Advertisement

भारत की यात्रा पर ओमान के सुल्तान, PM मोदी के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता

ओमान में भारतीय प्रवासियों का एक बड़ा समूह भी रहता है, जो ओमान के आर्थिक विकास और सांस्कृतिक विविधता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ओमान में भारतीय प्रवासियों में काफी बढ़ोत्तरी हुई कोविड महामारी के प्रवासियों की संख्या 700,000 से अधिक हो गई है.

सुल्तान हैथम बिन तारिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-फोटो डीडी न्यूज सुल्तान हैथम बिन तारिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-फोटो डीडी न्यूज
मिलन शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:46 PM IST

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के निमंत्रण पर सुल्तान हैथम बिन तारिक आज से तीन दिन की भारत की राजकीय यात्रा पर हैं. उनके साथ वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों सहित एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है. सुल्तान हैथम बिन तारिक की भारत की यह पहली राजकीय यात्रा है. अपनी यात्रा के दौरान सुल्तान हैथम बिन तारिक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय चर्चा हुई. वार्ता में व्यापार व निवेश समेत विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई. ओमान के सुल्तान शुक्रवार को राजकीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचे. सुल्तान का यह दौरा तीन दिन का है.

Advertisement

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने वार्ता से पहले ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत-ओमान रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हैदराबाद हाउस में ओमान के महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक का गर्मजोशी से स्वागत किया जिससे द्विपक्षीय वार्ता का मंच तैयार हुआ.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एजेंडे में द्विपक्षीय संबंधों का जायजा लेना और दोनों देशों के बीच भविष्य के सहयोग का रास्ता तैयार करना शामिल है.’’

सुल्तान बिन तारिक का सुबह राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में रस्मी स्वागत किया गया. विदेश मंत्रालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में ओमान के सुल्तान की यात्रा की घोषणा करते हुए कहा था, ‘‘महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक की भारत की यह पहली राजकीय यात्रा भारत और ओमान सल्तनत के बीच राजनयिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.’’

Advertisement

भारत और ओमान सल्तनत रणनीतिक साझेदार हैं तथा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में वृद्धि हुई है. पीएम मोदी ने फरवरी 2018 को ओमान का दौरा किया. ओमान इस साल भी जी 20 के लिए आमंत्रित देशों में से एक था.

दोनों देशों के नेताओं ने गाजा में चल रहे युद्ध पर भी चर्चा की. इसके अलावा आतंकवाद पर भी चर्चा की गई. दोनों देशों के डिजिटल बुनियादी ढांचे और उपयोग के बीच यूपीआई स्टैक और इसके इंटरफेस के उपयोग पर चर्चा हुई. विदेश मंत्रालय के मुताबिक ओमान के सुल्तान की भारत यात्रा क्षेत्रीय स्थिरता, प्रगति और समृद्धि के लिए दोनों देशों के बीच भविष्य में सहयोग के रास्ते तलाशने का अवसर प्रदान करेगी.

दोनों पक्षों ने ओमान-भारत संयुक्त निवेश कोष के लिए 300 मिलियन डॉलर (लगभग 2,500 करोड़ रुपये) की तीसरी किश्त की घोषणा की. जो कि भारतीय स्टेट बैंक और ओमान निवेश प्राधिकरण के बीच 50-50 का जॉइंट विजन है.

ये नेता रहे शामिल
पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के अलावा प्रतिनिधि स्तर की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और विदेश सचिव विनय क्वात्रा भी मौजूद थे.

Advertisement

ओमान में भारतीय प्रवासियों का एक बड़ा समूह भी रहता है, जो ओमान के आर्थिक विकास और सांस्कृतिक विविधता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ओमान में भारतीय प्रवासियों में काफी बढ़ोत्तरी हुई कोविड महामारी के प्रवासियों की संख्या 700,000 से अधिक हो गई है. इसके अतिरिक्त प्रवासी भारतीयों में ब्लू-कॉलर श्रमिकों की काफी संख्या में मौजूद है. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023 में 12.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा.

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि प्रस्तावित व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) या मुक्त व्यापार समझौते पर दोनों नेताओं के बीच चर्चा में प्रमुखता से चर्चा हुई. उन्होंने कहा, 'हालांकि सीईपीए पर बातचीत हाल ही में शुरू हुई है, लेकिन पिछले कुछ दौर की चर्चाओं में इसमें काफी प्रगति हुई है और दोनों नेताओं ने सीईपीए को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए जोर दिया.

विज़न दस्तावेज़ लगभग 10 क्षेत्रों पर केंद्रित है, जिसमें समुद्री सहयोग और कनेक्टिविटी, ऊर्जा सुरक्षा और हरित ऊर्जा, अंतरिक्ष में सहयोग, डिजिटल भुगतान और फिनटेक, स्वास्थ्य, पर्यटन और आपदा प्रबंधन, कृषि और खाद्य सुरक्षा और क्रिकेट शामिल है.

व्यापार और निवेश सहयोग के संदर्भ में दोनों पक्षों ने भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में निवेश करने के लिए ओमान-भारत संयुक्त निवेश कोष के लिए $300 मिलियन की तीसरी किश्त की घोषणा की. पहली किश्त का मूल्य $100 मिलियन था, और दूसरे का मूल्य लगभग $200 मिलियन था. क्वात्रा ने कहा कि यह फंडिंग दोनों देशों की 'भारतीय अर्थव्यवस्था के बढ़ते क्षेत्रों में प्रत्यक्ष पूंजी निवेश के माध्यम से आर्थिक संबंधों का एक बहुत मजबूत आधार" बनाने की इच्छा को दर्शाती है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement