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पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए भारत का WHO के साथ करार, पीएम मोदी बोले- समाज की तंदुरुस्ती बढ़ाने में मदद करेगा

भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ एक करार किया है. इसके तहत गुजरात के जाम नगर में एक केंद्र की स्थापना की जाएगी. इसमें करीब 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश होगा. इस करार के बाद पीएम मोदी ने कहा कि यह एक सराहनीय पहल है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
स्नेहा मोरदानी
  • नई दिल्ली,
  • 26 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 3:06 PM IST
  • 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश होगा
  • पीएम मोदी ने कहा- ये एक सराहनीय पहल है

आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) ने शनिवार को भारत में पारंपरिक चिकित्सा (Traditional Medicine) के लिए बड़ा कदम बढ़ाया है. लिहाजा मंत्रालय ने गुजरात के जामनगर में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर (WHO Global Center) की स्थापना के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. आयुष मंत्रालय के इस फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर हमारे समाज में तंदुरुस्ती बढ़ाने में काफी मदद करेगा.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से कहा गया है कि WHO और भारत सरकार ने आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से पारंपरिक दवाओं की क्षमता बढ़ाने के लिए डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की है. पारंपरिक चिकित्सा के लिए 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया जाएगा. इसका उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य सुधार के लिए आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर दुनियाभर से पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता को बढ़ावा देना है.

भारत की पारंपरिक दवाएं काफी लोकप्रिय

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना के लिए समझौते पर हस्ताक्षर के बारे में जानकर खुशी हो रही है. गुजरात के जामनगर में WHO-GCTM की स्थापना के लिए आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के बीच समझौता एक सराहनीय पहल है. भारत की पारंपरिक दवाएं और स्वास्थ्य पद्धतियां विश्व स्तर पर बहुत लोकप्रिय हैं. यह केंद्र हमारे समाज में तंदुरुस्ती बढ़ाने में काफी मदद करेगा.

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170 देश पारंपरिक चिकित्सा को अपना रहे

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दुनिया की लगभग 80% आबादी पारंपरिक चिकित्सा का उपयोग करती है. साथ ही 170 देश वर्तमान में पारंपरिक चिकित्सा को अपना रहे हैं. इन देशों की सरकारों ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों और उत्पादों पर भरोसा जताते हुए इस क्षेत्र में WHO के समर्थन की बात कही है.

इस पहल को सफल बनाने के लिए उत्साहित

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस (Dr. Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा कि सभी लोगों तक सुरक्षित और प्रभावी उपचार पहुंचाना ही WHO का मिशन है. यह केंद्र तकनीकि का इस्तेमाल करते हुए पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देगा. इसके समर्थन के लिए भारत सरकार का आभारी हूं. हम इसे सफल बनाने के लिए उत्साहित हैं.

 

 

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