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भारत ने कनाडा से राजदूत बुलाने जैसा मुश्किल फैसला क्यों लिया? विदेश मंत्री जयशंकर ने समझाया

हाल ही में में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा और भारत के संबंधों पर खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने कनाडा के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि वे भारतीय राजनयिकों पर पाबंदियां लगाते हैं जबकि उनके अपने राजनयिक भारत में खुलेआम जानकारी इकट्ठा करने में लगे रहते हैं. उन्होंने बताया कि आखिर भारत ने कनाडा से अपने डिप्लोटमेट्स क्यों बुलाए?

विदेश मंत्री एस जयशंकर विदेश मंत्री एस जयशंकर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 9:16 PM IST

कनाडा और भारत में चल रहे विवाद के बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी चिंता जाहिर की है. उन्होंने बताया कि कनाडा ने भारत की उच्चायुक्त को पुलिस जांच के लिए कहा था, जिसके जवाब में भारत ने अपने उच्चायुक्त और राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला किया.

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "कनाडा को तब कोई समस्या नहीं होती जब उनके राजनयिक भारत में आकर हमारी सेना और पुलिस की जानकारी इकट्ठा करते हैं, लेकिन वहीं हमारे राजनायिकों पर पाबंदियां लगा दी जाती हैं."

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अपनी राय और स्थिति बनाने की कोशिशें जारी रहेंगी!

जयशंकर ने दोनों देशों के बीच स्वतंत्रता और विदेशी हस्तक्षेप के संदर्भ में दोहरी नीतियों की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, "जब भारतीय पत्रकार सोशल मीडिया पर टिप्पणियां करते हैं तो उसे स्वतंत्रता की श्रेणी में माना जाता है, लेकिन अगर कोई कहे कि कनाडाई उच्चायुक्त दक्षिण ब्लॉक से नाराज निकल गए, तो इसे विदेशी हस्तक्षेप समझा जाता है."

विदेश मंत्री ने इसपर भी जोर दिया कि वैश्विक व्यवस्था पश्चिमी प्रभुत्व से मुक्त हो रही है. उन्होंने कहा, "पिछले 20-25 वर्षों में दुनिया में पुनर्संतुलन आया है, जिसमें भारत और चीन जैसे बड़े देशों की बढ़ती भागीदारी ने बदलाव लाया है. यह प्रक्रिया सरल नहीं होगी, और इससे कुछ विवाद और तकरारें होना स्वाभाविक हैं."

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विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि पश्चिम और गैर-पश्चिमी देशों के बीच संबंधों में बदलाव आ रहा है, और यह परिवर्तन आसान नहीं होगा. जैसे-जैसे दुनिया की प्राकृतिक विविधता उभर कर सामने आ रही है, बड़े देशों की अपनी राय और स्थिति बनाने की कोशिशें जारी रहेंगी.

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खुलेआम धमकी को कहते हैं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता!

एस जयशंकर ने कहा, "देखिए भारत में क्या होता है. कनाडा के राजनयिकों को हमारी सेना, पुलिस, लोगों की प्रोफाइलिंग, कनाडा में रोके जाने वाले लोगों को टार्गेट करने के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में कोई समस्या नहीं है. इसलिए जाहिर है, वे खुद को जो लाइसेंस देते हैं, वह कनाडा में राजनयिकों पर लगाए जाने वाले प्रतिबंधों से बिल्कुल अलग है. जब हम उन्हें बताते हैं कि आपके पास भारत के नेताओं, भारत के राजनयिकों को खुलेआम धमकी देने वाले लोग हैं. उनका जवाब होता है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता."

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा, "पाकिस्तान दौरे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "मैं उनसे (नवाज शरीफ) नहीं मिला. मैं एससीओ बैठक के लिए वहां गया था... हम एससीओ की अध्यक्षता के लिए पाकिस्तान के बहुत समर्थक थे... 'गए वहां, मिले सबसे हाथ मिलाया, अच्छी बैठक हुई और आ गए वापस..."

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