
इंडिया ब्लॉक पार्टियों ने मंगलवार को फैसला किया कि वे केंद्रीय बजट में विपक्ष शासित राज्यों के खिलाफ "भेदभाव" को लेकर संसद और बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे. यह निर्णय मंगलवार शाम कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के 10 राजाजी मार्ग स्थित आवास पर इंडिया ब्लॉक पार्टियों के फ्लोर नेताओं की बैठक में लिया गया.
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी, लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई, एनसीपी (एससीपी) प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत, टीएमसी बैठक में नेता डेरेक ओ'ब्रायन और कल्याण बनर्जी, डीएमके के टीआर बालू, जेएमएम की महुआ माजी, आप के राघव चड्ढा और संजय सिंह और सीपीआई (एम) के जॉन ब्रिटास समेत अन्य नेता शामिल हुए. बैठक में कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल और जयराम रमेश भी मौजूद थे.
वेणुगोपाल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "इस साल के केंद्रीय बजट ने बजट की अवधारणा को पहले ही नष्ट कर दिया है. उन्होंने अधिकांश राज्यों के साथ पूरी तरह से भेदभाव किया है, इसलिए इंडिया ब्लॉक बैठक की आम भावना यह थी कि हमें इसका विरोध करना होगा."
इसे लेकर एक्स पर एक पोस्ट में, वेणुगोपाल ने कहा, "पेश किया गया केंद्रीय बजट बेहद भेदभावपूर्ण और खतरनाक था, जो पूरी तरह से संघवाद और निष्पक्षता के सिद्धांतों के खिलाफ है जिसका केंद्र सरकार को पालन करना चाहिए." इसके विरोध में कांग्रेस के मुख्यमंत्री 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे.
उन्होंने कहा, "इस सरकार का रवैया पूरी तरह से संवैधानिक सिद्धांतों के विपरीत है. हम ऐसे कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे जो पूरी तरह से इस शासन के सच्चे, भेदभावपूर्ण रंगों को छिपाने के लिए बनाया गया है." कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने आरोप लगाया कि बजट ने उन राज्यों को 'ब्लैक आउट' कर दिया है जहां गैर-भाजपा सरकारें हैं. उन्होंने कहा, ''हम बुधवार को संसद में इस संबंध में विरोध प्रदर्शन करेंगे. हम संसद के अंदर और बाहर भी अपनी आवाज उठाएंगे. यह भाजपा का बजट नहीं है, यह पूरे देश का बजट है, लेकिन उन्होंने इसे इस तरह पेश किया है'' अगर यह भाजपा का बजट है तो यह बजट फिर से देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है.''