
स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज लाल किले की प्राचीर से 8वीं बार देश को संबोधित करेंगे. उनसे ज्यादा बार भाषण देने वाले प्रधानमंत्रियों में जवाहर लाल नेहरू (17 बार), इंदिरा गांधी (16 बार) और डॉ. मनमोहन सिंह (10 बार) हैं. पीएम मोदी (PM Modi) के बारे में ऐसा कहा जाता है कि वो सबको चौंकाते हैं. जैसा लोग सोच रहे होते हैं, मोदी उससे कुछ अलग ही करते हैं. इसलिए उनके भाषण से पहले ऐसा अनुमान लगाना कि वो क्या बोलेंगे, काफी मुश्किल है. बहरहाल, हम ये जानते हैं कि पिछले 7 भाषणों में मोदी का जोर किस बात पर सबसे ज्यादा रहा...
मोदी के 7 भाषणों में किन शब्दों पर ज्यादा जोर?
2014: बतौर प्रधानमंत्री लाल किले से मोदी ने अपने पहले भाषण में सबसे ज्यादा 52 बार 'सरकार' शब्द का इस्तेमाल किया था. उसके बाद 31 बार 'लोग' और 23 बार 'गांव' शब्द का इस्तेमाल किया था. वहीं, 'आयात' और 'सपना' शब्द 15-15 बार कहा था. इनके अलावा 14 बार 'युवा', 13 बार 'संसद', 10-10 बार 'विकास', 'गरीबी' और 'परिवार' शब्द का इस्तेमाल किया था. 5 बार 'अर्थव्यवस्था' कहा था.
2015: दूसरे भाषण में भी मोदी ने सबसे ज्यादा 45 बार 'सरकार' शब्द का ही इस्तेमाल किया था. 'गरीब' शब्द का 37, 'विकास' और 'किसान' शब्द का इस्तेमाल 23-23 बार किया था. इस भाषण में उन्होंने 18 बार 'भ्रष्टाचार' का जिक्र किया था. उसके अलावा 'मजदूरी' शब्द 16 बार, 'सपना', 'पैसा' और 'नागरिक' शब्द 14-14 बार कहा था. 8 बार 'अर्थव्यवस्था' शब्द का इस्तेमाल किया था.
2016: इस बार भी पीएम ने सबसे ज्यादा 65 बार 'सरकार' शब्द ही कहा था. वहीं, 31 बार 'किसान', 29 बार 'स्वतंत्रता', 14-14 बार 'गरीब' और 'संस्कृति' शब्द का इस्तेमाल किया था. इनके अलावा 12-12 बार 'गांव', 'सपना' और 'बिजली', 11-11 बार 'आर्थिक' और 'समाज', 10-10 बार 'गरीबी' और 'विकास' शब्द का जिक्र किया था.
2017: चौथे भाषण में भी मोदी ने सबसे ज्यादा 27 बार 'सरकार' शब्द का ही जिक्र किया. उसके अलावा 16 बार 'स्वतंत्रता', 12-12 'गरीब' और 'किसान', 10 बार 'पैसा' और 9 बार 'युवा' शब्द का इस्तेमाल किया था. 6-6 बार 'भ्रष्टाचार', 'लोकतंत्र' और 'नोटबंदी' का भी जिक्र किया था. 5 बार 'महिला' शब्द का इस्तेमाल किया था.
2018: इस बार प्रधानमंत्री ने सबसे ज्यादा 34 बार 'गरीब' शब्द का इस्तेमाल किया था, जबकि 21 बार 'सरकार' कहा था. इस भाषण में उन्होंने 19 बार 'गांव', 16 बार 'महिला', 15 बार 'सपना' और 'विकसित', 13 बार 'किसान', 12 बार 'कृषि' और 11-11 बार 'नागरिक' और 'वैज्ञानिक' शब्द कहा था. 7 बार 'अर्थव्यवस्था' शब्द का इस्तेमाल किया था.
2019: इस भाषण में मोदी ने 44 बार 'सपना' और 38 बार 'सरकार' शब्द का इस्तेमाल किया था. उसके बाद 32 बार 'पानी' शब्द कहा था. इनके अलावा 16 बार 'किसान', 15 बार 'अर्थव्यवस्था', 14-14 बार 'नागरिक' और 'विकसित', 10-10 बार 'गांव', 'शक्ति' और 'बच्चे' शब्द का इस्तेमाल किया था. 10 बार '5 ट्रिलियन' शब्द का भी जिक्र किया था.
2020: इस बार मोदी का सबसे ज्यादा जोर 'नागरिक' और 'आत्मनिर्भर' शब्द पर रहा था. उन्होंने 32-32 बार 'नागरिक' और 'आत्मनिर्भर' शब्द का इस्तेमाल किया था. 25 बार 'कोरोना' का जिक्र किया था. इनके अलावा 24 बार 'स्वतंत्रता', 22 बार 'किसान', 21 बार 'महिलाएं', 16 बार 'मध्यम वर्ग', 15 बार 'गरीब', 11 बार 'सीमा' और 10 बार 'सेना' कहा था. 4 बार 'स्वास्थ्य' शब्द का इस्तेमाल किया था.
मनमोहन सिंह के भाषणों में किस बात पर जोर?
UPA-1: यूपीए के पहले कार्यकाल में मनमोहन सिंह के स्वतंत्रता भाषणों में 'विकास' (95) और 'तरक्की' (66) शब्दों पर सबसे ज्यादा फोकस रहा. तीसरे नंबर पर 'शिक्षा' (56) रहा. इसके बाद 'आर्थिक' (55), 'रोजगार' (45), 'ग्रामीण' (44), 'शांति' (40), 'किसान' (38), 'स्वास्थ्य' (30), 'गरीबी' (30) और 'सुरक्षा' (26) का उल्लेख हुआ.
UPA-2: यूपीए के दूसरे कार्यकाल में भी मनमोहन सिंह के स्वतंत्रता दिवस भाषणों का फोकस अधिक नहीं बदला. इन भाषणों में 'विकास' (53), 'शिक्षा' (47), 'आर्थिक' (41), 'लोग' (38), 'बच्चे' (31) और 'ग्रामीण' (29) का जिक्र आया. हालांकि मनमोहन सिंह के दूसरे कार्यकाल में दिए भाषणों में 'रोजगार' शब्द के उल्लेख में खासी कमी आई. यूपीए 1 में जहां उनके भाषणों में 'रोजगार' शब्द का 45 बार उल्लेख हुआ वहीं यूपीए 2 में ये शब्द सिर्फ 19 बार आया.
(इनपुट - पीयूष अग्रवाल)