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सनातन की डेंगू से तुलना पर घिरे I.N.D.I.A. के दल! जानें- उदयनिधि के बयान पर क्या बोले विपक्षी गठबंधन के नेता

तमिलनाडु के सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया-कोरोना जैसी बीमारी बता दिया. उदयनिधि के इस बयान पर साधु-संतों ने नाराजगी जताई और सियासी हमला भी तेज हो गया. हिंदू सेना ने दिल्ली में उदयनिधि के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई है. उदयनिधि का ये बयान तमिलनाडु से लेकर दिल्ली तक छा गया, बीजेपी ने उदयनिधि के बहाने पूरे विपक्ष को घेरने शुरू कर दिया.

स्टालिन के बेटे ने दिया विवादित बयान स्टालिन के बेटे ने दिया विवादित बयान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 6:37 AM IST

विपक्षी गठबंधन 'INDIA' ने हाल ही में मुंबई में बैठक कर यह संदेश दिया कि वे एक हैं. इसके बाद राहुल गांधी और लालू यादव की एक वीडियो सामने आई जिसमें कि दो अलग-अलग दलों के नेताओं का तालमेल दिखा. लालू और राहुल डिनर बना रहे थे. इन तमाम वीडियो और बैठकों से यह संदेश देने की कोशिश हुई कि दलों के साथ दिल भी मिल रहे हैं. लेकिन यह पूरी कवायद वहां आकर बिखर गई जब DMK नेता के एक बयान से इन तमाम दलों ने पलड़ा झाड़ लिया. उस बयान को लेकर भाजपा ने 'इंडिया' पर निशाना साधा तो इंडिया के अनेकों दलों की राय अलग-अलग दिखीं. 
 
दरअसल लोकसभा चुनाव में अब 172 दिन बाकी हैं. ऐसे में हर पार्टी ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं और इन तैयारियों के बीच लगातार नए-नए बयानों से सियासी सरगर्मी बढ़ रही है. ऐसा ही एक बयान दिया है तमिलनाडु के सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने, जिन्होंने सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया-कोरोना जैसी बीमारी बता दिया. उदयनिधि के इस बयान पर साधु-संतों ने नाराजगी जताई है. इसके अलावा सियासी हमला भी तेज हो गया. हिंदू सेना ने दिल्ली में उदयनिधि के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई है. 

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क्या था बयान?

इस देश में करीब अस्सी फीसदी लोग जिस सनातन संस्कृति को मानता है, जिस संस्कृति को वो पूजते हैं, जिस संस्कृति से उनका सरोकार है. उसी सनातन संस्कृति के खिलाफ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और तमिनलाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने जहर उगला है. उदयनिधि ने कहा है कि सनातन धर्म डेंगू मलेरिया और कोरोना की तरह है जिसे खत्म कर देना चाहिए.

भाजपा ने उदयनिधि के साथ 'INDIA' को भी घेरा

उदयनिधि का ये बयान तमिलनाडु से लेकर दिल्ली तक छा गया, बीजेपी ने उदयनिधि के बहाने पूरे विपक्ष को घेरने शुरू कर दिया. गृहमंत्री अमित शाह ने भी जोरदार पलटवार किया. अमित शाह ने कहा कि उन्होंने सनातन धर्म का अपमान किया है. इसके अलावा बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी उदयनिधि के बहाने पूरे विपक्ष को घेर लिया. इस क्रम में भाजपा नेताओं ने पूरे इंडिया गठबंधन को भी आड़े हाथों लेने की कोशिश की. लेकिन इंडिया गठबंधन के अन्य दलों ने उदयनिधि के बयान से पलड़ा झाड़ा है. 

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कांग्रेस ने झाड़ा पलड़ा

छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने इस पर बयान दिया कि यह उदयनिधि का निजी मत हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए. यह उनकी निजी राय हो सकती है. दुनिया में बहुत सारे धर्म हैं और किसी भी धर्म पर ऐसी कोई भी टिप्पणी व्यक्तिगत है. हर किसी को स्वतंत्रता है. 'सनातन धर्म' एक स्थापित जीवन शैली और एक धार्मिक अभिव्यक्ति है. इसका पूरी तरह से सम्मान किया जाना चाहिए. मैं कांग्रेस की ओर से नहीं कह सकता, मैं प्रवक्ता नहीं हूं. मैं व्यक्तिगत रूप से कह सकता हूं कि भारत का सनातन धर्म सदियों पुराना है और अच्छी तरह से स्थापित है. 'सनातन धर्म' की गहराई और वेदों और पुराणों की शिक्षाएं अतुलनीय हैं. 

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने उदयनिधि के बयान पर कहा, 'यह देश सभी धर्मों का सम्मान करने के लिए जाना जाता है. हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष है क्योंकि विभिन्न धर्मों के लोग हमारे देश में रहते हैं, ताकि देश का विकास हो सके.' राशिद अल्वी ने कहा कि सभी एकजुट रहें, लेकिन पिछले 9 सालों में बीजेपी ने धर्म का राजनीतिकरण किया है और यही कारण है कि कोई भी आकर धर्म के बारे में कुछ भी कह देता है. जिसने यह कहा है वह गलत है लेकिन धर्म का राजनीतिकरण करने के लिए बीजेपी के नेता जिम्मेदार हैं.

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इसके अलावा महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले का कहना है कि कांग्रेस का रुख स्पष्ट है, हम किसी भी धर्म पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं चाहते हैं. इसके अलावा तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की 'सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए' वाली टिप्पणी पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कहते हैं, 'नेताओं के बीच हिंदुओं को गाली देने की होड़ लगी है. 1000 साल से 'सनातन धर्म' को मिटाने की कोशिशें हो रही हैं. कोई नहीं मिटा सका.'

AAP ने भी बयान को बताया निजी

वहीं विपक्ष के गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी से भी इस बाबत सवाल किया गया कि स्टालिन के बेटे के बयान से वो कितना सरोकार रखते हैं तो जवाब मिला, सबको सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए. आप सांसद संजय सिंह ने कहा, '...भारत में अलग-अलग धर्म, जातियां और भाषाएं हैं. यह हमारी खूबसूरती है कि इसके बावजूद हम एक साथ रहते हैं. उदयनिधि के बयान पर मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि भारत में हमें हर धर्म का सम्मान करना चाहिए और किसी को भी दूसरे के धर्म पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.'

RJD नेता ने दिया ये बयान

वहीं राज्यसभा सांसद और राजद नेता मनोज झा ने कहा, मैं समझता हूं कि कभी-कभी हम लोगों को प्रतीक मुहावरों के अंदर जाकर सोचना होगा.  

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JDU नेता ने कही ये बात

इसके अलावा जेडीयू नेता नीरज कुमार कहते हैं, मुझे नहीं पता कि तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने क्या कहा, लेकिन सभी धर्मों के लोगों का सम्मान करना और उनकी धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है और भारत गठबंधन इसकी अभिव्यक्ति है.

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