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हाईलेवल मीटिंग में PM मोदी को दी Tour Of Duty प्रोजेक्ट की जानकारी, ये है सरकार की प्लानिंग

सेना में Tour Of Duty के तहत चार साल के लिए भर्ती करने की तैयारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसे लेकर आज तीनों सेनाओं के प्रमुखों और रक्षा बलों ने पीएम मोदी को जानकारी दी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 04 जून 2022,
  • अपडेटेड 10:34 PM IST
  • मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है Tour Of Duty
  • 4 साल के अंत में सैनिकों को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा

मोदी सरकार भारतीय सेना में शामिल होने का सपना देखने वाले युवाओं को एक बड़ा अवसर देने की तैयारी कर रही है. लिहाजा Tour Of Duty प्रोजेक्ट के जरिए युवाओं को सेना में छोटे अंतराल के लिए शामिल किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक ये समय 4 साल तक का हो सकता है. इस संबंध में आज एक अहम बैठक हुई. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सैनिकों की नई भर्ती योजना के बारे में बताया गया.

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तीनों सेनाओं के प्रमुखों और रक्षा बलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सैनिकों की भर्ती के लिए टूर ऑफ़ ड्यूटी (Tour Of Duty) योजना के बारे में जानकारी दी. इसमें बताया गया कि थोड़े अंतराल के लिए सेना में युवाओं को भर्ती करने का मार्ग किस तरह से प्रशस्त किया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसके जरिए सेना में शामिल हो रहे जवानों की औसत उम्र कम करने का प्रयास रहेगा और रक्षा बलों के खर्चे में भी कमी लाई जाएगी.

सूत्रों ने इंडिया टुडे/आजतक को बताया कि सैन्य मामलों के विभाग ने तीनों रक्षा बलों के प्रमुखों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस प्रोजेक्ट को लेकर कई जानकारियां दीं. इसमें बताया गया कि अग्निपथ योजना के तहत युवा चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होंगे और देश की सेवा करेंगे. भर्ती के लिए कैटमेंट एरिया का भी विस्तार किया जा सकता है. 4 साल के अंत में अधिकांश सैनिकों को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा और उन्हें आगे के रोजगार के अवसरों के लिए सशस्त्र बलों की ओर से सहायता दी जाएगी. 

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तर्क दिया जा रहा है कि सेना में अगर कोई 4 साल काम कर लेगा, तो उसकी प्रोफाइल मजबूत बन जाएगी और हर कंपनी ऐसे युवाओं को हायर करने में दिलचस्पी दिखाएंगी. इसके अलावा इस प्रोजेक्ट की वजह सेना को करोड़ों रुपये की बचत भी हो सकती है. एक तरफ पेंशन कम लोगों को देनी पड़ेगी तो वहीं दूसरी तरफ वेतन में भी बचत हो जाएगी.

 

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