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दिल्ली में खतरे के निशान के ऊपर यमुना, हिमाचल में सतलुज और ब्यास नदी में आया सैलाब

देशभर में बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं. लगातार हो रही बारिश के चलते नदियां भी उफान पर हैं. दिल्ली में यमुना नदी ने आज (सोमवार) खतरे के निशान को पार कर दिया है तो वहीं, सतलुज भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है.

Delhi Yamuna flowing above danger mark Delhi Yamuna flowing above danger mark
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 10 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 11:25 AM IST

देशभर के ज्यादातर राज्यों में मॉनसून की बारिश आफत बनकर बरस रही है. मैदानी से लेकर पहाड़ी इलाकों तक हो रही मूसलाधार बारिश के चलते आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है. पहाड़ों से लैंडस्लाइड की खबरें सामने आ रही हैं तो वहीं, मैदानी इलाकों में जगह-जगह बरसात का पानी भर जाने से लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. देश की राजधानी नई दिल्ली में लगातार हो रही बारिश और हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी की वजह से दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. आज (सोमवार) शाम पांच बजे यमुना खतरे के निशान को क्रॉस कर गई. हिमाचल प्रदेश में भी नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. 

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नई दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के ऊपर 
नई दिल्ली में यमुना नदी भी खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई है. माना जा रहा था कि कल यानी 11 जुलाई को यमुना खतरे के निशान को पार करेगी, लेकिन आज (सोमवार) शाम पांच बजे ही दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई है. खतरे को देखते हुए यमुना नदी के पास रह रहे लोगों को वहां से हटाया जा रहा है. बता दें, शाम पांच बजे यमुना का जलस्तर 205.40 मीटर दर्ज किया गया.

सीडब्ल्यूसी के बाढ़-निगरानी पोर्टल के मुताबिक, 205.33 मीटर के ऊपर जब यमुना बहती है तो उसे खतरे के निशान के ऊपर माना जाता है. हाथिनीकुंड बराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण यमुना खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. सोमवार शाम चार बजे के करीब हाथिनी कुंड बराज से यमुना में 2 लाख 18 हजार 351 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. 

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यमुना का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. इसको देखते हुए दिल्ली सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है. इससे पहले राजधानी में 1978 और 2010 में बाढ़ आई थी. उस समय कई इलाकों में पानी भर गया था. 1978 में यमुना में दो लाख 24 हजार 390 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था.  

खतरे के निशान के ऊपर बह रहीं नदियां
हिमाचल प्रदेश में ब्यास और पारबती नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. कुल्लू पुलिस ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वो नदी के किनारे न जाएं. पुलिस ने लोगों को घरों के अंदर रहने की अपील भी की है. इसी के साथ शिमला से 50 किमी दूर सुन्नी में सतलुज नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

हिमाचल प्रदेश में आसमानी आफत

शिमला जिले में तीन दिन से भारी बारिश हो रही है जिससे जगह-जगह लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आ रही हैं. सोमवार को शिमला हाटकोटी राष्टीय राजमार्ग पर कोकूनाला पुल का एक हिस्सा टूट गया जिससे वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है और पुल पर दरारें भी आ गईं. इससे अब पुल के टूटने का खतरा बना हुआ है. पुल को फिलहाल वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है. 

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हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ते चलते भारी नुकसान की खबरें सामने आई हैं. हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह का कहना है कि उत्तर भारत के राज्यों में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि सड़कों से मलबा हटाने के लिए राज्य भर में लगभग 342 मशीनें तैनात की हैं. वहीं, कुल्लू-मनाली में फंसे कई लोगों को सुरक्षित निकाला गया है.

चमोली और चंडीगढ़ में बंद किए गए स्कूल
हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी बारिश के चलते चमोली में एक से 12वीं तक के सभी स्कूल बुधवार 12 जुलाई को बंद रहेंगे. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के को देखते हुए चमोली जिला अधिकारी ने स्कूल बंद करने के निर्देश दिए हैं. इसी के साथ, चंडीगढ़ में भी 13 जुलाई तक ऐतियतान सभी स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी किया गया है. 

 

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