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राष्ट्रपति भवन में सिर्फ शुद्ध शाकाहारी भोजन बनने की बात झूठी, द्रौपदी मुर्मू के आने के बाद नहीं बदली भोजन व्यवस्था

ऐसी अफवाह है कि द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने के बाद से राष्ट्रपति भवन में सिर्फ शुद्ध शाकाहारी भोजन बनाने का आदेश जारी हुआ है. सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति भवन में अपने देशी-विदेशी मेहमानों की पसंद का ध्यान रखते हुए भोजन तैयार करता है. उन्हें कोई खास भोजन खाने के लिए बाध्य नहीं किया जाता है.

राष्ट्रपति के भोजन की पसंद मेहमानों पर नहीं थोपती जाती ( फोटो: राष्ट्रपति भवन) राष्ट्रपति के भोजन की पसंद मेहमानों पर नहीं थोपती जाती ( फोटो: राष्ट्रपति भवन)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 9:26 PM IST

राष्ट्रपति भवन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की गई है कि नई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु शुद्ध शाकाहारी हैं, लेकिन विदेशी मेहमानों और राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले समारोह और उत्सवों में शामिल होने वाले अतिथियों की भोजन प्राथमिकता का पूरा ध्यान रखा जाता है. राष्ट्रपति भवन मेजबानों के लिए डाइनिंग टेबल और दस्तरख्वान पर भी सभी की अलग-अलग पसंद का ध्यान रखते हुए  व्यंजन सजाता है.

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भोजन व्यवस्था में नहीं हुआ बदलाव

सूत्रों के मुताबिक भारत के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री अपनी भोजन की प्राथमिकता कभी अपने मेहमानों और अतिथियों पर नहीं थोपते. लिहाजा नई राष्ट्रपति के राष्ट्रपति भवन में निवास के बाद भी यहां मेहमाननवाजी की परंपरा पर कोई असर नहीं पड़ेगा. 

राष्ट्रपति भवन के सूत्रों ने कहा कि जब हमने आधिकारिक रूप से भोजन व्यवस्था में बदलाव की कोई घोषणा नहीं की तो इससे ही यह साबित हो जाता है कि वेज-नॉनवेज भोजन को लेकर अफवाह ही उड़ रही है.

प्याज-लहसुन तक नहीं खातीं राष्ट्रपति

द्रौपदी मुर्मू के छोटे भाई तारणीसेन टुडू ने पिछले दिनों मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वह सादा और शाकाहारी भोजन ही पसंद करती हैं. वह खाने में प्याज और लहसुन तक नहीं खाती हैं. 

साग, पीठा और उड़िया भोजन है पसंद 

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राजभवन में रसोई संभालने वाले प्रदीप का कहना है कि मैडम शुद्ध शाकाहारी हैं. उन्हें खाने में साग, पीठा और उड़िया भोजन पसंद हैं. साग तो उन्हें हमेशा ही थाली में चाहिए. कभी-कभी मैडम किचन में आकर कोई डिश कैसे बनाई जानी है, उसके लिए निर्देश भी देती थीं. राजभवन में एक गौ पालन केन्द्र उन्होंने ही शुरू किया. यहां 52 एकड़ में शुरू की गई नेचुरल फार्मिंग भी कर्मचारियों को याद रहने वाली है.

द्रौपदी मुर्मू 25 जुलाई को बनीं राष्ट्रपति

द्रौपदी मुर्मू ने 25 जुलाई  को संसद के केंद्रीय कक्ष में देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. भारत के प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण उन्हें शपथ दिलाई थी.

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