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लिथियम के 'खजाने' से EV उद्योग को मिलेगा बढ़ावा, जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी मिलेगा फायदा!

आजतक से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार के खनन विभाग के सचिव अमित शर्मा ने कहा कि लिथियम के इतने बड़े भंडार की खोज प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए गेमचेंजर होगी. उन्होंने कहा कि जीएसआई द्वारा औपचारिकताएं पूरी कर लेने के बाद जल्द ही ई-नीलामी शुरू की जाएगी.

लिथियम के इतने बड़े भंडार की खोज जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था के लिए गेमचेंजर होगी. फोटो सौजन्य-कैमरामैन नीरज कुमार लिथियम के इतने बड़े भंडार की खोज जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था के लिए गेमचेंजर होगी. फोटो सौजन्य-कैमरामैन नीरज कुमार
सुनील जी भट्ट
  • जम्मू,
  • 11 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:31 PM IST

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में लिथियम का 59 लाख टन का भंडार मिलने के बाद देश में मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग को काफी बढ़ावा मिलेगा और फोन की लागत कम होगी. केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल कारों से साल 2030 तक छुटकारा पाने का जो लक्ष्य रखा है, इस खोज के साथ उस लक्ष्य को पाने में भी कामयाबी मिलेगी और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. 

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आजतक से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार के खनन विभाग के सचिव अमित शर्मा ने कहा कि लिथियम के इतने बड़े भंडार की खोज प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए गेमचेंजर होगी. उन्होंने कहा कि जीएसआई द्वारा औपचारिकताएं पूरी कर लेने के बाद जल्द ही ई-नीलामी शुरू की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय युवाओं को नौकरियों में प्राथमिकता मिलेगी. उन्होंने कहा कि ये पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है क्योंकि भारत अब उन देशों में शामिल हो गया है, जहां लिथियम के बड़े-बड़े भंडार हैं.  

भारत के लिए ये खोज बड़ी करामाती साबित हो सकती है. अभी तक भारत में जरूरत का करीब 96 फीसदी लिथियम आयात किया जाता है. इसके लिए बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा खर्च करनी पड़ती है. भारत ने वित्त वर्ष 2020-21 में लिथियम ऑयन बैटरी के आयात पर 8,984 करोड़ रुपए खर्च किए थे. इसके अगले साल यानी 2021-22 में भारत ने 13,838 करोड़ रुपए की लिथियम आयन बैटरी इम्पोर्ट की थीं. 

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जम्मू-कश्मीर में खनन विभाग के सचिव अमित शर्मा. फोटो सौजन्य-कैमरामैन नीरज कुमार

माइंस सेक्रेटरी ने दी थी जानकारी

माइंस सेक्रेटरी विवेक भारद्वाज ने बताया कि देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी में लिथियम के इतने बड़े भंडार की खोज की गई है. उन्होंने कहा कि चाहे मोबाइल फोन हो या सोलर पैनल, महत्वपूर्ण खनिजों की हर जगह आवश्यकता होती है. आत्मनिर्भर बनने के लिए देश के लिए महत्वपूर्ण खनिजों का पता लगाना और उन्हें संसाधित करना बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर सोने का आयात कम किया जाता है तो हम आत्मानिर्भर बन जाएंगे.

फोटो सौजन्य-कैमरामैन नीरज कुमार


भारत को आत्मनिर्भर बनाएगी ये खोज  

भारत लिथियम का सबसे ज्यादा आयात चीन और हॉन्गकॉन्ग से करता है. हर साल इसमें बढ़ोतरी हो रही है. आंकड़ों के मुताबिक, भारत 80 फीसदी तक लिथियम का आयात चीन से करता है, लेकिन अब देश में लिथियम का जो भंडार मिला है, वह चीन के कुल भंडार से करीब 4 गुना ज्यादा है. इलेक्ट्रिक वाहनों पर फोकस बढ़ाने के बाद से भारत लिथियम आयात करने के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर रहा है. 

फोटो सौजन्य-कैमरामैन नीरज कुमार

भारत लिथियम भंडार का तीसरा बड़ा देश  

दुनिया में सबसे ज्यादा लिथियम का भंडार चिली में है. चिली 93 लाख टन के भंडार के साथ पहले नंबर पर है. वहीं ऑस्ट्रेलिया 63 लाख टन के साथ दूसरे नंबर पर है. अब कश्मीर में 59 लाख टन भंडार मिलने से भारत तीसरे नंबर पर आ गया है. इसके बाद 27 लाख टन के साथ अर्जेंटीना चौथे, 20 लाख टन के साथ चीन पांचवे और 10 लाख टन भंडार के साथ अमेरिका छठे नंबर पर है. 

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