
पाकिस्तान की ओऱ से पारित किया गया नया कानून भले ही कुलभूषण जाधव को मौत की सजा के खिलाफ अपील करने का अधिकार देता हो, लेकिन इसमें भी कई खामियां हैं. भारत की ओर से कहा गया है कि इस कानून में भी पिछले अध्यादेश की तरह ही कई गड़बड़ियां हैं. पाकिस्तान निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने में माहौल बनाने में विफल रहा है.
भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को लागू करने वाली पाकिस्तान की रिपोर्ट देखी है. उन्होंने कहा कि सच से आगे कुछ नहीं हो सकता था. जैसा कि पहले भी कहा गया है. अध्यादेश ने जाधव के मामले की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार के लिए कोई व्यवस्था तैयार नहीं की. जैसा कि आईसीजे के फैसले में बताया गया था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को निर्बाध काउंसलर एक्सेस से वंचित करता रहा है. ऐसा माहौल बनाने में विफल रहा है, जिसमें निष्पक्ष सुनवाई की जा सके. भारत ने बार-बार पाकिस्तान से आईसीजे के फैसले का पालन करने का आह्वान किया है.
सरकार की ओर से कहा गया है कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को कांसुलर एक्सेस नहीं दिया है. बता दें कि जाधव को पाक सैन्य अदालत ने 2017 में जासूसी करने का दोषी ठहराया था. भारत इस मामले को इंटरनेशनल कोर्ट ले गया था.