
लद्दाख में लगातार तेजी से गिरते तापमान के बीच अब लगता है कि भारत और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों को हटाने को लेकर आपसी सहमति के करीब पहुंच रहे हैं, क्योंकि सैन्य स्तर पर बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है. तनाव को सामान्य करने की दिशा में अब तक दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की 8 दौर की बैठक हो चुकी है.
सरकार से जुड़े सूत्रों ने आजतक और इंडिया टुडे को बताया कि इस दिशा में तौर-तरीकों को अगले कुछ दिनों में पूरी तरह से अंतिम रूप दिया जा सकता है जिसमें चरणबद्ध तरीके से सभी विवादित क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाना भी शामिल है.
सूत्रों ने कहा कि हालांकि, भारत इस मामले पर सावधानी से आगे बढ़ रहा है क्योंकि वह चाहता है कि बातचीत और समझौते दोनों हकीकत में बदलें और जमीन पर लागू हों. बातचीत में टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को उनकी वर्तमान पोजिशन से पीछे ले जाने का मामला भी शामिल है और इस संबंध में अगले कुछ दिनों में प्रगति होने की संभावना है.
उन्होंने कहा कि 8वें दौर की बातचीत के बाद दोनों पक्षों को विवादित मामलों पर कार्रवाई करने से पहले कुछ और मुद्दों पर चर्चा करनी है. दोनों पक्षों ने आज रविवार को चुशूल में भारत-चीन के बीच 8वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बैठक के बाद साझा बयान जारी किया.
बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों के बीच भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर एक स्पष्ट, गहन और रचनात्मक बातचीत हुई. बैठक में दोनों पक्ष, दोनों देशों के नेताओं द्वारा पहुंची महत्वपूर्ण सहमति को ईमानदारी से लागू करने पर भी सहमत हुए और अपनी सीमा पर तैनात सैनिकों को संयम दिखाने, गलतफहमी टालने और गलत आकलने करने से बचने पर काम करने को लेकर सहमति बनी है.
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साथ ही वे सैन्य और राजनयिक स्तर पर संवाद और संचार बनाए रखने के लिए भी दोनों पक्ष सहमत हुए. बैठक में बातचीत को जारी रखते हुए अन्य ज्वलंत मुद्दों के निपटारे पर जोर दिया गया, जिससे संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखी जा सके.
बयान में यह भी कहा गया कि दोनों जल्द ही बैठक के एक और दौर के लिए सहमत हुए हैं. भारत और चीन के बीच छह महीने से अधिक समय से सैन्य गतिरोध जारी है.