Advertisement

भारत ने किया 'वैक्सीन पासपोर्ट' का विरोध, G-7 में बोले हर्षवर्धन- ये भेदभाव वाली पहल

दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के बीच वैक्सीन पासपोर्ट की भी चर्चा है. कई देश इसके समर्थन में हैं. लेकिन भारत ने इसका विरोध किया है. G-7 देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक में डॉ. हर्षवर्धन ने इसे भेदभावपूर्ण वाली पहल बताया है.

G-7 देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक में बोल रहे थे डॉ. हर्षवर्धन (फाइल फोटो-PTI) G-7 देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक में बोल रहे थे डॉ. हर्षवर्धन (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 जून 2021,
  • अपडेटेड 4:17 PM IST
  • G-7 देशों की मीटिंग में बोले हर्षवर्धन
  • कहा, ये भेदभाव वाली पहल हो सकती है

दुनियाभर में जारी कोरोना संक्रमण के कहर के बीच 'वैक्सीन पासपोर्ट' की चर्चा भी हो रही है. वैक्सीन पासपोर्ट यानी अगर आप किसी दूसरे देश जा रहे हैं तो आपको वैक्सीन सर्टिफिकेट साथ रखना होगा. क्योंकि अब ये देशों में एंट्री के लिए जरूरी किया जा रहा है, इसलिए इसे 'वैक्सीन पासपोर्ट' कहा जा रहा है. दुनिया के कई देश इसके समर्थन में हैं. लेकिन भारत ने इसका कड़ा विरोध किया है.

Advertisement

शुक्रवार को G-7 देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ हुई बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने वैक्सीन पासपोर्ट का विरोध किया है. उन्होंने कहा, "आबादी के हिसाब से वैक्सीन कवरेज अभी विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में कम है. इस तरह की पहल बहुत ज्यादा भेदभावपूर्ण साबित हो सकती है."

भारत G-7 का हिस्सा नहीं है, लेकिन ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने भारत को इस मीटिंग में बतौर गेस्ट आमंत्रित किया है. भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को भी गेस्ट कंट्री के तौर पर न्योता दिया गया था. G-7 में अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान और इटली शामिल हैं. 

कोरोना काल में बच्चों की कैसे करें देखभाल? स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने बताया

इस समिट में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि महामारी के इस दौर में वैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ाना और उसकी सप्लाई सुनिश्चित करना ज्यादा जरूरी है. उन्होंने कहा, "भारत में करीब 60% वैक्सीन बनाई जाती हैं और दुनिया की क्षमता और आपूर्त बढ़ाने में मदद करने के लिए पर्याप्त है."

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement