
पिछले 5 साल में 5220 विदेशियों को भारत की नागरिकता मिली है. इनमें से 87% यानी 4552 पाकिस्तान से आए हैं. भारत में हर साल लगभग 1044 लोगों को नागरिकता दी गई है. इंडिया टुडे द्वारा दायर RTI के जवाब में गृह मंत्रालय से जानकारी मिली है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा पिछले साल लोकसभा में दिए गए जवाब के मुताबिक, 5 साल में भारत के 6 लाख से ज्यादा नागरिकों ने नागरिकता छोड़ी है. मंत्रालय के मुताबिक, 2017 से 2021 तक 6,08,162 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी है. वहीं, 2017 से 2022 तक 5220 विदेशियों को भारत की नागरिकता मिली है.
औसत की बात करें तो हर साल 1,21,632 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी है. वहीं, हर साल औसत 1044 लोगों ने भारत की नागरिकता ली है. यानी नागरिकता लेने वालों की संख्या, नागरिकता छोड़ने वालों की तुलना में सिर्फ 1% है.
किस साल कितने लोगों ने छोड़ी नागरिकता?
साल | नागरिकता |
2017 | 1,33,049 |
2018 | 1,34,561 |
2019 | 1,44,017 |
2020 | 85,248 |
2021 | 1,11,287 (सितंबर तक) |
(सोर्स- MHA लोकसभा में)
अमेरिका जा रहे सबसे ज्यादा भारतीय
जिन भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी है, उनमें से 40% लोगों ने अमेरिका का रुख किया है. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया और कनाडा का नंबर आता है. अमेरिका भारतीय नागरिकों की पहली पसंद बना हुआ है. हालांकि, अमेरिका के नागरिकों ने भी भारत की नागरिकता ली है. हालांकि, इनकी संख्या काफी कम है. पिछले 5 सालों में 71 अमेरिकी नागरिकों ने भारत की नागरिकता ली है.
भारत की नागरिकता लेने के मामले में पाकिस्तान सबसे आगे है. पाकिस्तान के 87%, अफगानिस्तान के 8% और बांग्लादेश के 2% लोगों ने भारत की नागरिकता ली है. पिछले 5 सालों में सिर्फ 2021 में ही 1000 से ज्यादा लोगों को नागरिकता दी गई. 2021 में कुल 1745 लोगों को भारत की नागरिकता मिली, इनमें से 1580 पाकिस्तान से आए थे.
केंद्र ने नागरिकता कानून में किया था संसोधन
भारत सरकार 2019 में नागरिकता संसोधन कानून लाई थी. इस कानून में ये प्रावधान है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आने वाले हिन्दुओं, सिख, इसाई, जैन, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. हालांकि, इसका काफी विरोध भी हुआ था.