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भारतीय कोरोना वैक्सीन ब्रिटेन में मान्य क्यों नहीं? जानिए यहां से जाने वाले यात्रियों पर क्या होगा असर

भारतीय वैक्सीन को UK ने मान्यता नहीं दी है, इसको लेकर अब आम लोगों के साथ-साथ राजनेताओं में भी गुस्सा है. दरअसल, भारत की वैक्सीन लगवाने के बावजूद ब्रिटेन जाने पर कड़ी शर्तों का पालन करना होगा.

कोविशील्ड और कोवैक्सीन भारत की वैक्सीन हैं कोविशील्ड और कोवैक्सीन भारत की वैक्सीन हैं
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:47 PM IST
  • भारत की कोरोना वैक्सीन को ब्रिटेन ने मान्यता नहीं दी
  • सबसे ज्यादा हैरानी कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर

भारत में प्रमुख तौर पर दो कोरोना टीकों से फिलहाल वैक्सीनेशन (covid vaccination in india) किया जा रहा है. इसमें कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों शामिल हैं. लेकिन कोरोना टीका लगवाकर ब्रिटेन जाने का प्लान बना रहे लोगों को झटका लगा है.

UK (इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और नॉर्दर्न आयरलैंड शामिल) की तरफ से नई गाइडलाइंस (uk india flight guidelines) जारी हुई हैं, जिनको 4 अक्टूबर से लागू होना है. इसमें भारत की दोनों ही कोरोना वैक्सीन को मान्यता नहीं दी गई है.

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हद की बात यह है कि कोविशील्ड जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ने बनाया है वही वैक्सीन ब्रिटेन में एस्ट्राजेनिका-ऑक्सफोर्ड के टीके के नाम से लगाई गई है. बावजूद इसके कोविशील्ड को मान्यता नहीं दी गई है.

फिलहाल ब्रिटेन ने जो नियम बनाए हैं उनके मुताबिक, कोविशील्ड और कोवैक्सीन का टीका लगवाने लोगों को 'अनवैक्सिनेटेड' ही माना जाएगा. मतलब उनको वे सब शर्तें माननी होंगी जो वैक्सीन नहीं लगवाने वाले को पूरी करनी हैं. वैसे भारत में स्पूतनिक का भी कोरोना टीका लगाया जा रहा है, लेकिन लिस्ट में उसे भी मान्यता नहीं मिली है.

क्या है ब्रिटेन का नया आदेश

सबसे पहले यह समझिए कि ब्रिटेन का ताजा आदेश आखिर है क्या. ब्रिटेन ने कहा है कि भारत के साथ-साथ थाईलैंड और अफ्रीका जैसे अन्य कई देशों से आने वाले पूरी तरह वैक्सीनेटेड यात्रियों को भी 10 दिन तक क्वारंटाइन होना पड़ेगा. इसके अलावा कई बार RT-PCR टेस्ट भी कराना होगा. वैसे ये नियम पहले से लागू है, भारत को अब छूट की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 

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ब्रिटेन ने किन-किन वैक्सीन को मान्यता दी है

ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनिका, फाइजर बायोएनटेक, मॉडर्ना और जेनसेन वैक्सीन को मान्यता दी गई है. ये वैक्सीन ऑस्ट्रेलिया, एंटीगुआ और बारबुडा, बारबाडोस, बहरीन, ब्रुनेई, कनाडा, डोमिनिका, इज़राइल, जापान, कुवैत, मलेशिया, न्यूजीलैंड, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया या ताइवान के किसी प्रासंगिक सार्वजनिक स्वास्थ्य निकाय से लगी होनी चाहिए. अब इस लिस्ट में भारत या फिर कोविशील्ड दोनों का ही नाम नहीं है, जिसकी वजह से अंबर लिस्ट में होने के बावजूद उसके यात्रियों को कठोर शर्तें पूरी करनी होंगी.

ब्रिटेन ने क्या नियम बनाए हैं, भारत पर क्या होगा असर

अबतक कोरोना के खतरे को देखते हुए ब्रिटेन ने दुनियाभर के देशों को तीन कैटेगिरी (ग्रीन, अंबर, रेड) में बांटा था. भारत पहले रेड कैटेगिरी में था लेकिन कोविड केस कम होने के बाद उसे अंबर कैटेगिरी में रखा गया. अब 4 अक्टूबर 2021 से जो नियम लागू होगा उसमें दो कैटेगिरी खत्म करके सिर्फ रेड लिस्ट को रखा गया है. बाकी जो देश रेड लिस्ट में नहीं हैं, जिसमें भारत भी शामिल है. अब इसमें जिन देशों को ब्रिटेन में मान्य वैक्सीन लगी है. उनको कई चीजों से छूट मिली है. लेकिन भारतीयों को कई शर्तें माननी होंगी क्योंकि भारत के टीकों को मान्यता नहीं दी गई है. 

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जिन देशों की वैक्सीन को मान्यता उनका क्या?

ऐसे लोगों को आने से पहले कोविड टेस्ट नहीं कराना होगा. 8 दिन बाद होने वाला कोविड टेस्ट भी उन्हें नहीं लेना होगा. 10 दिन तक क्वारंटाइन में भी नहीं रहना होगा.

जिन देशों की वैक्सीन को मान्यता नहीं मिली उनके लिए ये शर्तें

इसमें वे लोग शामिल हैं जिनको लगी वैक्सीन को मंजूरी नहीं मिली है. या एक ही खुराक लगी है या फिर वैक्सीन लगी ही नहीं है. इनको - 

इंग्लैंड की फ्लाइट पकड़ने से तीन दिन पहले कोरोना टेस्ट कराना होगा.
इंग्लैंड पहुंचने के दूसरे दिन और 8वें दिन कोविड टेस्ट की बुकिंग करनी होगी. दोनों को ट्रैवल से पहले ही बुक करना होगा.
इंग्लैंड पहुंचने के 48 घंटे के अंदर पैसेंजर लोकेटर फॉर्म भरना होगा.
जहां रुक रहे हैं वहां 10 दिन तक खुद को क्वारंटाइन करना होगा. पहुंचने के बाद दूसरे और 8वें दिन कोविड टेस्ट कराना होगा.
टेस्ट की रिलीज स्कीम के तहत अगर प्राइवेट टेस्ट कराते हैं जो क्वारंटाइन जल्द खत्म हो सकता है.

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