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रूस से 'महामिसाइल' S-400 हासिल करने में टांग अड़ा रहा US, कहा- कूटनीतिक टकराव की आशंका

भारत अरबों रुपये की लागत से रूस से 5 मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 खरीद रहा है, लेकिन ट्रंप प्रशासन भारत पर इस डील को रद्द करने के लिए दबाव डाल रहा है. अमेरिका ने कहा है कि अगर भारत को यूएस के साथ कूटनीतिक टकराव रोकना है तो उसे डील को रद्द करना चाहिए.

मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 (फाइल फोटो) मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 9:01 AM IST
  • S-400 की डील में अमेरिका ने फिर टांग अड़ा दी
  • भारत पर दिए प्रतिबंध लगाने के दिए संकेत
  • रूस से 5 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीद रहा है भारत

भारत अरबों रुपये का रक्षा सौदा कर रूस से मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 खरीद रहा है. लेकिन इस डील की लेकर अमेरिका की भौहें चढ़ी हुई हैं. अमेरिका ने कहा है कि रूस के साथ इस डिफेंस डील के लिए अमेरिका की ओर से भारत को किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी. 

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि रूस के साथ की जा रही 5.5 अरब डॉलर के इस डील को लेकर अमेरिका भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है. ऐसी ही एक डील के लिए अमेरिका तुर्की पर प्रतिबंध लगा चुका है. 

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भारत अरबों रुपये की लागत से रूस से 5 मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 खरीद रहा है, लेकिन ट्रंप प्रशासन भारत पर इस डील को रद्द करने के लिए दबाव डाल रहा है. अमेरिका ने कहा है कि अगर भारत को यूएस के साथ कूटनीतिक टकराव रोकना है तो उसे डील को रद्द करना चाहिए. अमेरिका ने कहा है कि 2017 में बने एक अमेरिकी कानून के अनुसार भारत को रूस से इस मिसाइल को खरीदने की छूट नहीं दी जा सकती है. 

माना जा रहा है कि 20 जनवरी को अमेरिका जो बाइडेन के नेतृत्व में नई सरकार का कार्यकाल शुरू होने के बावजूद इस नीति में ज्यादा बदलाव नहीं आएगा. बाइडेन प्रशासन ने रूस के खिलाफ और भी सख्त नीति अपनाने का संकेत दिया है, इसका असर इस डील पर भी पड़ सकता है. 

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जानें क्या है S-400 मिसाइल सिस्टम जिस पर है दुनिया की निगाह

भारत का मानना है कि उसे चीन जैसे पड़ोसियों को ध्यान में रखते हुए मिसाइल डिफेंस सिस्टम की जरूरत है. इसके अलावा भारत ने दो टूक कहा है कि वो अपनी रक्षा जरूरतों का सामान किससे खरीदेगा ये तय करने का अधिकार नई दिल्ली को है. 

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, "भारत और अमेरिका के बीच विस्तृत वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है, भारत की रूस के साथ विशेष और खास रणनीतिक साझेदारी चल रही है. भारत ने हमेशा से स्वतंत्र विदेश नीति का पालन किया है. ये हमारे रक्षा सौदों और आपूर्ति पर भी लागू होता है जो कि हमारे राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर लिए जाते हैं. 

वही भारत में अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा है कि हमें अपने सभी सहयोगियों से अपील करते हैं कि वे रूस के साथ सभी ऐसे सौदे रद्द कर दें जिससे कि उन पर CAATSA (Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act) होने का अंदेशा है. इसी कानून के जरिए अमेरिका ने पिछले महीने रूस पर प्रतिबंध लगाया है. CAATSA के तहत किसी देश विशेष को छूट देने का प्रावधान नहीं है, भारत और रूस के साथ समझौते के मुद्दे पर हमने किसी तरह की छूट का निर्णय नहीं लिया है.

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