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'कविता, कला और व्यंग्य जीवन को समृद्ध करता है', अभिव्यक्ति की आजादी केस में इमरान प्रतापगढ़ी को SC से राहत

इमरान प्रतापगढ़ी पर उनकी कविता के लिए गुजरात में दर्ज एफआईआर मामले में राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "कविता, कला और व्यंग्य जिंदगी को समृद्ध करती है. स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति समाज के लिए जरूरी है. पुलिस अभिव्यक्ति की आजादी सुनिश्चित करे."

इमरान प्रतापगढ़ी इमरान प्रतापगढ़ी
सृष्टि ओझा/संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 28 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 11:58 AM IST

कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी (Imran Pratapgarhi) को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. इमरान पर उनकी कविता के लिए गुजरात में दर्ज एफआईआर मामले में राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "कविता, कला और व्यंग्य जिंदगी को समृद्ध करती है. स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति समाज के लिए जरूरी है. पुलिस अभिव्यक्ति की आजादी सुनिश्चित करे."

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मजबूत, दृढ़ समझ वाले लोगों के मानकों का इस्तेमाल करें. न कि उन लोगों के मानकों का जो कमजोर हैं और हर चीज को खतरे या आलोचना के रूप में देखते हैं. अगर पुलिस मौलिक अधिकारों की रक्षा करने में विफल रहती है तो अदालतों का कर्तव्य है कि वे हस्तक्षेप करें और अधिकारों की रक्षा करें. विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए और उनकी रक्षा की जानी चाहिए. विचारों और नजरिए की आजादी अभिव्यक्ति महत्वपूर्ण है.

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जस्टिस अभय एस ओक की अगुआई वाली बेंच ने इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ गुजरात के जामनगर मे दर्ज मुकदमे को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है. 3 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इमरान की याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. गुजरात हाई कोर्ट ने 17 जनवरी को कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी की याचिका खारिज कर दी थी.

क्या आरोप लगे थे?

इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ कथित तौर पर उत्तेजक गाने के साथ एक एडिटेड वीडियो पोस्ट करने के लिए गुजरात के जामनगर में मुकदमा दर्ज किया गया था. कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने दावा किया है कि उनके खिलाफ गुजरात पुलिस ने दुर्भावनापूर्ण इरादे से FIR दर्ज की थी. एफआईआर में उन पर आरोप था कि सोशल मीडिया मंच X पर इमरान प्रतापगढ़ी द्वारा अपलोड की गई 46 सेकंड की वीडियो क्लिप में उन पर फूलों की वर्षा की जा रही थी और बैकग्राउंड में एक गाना बज रहा था. वो गाना आपत्तिजनक है. आरोप था कि गाने के बोल उत्तेजक, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले हैं. 

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यह भी पढ़ें: Gujarat: कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ केस दर्ज, भड़काऊ वीडियो पोस्ट करने का आरोप

'विचारों को भले नापसंद करते हों...'

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि भले ही बहुत से लोग किसी दूसरे के विचारों को नापसंद करते हों, लेकिन विचारों को व्यक्त करने के व्यक्ति के अधिकार का सम्मान और संरक्षण किया जाना चाहिए. कविता, नाटक, फ़िल्म, व्यंग्य और कला सहित साहित्य लोगों की जिंदगी को और अधिक सार्थक बनाता है.

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