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पाकिस्तान ने प्रदूषण के लिए भारत को ठहराया जिम्मेदार, IMD ने खारिज किए सभी आरोप

पाकिस्तान का लाहौर इन दिनों गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहा है, जिसके लिए पाकिस्तान ने भारत को जिम्मेदार ठहराया है. इस पर आईएमडी का कहना है कि दिवाली के दो दिन बाद और उसके बाद प्रमुख हवा उत्तर-पश्चिमी थी यानी हवा पश्चिम से पूर्व की ओर लगभग 15 किमी/घंटा की गति से आ रही थी, इसलिए प्रदूषण का पाकिस्तान की ओर जाने का कोई मतलब नहीं है.

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कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 04 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 5:06 PM IST

आईएमडी सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान का आरोप है कि भारत से प्रदूषण पाकिस्तान आ रहा है. इस पर भारत की तरफ से जवाब देते हुए IMD ने बताया कि दिवाली के दो दिन बाद और उसके बाद प्रमुख हवा उत्तर-पश्चिमी थी यानी हवा पश्चिम से पूर्व की ओर लगभग 15 किमी/घंटा की गति से आ रही थी, इसलिए प्रदूषण का पाकिस्तान की ओर जाने का कोई मतलब नहीं था. 

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वहीं, आज भी हवा शांत है और शाम को कभी-कभी दक्षिण-पूर्वी हो जाती है, इसलिए इतनी तेज गति से प्रदूषक आगे नहीं बढ़ पाते. अगले कुछ दिनों तक इसी तरह का मौसम रहने की संभावना है. इसलिए पाकिस्तान के आरोपों का कोई मतलब नहीं है, जो तथ्यों पर आधारित होने के बजाय राजनीतिक अधिक प्रतीत होते हैं. 

लाहौर की हवा में घुला जहर

दरअसल, पाकिस्तान के लाहौर में प्रदूषण से बुरा हाल है. लाहौर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 1000 से अधिक तक पहुंच चुका है, जिसको देखते हुए लाहौर के प्रशासन ने एक हफ्ते के लिए स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है. इसके अलावा लाहौर की सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाएगा और कंस्ट्रक्शन वर्क को रोकने के लिए कहा गया है. वहीं  प्राइवेट व सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारियों में से 50% को वर्क फ्रॉम होम के लिए कहा गया है और लोगों को घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाने की सलाह दी गई है. 

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बता दें कि लाहौर के 14 मिलियन के करीब लोग प्रदूषण का शिकार हो रहे हैं, ये प्रदूषण, डीजल वाली गाड़ियों से निकालने वले धुआं और पराली जलाने के साथ-साथ मौसम सर्द होने के कारण बढ़ रहा है. लाहौर के पर्यावरण अधिकारी ने बताया कि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार शहर की हवा आने वाले 6 दिनों में ऐसी ही रहने वाली है और इसमें सुधार की गुंजाइश नहीं है. पंजाब (पाकिस्तान)  की मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि ये धुआं लोगों के लिए कभी हानिकारक है, हम लगातार स्थितियों पर नजर रख रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमने बच्चों के लिए स्कूल में मास्क को अनिवार्य कर दिया है. बच्चों को प्रदूषण से ज्यादा खतरा होता है, क्योंकि बच्चों का फेफड़ा बड़ो की तुलना में कम विकसित होता है. 

औसत जीवन प्रत्याशा में आई गिरावट

पिछले सप्ताह लाहौर के अधिकारियों ने सारे स्कूलों में बाहर की गतिविधियों पर अगले साल की जनवरी तक के लिए रोक लगा दिया था, साथ ही प्रदूषण से बचने के लिए स्कूल के समय भी बदलाव किया था. इसके अलावा लाहौर के सरकारी और निजी दफ्तरों ने भी अपने आधे कर्मचारियों को सोमवार से घर से काम करने के लिए कहा है. वहीं शिकागो विश्वविद्यालय के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट के अध्ययन के अनुसार लाहौर के लोगों की औसतन जीवन प्रत्याशा में 7.5 साल कमी आई है. 

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