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लगातार पांचवें दिन शुरू हुई ब्रिगेड कमांडर लेवल की बात, भारत की कब्जे वाली जगह पर चर्चा चाहता है चीन

भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति है और अब पांचवें दिन ब्रिगेड कमांडर लेवल की बात हो रही है. चीन चाहता है कि उन जगहों के बारे में चर्चा हो जहां हाल ही में भारत ने कब्जा किया है.

भारत लगातार बनाए हुए है पैनी नजर (फोटो: PTI) भारत लगातार बनाए हुए है पैनी नजर (फोटो: PTI)
अभि‍षेक भल्ला
  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 11:20 AM IST
  • बॉर्डर पर ब्रिगेड कमांडर लेवल की बात जारी
  • लगातार पांचवें दिन हो रही है चर्चा
  • 29-30 अगस्त की घटना के बाद से है तनाव

लद्दाख बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच तनातनी जारी है. भारतीय सेना ने एलएसी पर अहम इलाकों पर अपना कब्जा कर लिया है. इस बीच लगातार आज यानी पांचवें दिन फिर ब्रिगेड कमांडर लेवल की बातचीत शुरू हुई. शनिवार को चीन ने पैंगोंग झील के दक्षिणी इलाके में घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसके बाद से ही बातचीत का सिलसिला जारी है.

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मई से ही भारत और चीन के बीच पैंगोंग इलाके के नॉर्थ क्षेत्र में विवाद चल रहा था, लेकिन अब ताजा विवाद साउथ इलाके को लेकर है. 29-30 अगस्त की भिड़ंत के बाद भारत ने यहां पर कई अहम पोस्ट को अपने कब्जे में ले लिया है.

लद्दाख बॉर्डर पर अब काला टॉप और हेल्मेट टॉप भारत के कब्जे में हैं, जहां से चीनी इलाके पर कड़ी नजर रखी जा रही है. साथ ही अगर चीन कोई गुस्ताखी करता है तो उसे कड़ा जवाब दिया जा सकता है.

शुक्रवार को हो रही इस बैठक में अब चीन की ओर से इसी मसले को रखा जा रहा है. चीन की कोशिश है कि भारत इन इलाकों से अपना कब्जा हटाए, लेकिन भारत अपनी बात पर अड़ा हुआ है. बता दें कि चीन ने अभी भी फिंगर 4 के बाद कुछ क्षेत्रों में कब्जा किया हुआ है.

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गौरतलब है कि 29-30 की रात को चीन ने जो घुसपैठ की कोशिश की, उसे भारत ने नाकाम कर दिया. इसके बाद भी चीन ने लगातार दो दिन अलग-अलग कोनों से घुसने की कोशिश की लेकिन हर बार वो नाकाम रहा. इसी कारण पिछले कई दिनों से हर रोज घंटों तक भारत-चीन की सेना के अधिकारी मंथन कर रहे हैं, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल रहा है. 

बीते दिनों थल सेना प्रमुख और वायुसेना प्रमुख ने भी लद्दाख बॉर्डर के आसपास के बेस का दौरा किया और हालात का जायजा लिया. भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे का कहना है कि स्थिति बहुत ही नाजुक और गंभीर है. हमने जो कदम उठाए हैं, वे ऐतिहासिक हैं. हमने अपनी सुरक्षा के लिए सभी रणनीतिक कदम उठाए हैं.


 

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