17 जुलाई से बारिश में कमी देखने को मिलेगी लेकिन ये सिलसिला जारी रहेगा. बिहार में हर साल मॉनसून में बाढ़ का कहर देखने को मिलता है. ऐसे में इस बार एक बार फिर यहां भारी बारिश के अलर्ट के चलते बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.
कैसी हैं मौसमी गतिविधियां?
मौसम विभाग के मुताबिक, पूर्वोत्तर राजस्थान और उससे सटे उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश क्षेत्र पर एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में बना हुआ है, जो समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. औसत समुद्र तल पर मॉनसून ट्रफ अब जैसलमेर, सीकर, उरई, सुल्तानपुर, पटना, मालदा से होकर गुजर रही है और वहां से पूर्व की ओर अरुणाचल प्रदेश तक रहेगी, ये औसत समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर तक फैली हुई है.
इसके अलावा पश्चिमी विक्षोभ एक गर्त के रूप में अब समुद्र तल से 3.1 और 9.5 किमी ऊपर के बीच देखा जा रहा है, जिसकी धुरी समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है और अब लगभग 68° पूर्व देशांतर के साथ 28° उत्तर अक्षांश के उत्तर में चलती है. वहीं, एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण हरियाणा और आस-पास के क्षेत्र में समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर स्थित है. इसके असर से पूर्वोत्तर राजस्थान से अरुणांचल प्रदेश तक बढ़ते हुए प्रभावित राज्यों में भारी बारिश देखने को मिल सकती है, जिसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश के इलाके, यूपी, बिहार, सिक्किम और अरुणांचल प्रदेश के भारी से भारी बारिश का अंदेशा है.