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राहुल गांधी के '90 में से 3 सचिव OBC' के जवाब में अमित शाह ने गिनाए मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के आंकड़े

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आज दुनियाभर में विमान उड़ाने वाले पायलटों में महिलाओं की संख्या 5 फीसदी है, लेकिन भारत में 15 फीसदी है, ये पिछले 10 साल में हुआ है. हम जो बिल लेकर आए हैं, कई महिला सांसदों ने कहा कि महिला को रिजर्वेशन देकऱ नीचा नहीं दिखाना चाहिए, क्योंकि महिला भी उतनी ही सशक्त है, जितने पुरुष. इस आरक्षण से अब पॉ़लिसी मेकिंग में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो जाएगी.

अमित शाह ने राहुल गांधी पर किया पलटवार अमित शाह ने राहुल गांधी पर किया पलटवार
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 7:22 PM IST

संसद में पेश महिला आरक्षण बिल पर बुधवार को चर्चा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल के जरिए एक तिहाई सीटें मातृशक्ति के लिए आरक्षित हो जाएंगी. इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी के 90 में से 3 ओबीसी सचिव वाले बयान पर भी जवाब देते हुए मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के आंकड़े गिनाए. गृह मंत्री ने कहा कि इस देश की बेटी न केवल नीतियों के अंदर अपना हिस्सा पाएगी, बल्कि नीति निर्धारण में भी अपने पद को सुरक्षित करेगी. कुछ पार्टियों के लिए ये बिल पॉलिटिकल एजेंडा हो सकता है, लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता पीएम मोदी के लिए ये राजनीतिक मुद्दा नहीं है. ये पीएम मोदी के लिए मान्यता का सवाल है. 

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अमित शाह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि जो लोग देश चलाते हैं, उनमें सिर्फ तीन ओबीसी हैं. अब इनकी समझ है कि देश सेक्रेट्री चलाते हैं, लेकिन मेरी समझ है कि देश सरकार चलाती है. संविधान कहता है कि देश की नीतियों का निर्धारण इस देश की कैबिनेट करती है. अगर आपको आंकड़े चाहिए तो मैं बताता हूं. बीजेपी की सरकार में 29 फीसदी यानी 85 सांसद ओबीसी कैटेगरी के हैं. अगर तुलना करनी है तो मैं बताता हूं कि 29 मंत्री भी OBC कैटेगरी के हैं. बीजेपी के OBC एमएलए 1358 में से 365 यानी 27 फीसदी है. ये सभी ओबीसी का राग अलापने वालों से ज्यादा है. बीजेपी के OBC एमएलसी 163 में से 65 हैं. यानी 40 फीसदी हैं, जबकि विपक्ष के लोग तो 33 फीसदी की बात करते हैं.

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उन्होंने कहा कि किसी सिद्धांत के लिए किसी व्यक्ति या संस्था का आंकलन करना है, तो कोई एक घटना से फैसला नहीं हो सकता. 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दिया. तो उस वक्त उनके बैंक अकाउंट में जितना भी पैसा बचा था, वो पूरा गुजरात सचिवालय के वर्ग तीन और चार के कर्मचारियों की बच्चियों की पढा़ई लिखाई के लिए दिया. इसके लिए कोई कानून नहीं था.

अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देशभर में दिया. गुजरात में उन्होंने जागरूकता पैदा की. इससे लिंगानुपात में सुधार हुआ था. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाई का फायदा ये हुआ कि एक ओर लिंगानुपात में सुधार हुआ, दूसरा गुजरात में प्राइमरी एजुकेशन में 37 फीसदी ड्ऱॉपआउट रेशो था, लेकिन जब मोदीजी प्रधानमंत्री बने तो ये ड्रॉपआउट रेशो घटकर 0.7 फीसदी रह गया. 

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'ये हमारे लिए राजनीति नहीं, मान्यता और संस्कृति का मुद्दा'

गृह मंत्री ने कहा कि ये हमारे लिए राजनीति नहीं, मान्यता और संस्कृति का मुद्दा है. महिला सशक्तीकरण संविधान संसोधन से जुड़ा नहीं है, बल्कि ये महिलाओं के लिए सुरक्षा, सम्मान और सहभागिता जिस दिन मोदीजी ने जिस दिन पीएम पद की शपथ ली, ये संकल्प सरकार का है. जब मोदीजी इस देश के पीएम बने तब इस देश के 70 करोड़ लोगों को बैंक अकाउंट नहीं थे, पीएम मोदी ने ये जनधन योजना चालू की. इसके तहत बैंक अकाउंट खोले गए. इसके तहत 52 करोड़ खोले गए. इसमें 70 फीसदी अकाउंट माताओं के नाम से खोले गए. आज सारी योजनाओं का पैसा महिलाओं के बैंक खातों में जाता है. 

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उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने 5 दशक से ज्यादा शासन किया. 11 करोड़ परिवार ऐसे थे जहां शौचालय नहीं थे. गरीबी हटाओ के नारे दिए लेकिन गरीबों की कोई व्यवस्था नहीं की थी. लेकिन पीएम मोदी ने पहले साल के अंदर ही 11 करोड़ 72 लाख शौचालय बनाए. इससे महिलाओं का सम्मान हुआ. 

'पॉ़लिसी मेकिंग में महिलाओं की भागीदारी होगी'

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आज दुनियाभर में विमान उड़ाने वाले पायलटों में महिलाओं की संख्या 5 फीसदी है, लेकिन भारत में 15 फीसदी है, ये पिछले 10 साल में हुआ है. हम जो बिल लेकर आए हैं, कई महिला सांसदों ने कहा कि महिला को रिजर्वेशन देकऱ नीचा नहीं दिखाना चाहिए, क्योंकि महिला भी उतनी ही सशक्त है, जितने पुरुष. उन्होंने कहा कि महिला पुरुषों से ज्यादा सशक्त हैं, लेकिन समाज में ऐसी व्यवस्था बनी हुई है, इस आरक्षण से अब पॉ़लिसी मेकिंग में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो जाएगी. इस देश में जो रहता है, जिसकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं, वह महिलाओं को कमजोर समझने की गलती नहीं करेगा. 

यह भी पढ़ें: वो 5 कारण जो बताते हैं... राजनीति में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण क्यों है जरूरी?

'देवगौड़ा से लेकर मनमोहन सिंह तक ने प्रयास किया, लेकिन...'

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अमित शाह ने कहा कि समाज में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उनका सम्मान बढ़ाने के लिए हम ये बिल लेकर आए हैं. ये ऐसा मौका है, जब ये संदेश देने की जरूत है कि महिलाओं के आरक्षण के लिए पूरा देश एकमत है. ये संविधान संशोधन पांचवीं बार पेश हुआ है, इससे पहले 4 बार पेश हुआ था. लेकिन तब ऐसा क्या हुआ कि ये पास नहीं हो पाया. देवगौड़ा जी से लेकर मनमोहन सिंह जी ने प्रयास किया, लेकिन ये पास नहीं हुआ, आखिर ऐसी कौन सी वजह थी. क्या मंशा अधूरी थी या कुछ लोगों ने इसे पास नहीं होने दिया?

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