Advertisement

सेना और जंग की तैयारियों पर कितना खर्च करती है दुनिया? भारत भी Top-5 देशों में, जानिए चीन-PAK कहां

भारत का मिलिट्री खर्च 6% बढ़ा है. यानी साल 2021 की तुलना में साल 2022 में इसमें इजाफा हुआ है. भारत ने 6 लाख करोड़ रुपए खर्च किए. चीन ने 23 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं. उसके खर्च में 4.2% की बढ़ोतरी हुई है. रूस ने भी यही किया है. सभी देश जंग और सुरक्षा के लिए ये पैसे खर्च कर रहे हैं.

पूरी दुनिया इस समय तीन देशों से डरी हुई है. यही वजह है जिससे रक्षा बजट बढ़ता जा रहा है. पूरी दुनिया इस समय तीन देशों से डरी हुई है. यही वजह है जिससे रक्षा बजट बढ़ता जा रहा है.
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 25 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 7:23 PM IST

रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला. चीन ने ताइवान पर तल्खी दिखाई. नतीजा पिछले साल दुनिया का मिलिट्री खर्च बढ़ गया. साल 2022 में मिलिट्री खरीद पर 183 लाख करोड़ रुपए खर्च किए गए. यह अब तक का सबसे बड़ा मिलिट्री खर्च है. इस खर्च में भारत चौथे पायदान पर रहा है. सबसे ऊपर है अमेरिका, फिर चीन, रूस, भारत और सऊदी अरब. 

Advertisement

अमेरिका, रूस और यूरोपीय देशों के रक्षा खर्च में जो इजाफा हुआ है, वह रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से हुआ है. जबकि भारत का अपनी सुरक्षा को लेकर की जा रही तैयारियों की वजह से. भारत साल 2021 में रक्षा खर्च के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर था लेकिन 2022 में चौथे स्थान पर पहुंच गया. क्योंकि हर देश किसी ने किसी देश से डरा हुआ है. 

ये है उत्तर कोरिया की नई मिसाइल जिसका उसने हाल ही में परीक्षण करके अमेरिका को धमकी दी थी. (फोटोः एपी)

यह लगातार आठवां साल है, जब दुनिया भर में सेनाओं पर खर्च को बढ़ाया गया है. रूस के डर से यूक्रेन ने अपना रक्षा खर्च 6 गुना बढ़ाया है. उसी डर की वजह से फिनलैंड नाटो का 31वां सदस्य देश बना. फिनलैंड ने 36 फीसदी कर दिया अपना रक्षा बजट. जबकि लिथुआनिया ने 27 फीसदी बढ़ा दिया है. यह खुलासा स्टॉकहोम की संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने अपने रिपोर्ट में की है. 

Advertisement

सबसे ज्यादा खर्च करने वाले पांच बड़े देश

अमेरिकाः 71 लाख करोड़ रुपए (0.7% बढ़ोतरी)
चीनः 23 लाख करोड़ रुपए (4.2% का इजाफा)
रूसः 7 लाख करोड़ रुपए (9.2% की बढ़त)
भारतः 6 लाख करोड़ रुपए (6% बढ़ोतरी)
सऊदी अरबः 5.8 लाख करोड़ रुपए (16% बढ़ा)

चीन का रक्षा खर्च क्यों बढ़ा, जानिए इसकी बड़ी वजह

चीन लगातार भारतीय सीमा पर तैयारियां मजबूत कर रहा है. साथ ही उसने ताइवान पर हमला करने की पूरी तैयारी कर रखी है. चीन लगातार 28वें साल अपना सैन्य बजट बढ़ाया है. इसका बजट अब 23 लाख करोड़ रुपए हो चुका है. दक्षिण चीन सागर और ताइवान के साथ तनाव इसकी बड़ी वजह है.  

पाकिस्तान ने अपने बजट को 6% बढ़ाया

पाकिस्तान का रक्षा खर्च साल 2021-22 में 6 फीसदी बढ़ा था. जिसे 2022-23 में फिर 2.69 फीसदी बढ़ाया गया. साल 2022 में पाकिस्तान का रक्षा खर्च 1.52 लाख करोड़ था. जबकि, साल 2021 में 1.37 लाख करोड़ रुपए था. जिसे बाद में रिवाइज करके 1.45 लाख करोड़ किया गया था. यह बजट तब बढ़ाया गया जब पाक रक्षा मंत्रालय ने बजट बढ़ाने की मांग की थी. 

रूस एक साल से ज्यादा समय से लगातार यूक्रेन पर हमला बोल रहा है. जिससे दुनिया की आर्थिक स्थिति हिली हुई है. (फोटोः AFP)

सबसे ज्यादा बढ़ोतरी वाले यूरोपीय देश 

Advertisement

फिनलैंडः 36 फीसदी
लिथुआनियाः 27 फीसदी
स्वीडनः 12 फीसदी
पोलैंडः 11 फीसदी

2022 में सबसे ज्यादा खर्च करने वाले ये तीन देश हैं 

पूरी दुनिया में जितना खर्च मिलिट्री पर हो रहा है, उसका 57 फीसदी हिस्सा तो सिर्फ और सिर्फ तीन देश कर रहे हैं. ये हैं अमेरिका, रूस और चीन. सबसे ज्यादा ऐतिहासिक बढ़त यूरोपीय देशों में देखने को मिली है. यूरोपीय देशों पिछले 30 साल का सबसे बड़ा इजाफा किया है. यूरोपीय देशों ने अपने रक्षा बजट में 13 फीसदी की बढ़ोतरी की है. वजह रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग है. 

दुनिया भर के ताकतवर देश लगातार नई-नई मिसाइलों का परीक्षण कर रहे हैं. 

अगर सिर्फ अमेरिका की बात करते हैं तो उसने साल 2022 में पूरी दुनिया के रक्षा खर्च का 39 फीसदी हिस्सा अकेले खर्च किया है. जो चीन के रक्षा खर्च से तीन गुना ज्यादा है. जबकि, चीन दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा मिलिट्री खर्च वाला देश है. उधर, चीन और उत्तर कोरिया के डर से जापान ने अपने रक्षा बजट को बढ़ाकर 3 लाख करोड़ कर दिया है. यह साल 1960 के बाद सबसे ज्यादा है. 

सिप्री के शोधकर्ता नान तिआन कहते हैं कि हम लगातार असुरक्षित होते जा रहे हैं. ये हथियार हमें सुरक्षा नहीं देंगे. ज्यादा हथियार यानी ज्यादा खतरा. इस समय पूरी दुनिया को तीन देशों से सबसे ज्यादा खतरा है. ये हैं रूस, चीन और उत्तर कोरिया. हो सकता है कि ये भविष्य में कोई हमला न करें लेकिन इनसे बाकी देश खतरा महसूस करते हैं. 

Advertisement

भारत का खर्च लगातार बढ़ क्यों रहा है?

भारतीय सेनाएं 40-50 साल पुरानी स्थिति में नहीं है. जमीन हो, पहाड़ हो, रेगिस्तान हो, आसमान हो, अंतरिक्ष हो या समुद्र हर तरफ हमारे हथियार कहर बरपा सकते हैं. चीन और पाकिस्तान एकसाथ हमला करते हैं तो भारत की तीनों सेनाओं के पास कुछ ऐसे हथियार हैं, जो दोनों दुश्मन देशों की हालत पस्त कर सकते हैं. इन हथियारों की वजह से चीन और पाकिस्तान बड़ा हमला करने की नहीं सोच सकते. चीन और पाकिस्तान से सुरक्षा और जरूरी होने पर हमला करने के लिए स्वदेशी हथियारों की जरूरत है. इसलिए भारत का रक्षा बजट बढ़ा है. 

अंतरिक्ष का ब्रह्मास्त्र ASAT  

भारत के पास एंटी-सैटेलाइट मिसाइल के लिए पृथ्वी एयर डिफेंस (पैड) सिस्टम है. इसे प्रद्युम्न बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्टर भी कहते हैं. यह एक्सो-एटमॉसफियरिक (पृथ्वी के वातावरण से बाहर) और एंडो-एटमॉसफियरिक (पृथ्वी के वातावरण से अंदर) के टारगेट पर हमला करने में सक्षम हैं. भारतीय ASAT मिसाइल की रेंज 2000 किमी है. यह 1470 से 6126 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से सैटेलाइट की तरफ बढ़ती है. 

प्रलय मिसाइल  

प्रलय मिसाइल 150 से 500 KM की दूरी तक दुश्मन के किसी भी तरह के अड्डे को बर्बाद कर सकती है. सटीक मारक क्षमता और तेज रफ्तार इसे ज्यादा घातक बनाती है. यानी सीमा के पास से इसे दागा जाए तो चीन-पाकिस्तान के बंकरों, तोपों, बेस आदि को खत्म करने में समय नहीं लगेगा. यह मिसाइल 5 टन वजनी है. 500 से 1000 KG वजन के पांरपरिक वॉरहेड ले जा सकती है.  

Advertisement

अग्नि-5 मिसाइल 

भारत की सबसे ताकतवर मिसाइलों में से एक ICBM. 50 से 56 हजार KG वजन वाली इस मिसाइल की लंबाई 17.5 मीटर है. यह 1500 KG वजन का वॉरहेड उठा सकती है. इसमें सॉलिड फ्यूल रॉकेट लगा है. जो इसे पारंपरिक और परमाणु हथियार ढोने की ताकत देता है. रेंज 5500 KM है. यानी इसकी रेंज में चीन-पाकिस्तान समेत आधी दुनिया आती है. 

बराक-8 मिसाइलें 

लंबी दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल. इंडियन मिलिट्री के सभी विंग इसका इस्तेमाल करते हैं. 275 किलोग्राम की मिसाइल की लंबाई 4.5 मीटर है. इसपर 60 KG का हथियार लगा सकते हैं. डेटोनेशन हार्ड टू किल है. यानी यह मिसाइल गिरी तो दुश्मन राख में तब्दील. इसका रॉकेट बिना धुआं छोड़े उड़ता है, इसलिए आसमान में दिखता नहीं. रेंज, 16 से लेकर 30 किलोमीटर तक है. जो 2469 किमी/ घंटा की स्पीड से उड़ती है. 

ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल  

दुनिया की सबसे खतरनाक और घातक मानी जाती है ब्रह्मोस मिसाइल. यह एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. इसके कई वर्जन भारतीय मिलिट्री में तैनात हैं. 3000 KG वजनी यह मिसाइल 8.4 मीटर लंबी है. यह 200 से 300 KG वजन का पारंपरिक, सेमी-आर्मर पीयर्सिंग और परमाणु हथियार ले जा सकती है. अलग-अलग वर्जन 400 से लेकर 700 KM रेंज के हैं. इसकी सबसे खतरनाक बात ये है कि ये जमीन या समुद्र से मात्र 3 से 4 मीटर ऊपर उड़कर जा सकती है. इससे दुश्मन के राडार को इसके आने का पता नहीं चलेगा. इसकी गति 4939 किमी/घंटा है. 

Advertisement

वीएल-एसआरएसएएम 

भारतीय नौसेना का स्वदेश निर्मित वर्टिकल लॉन्च-शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल. इसे बराक-1 की जगह जंगी जहाजों में लगाए जाने की योजना है. यह मिसाइल 154 किलोग्राम वजनी है. यह मिसाइल करीब 12.6 फीट लंबी है. इसका व्यास 7.0 इंच है. इसमें हाई-एक्सप्लोसिव प्री-फ्रैगमेंटेड वॉरहेड लगाया जाता है. यह कम ऊंचाई पर उड़ने वाले दुश्मन के जहाज या मिसाइल को मार सकती है. इसकी रेंज 25 से 30 किलोमीटर है. यह अधिकतम 12 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है. इसकी गति बराक-1 से दोगुनी ज्यादा है. यह मैक 4.5 यानी 5556.6 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ती है.  

पिनाका रॉकेट सिस्टम 

पिनाका रॉकेट सिस्टम का नाम भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' पर रखा गया है. पिनाका सिस्टम 44 सेकेंड में 12 रॉकेट दागता है. मतलब हर 4 सेकेंड में एक रॉकेट. इसकी रेंज 7 से 90 किलोमीटर है. पिनाका रॉकेट के ऊपर हाई एक्सप्लोसिव फ्रैगमेंटेशन (HMX), क्लस्टर बम, एंटी-पर्सनल, एंटी-टैंक और बारूदी सुरंग उड़ाने वाले हथियार लग सकते हैं. यह रॉकेट 100 KG वजन का हथियार उठाने में सक्षम है. यह  5757.70 KM प्रतिघंटा की रफ्तार से दुश्मन की ओर बढ़ता है. यानी एक सेकेंड में 1.61 KM की स्पीड से हमला. 

एलसीए तेजस 

देश में बना लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस (LCA Tejas) छोटी लड़ाई के लिए घातक फाइटर जेट है. यानी 400 किलोमीटर से थोड़ी ज्यादा रेंज. मतलब ये है कि इसे क्लोज-एयर-टू-ग्राउंड ऑपरेशंस में इस्तेमाल कर सकते हैं. दुश्मन के इलाके में छोटा मिशन करना है तो यह फाइटर जेट सबसे उपयुक्त है. अधिकतम स्पीड 1980 किमी/घंटा है. यानी ध्वनि की गति डेढ़ गुना ज्यादा. रेंज 1850 किलोमीटर है लेकिन कॉम्बैट रेंज 500 किलोमीटर ही है. यानी पूरे हथियारों और ईंधन के साथ ये दुश्मन के इलाके में 500 किलोमीटर अंदर जाकर तबाही मचाकर आ सकता है.  

Advertisement

सुखोई-30एमकेआई 

भारत का एक और दमदार फाइटर जेट. वायुसेना में ऐसे 272 विमान मौजूद हैं. इसे उड़ाने के लिए दो पायलट लगते हैं. 21.93 मीटर लबें फाइटर जेट की अधिकतम गति 2120 किमी/घंटा है. युद्ध के दौरान यह पूरे हथियार के साथ 3000 किलोमीटर तक लगातार उड़ान भर सकता है. अधिकतम 17,300 मीटर की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें 12 हार्ड प्वाइंट्स हैं, जिनमें रॉकेट्स, मिसाइल और बम या फिर इनका मिश्रण बनाकर लगाया जा सकता है. यह राफेल के साथ मिलकर किसी भी युद्ध में कहर बरपा सकता है. 

राफेल फाइटर जेट 

इंडियन एयरफोर्स का मल्टीरोल फाइटर जेट डैसो राफेल अधिकतम 1912 किमी/घंटा की स्पीड से उड़ता है. कॉम्बैट रेंज 1850 KM है. अधिकतम 51,952 फीट की ऊंचाई पर जा सकता है. इसमें 30 मिमी की एक 125 राउंड वाली ऑटोकैनन लगी है. इसमें 14 हार्डप्वाइंट्स हैं वायुसेना के वर्जन के लिए और 13 नौसैनिक वर्जन के लिए. यानी सेनाओं के हिसाब से हथियार लगाने की सुविधा. इसमें हवा से हवा, हवा से जमीन, हवा से शिप और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. इसके अलावा इसमें कई तरह के बम लगा सकते हैं.

के-9 वज्र टैंक 

 के9-वज्र टी (K-9 Vajra-T) को भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और लार्सेन एंड टुब्रो (L&T) मिलकर बनाया है. यह 155 मिलीमीटर की सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी है. इसके गोले की रेंज 18 से 54 किमी तक है. मतलब इतनी दूर बैठा दुश्मन बच नहीं सकता. इसमें 48 गोले स्टोर होते हैं. ऑपरेशनल रेंज 360 KM और अधिकतम गति 67 KM प्रतिघंटा है. 

धनुष हॉवित्जर तोप 

155 mm कैलिबर की हॉवित्जर धनुष को साल 2019 में भारतीय सेना में शामिल किया गया है. यह बोफोर्स तोप का स्वदेशी वर्जन है. फिलहाल सेना के पास 12 धनुष है. 114 का ऑर्डर है. इसे चलाने के लिए 6 से 8 क्रू की जरूरत होती है. इसके गोले की रेंज 38 किलोमीटर है. बर्स्ट मोड में 15 सेकेंड में तीन राउंड, इंटेंस मोड में 15 राउंड  और संस्टेंड मोड में 60 राउंड. यानी जैसी जरुरत हो वैसा हमला करने में सक्षम. 

एम-777 हॉवित्जर 

अरुणाचल प्रदेश में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारतीय सेना ने M-777 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर को तैनात कर दिया है. इन तोपों को आसानी से कहीं भी पहुंचाया जा सकता है. LAC पर पर्याप्त मात्रा में इन तोपों की तैनाती की गई है. कुछ महीने पहले एक सैन्य अधिकारी ने कहा था कि हम अब चीन से लोहा लेने के लिए ज्यादा अच्छी स्थिति में हैं. भारतीय सेना के पास 110 हॉवित्जर हैं. 145 और तोपों का ऑर्डर दिया गया है. इसे चलाने के लिए 8 लोग लगते हैं. यह एक मिनट में 7 गोले दागता है. गोले की रेंज 24 से 40 किमी है. इसका गोला करीब एक KM प्रति सेकेंड की गति से चलता है. 


 
एलसीएच प्रचंड 

अपनी कैटेगरी में हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर प्रचंड दुनिया का सबसे बेहतरीन हेलिकॉप्टर है. इसकी सबसे बड़ी उपयोगिता हिमालय पर मौजूद चीन सीमाओं की निगरानी में होगी.  15.5 फीट ऊंचे लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर यानी LCH की की लंबाई 51.10 फीट है. इसे दो पायलट उड़ाते हैं. 550 KM किलोमीटर की कॉम्बैट रेंज में 268 किमी/घंटा की गति से उड़ता है. यह 16,400 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. 

दुनिया में इस तरह का कोई हेलिकॉप्टर नहीं है, जो इतनी ऊंचाई पर हिमालय में उड़ सके. इसका कॉकपिट ग्लास से बना है. साथ ही बॉडी फ्रेम कंपोजिट है. यानी इस पर सामान्य असॉल्ट राइफलों की गोलियों का भी असर नहीं होगा. न ही इसके रोटर यानी ब्लेड्स पर. इसकी चोंच यानी कॉकपिट के ठीक नीचे 20 mm की तोप है. हेलिकॉप्टर में चार हार्डप्वाइंट्स हैं. यानी चार एक जैसे या अलग-अलग प्रकार के हथियार लगाए जा सकते हैं. जैसे - चार 12 FZ275 लेजर गाइडेड रॉकेट्स या हवा से हवा में मार करने वाली चार Mistral मिसाइलें. चार ध्रुवास्त्र एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें. या चार क्लस्टर बम, अनगाइडेड बम, ग्रेनेड लॉन्चर लगाया जा सकता है. या फिर इन सबका मिश्रण सेट कर सकते हैं. 

आईएनएस विक्रांत 

बराक-ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों से लैस भारत का सबसे ताकतवर एयरक्राफ्ट करियर. इस पर 32 बराक-8 मिसाइलें लगी हैं. 76 मिलिमीटर के चार ओटोब्रेडा कैनन लगे हैं. यानी वह तोप जो चारों तरफ घूमकर दुश्मन के विमान, हेलिकॉप्टर, फाइटर जेट, वॉरशिप या बोट पर हमला कर सकती है. यह एक मिनट में 120 राउंड फायर करती है. रेंज 20 किलोमीटर तक होती है. चार एके 630 सीआईडब्ल्यूएस लगे हैं. यह एक क्लोज़-इन वेपन सिस्टम है. यानी टारगेट जिधर जाता है, उधर ही घूमकर ताबड़तोड़ फायरिंग करती है. इसे चलाने के लिए सिर्फ एक आदमी लगता है. फायरिंग रेंज 4000 राउंड्स प्रति मिनट से लेकर 10 हजार राउंड्स प्रति मिनट है. इसकी रेंज 4000 से 5000 मीटर है.  

आईएनएस विक्रमादित्य 

भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य दुनिया के 10 सबसे बड़े एयरक्राफ्ट करियर्स में शामिल है. यह 283.5 मीटर लंबा है. इसकी बीम 61 मीटर की है. यह एक कीव-क्लास का मॉडिफाइड एयरक्राफ्ट करियर है. जो भारतीय नौसेना में साल 2013 में शामिल किया गया था. इस पोत पर 36 लड़ाकू विमान तैनात हो सकते हैं. जिसमें 26 मिकोयान MiG-29K मल्टी रोल फाइटर्स और Kamov Ka-31 AEW&C और Kamov Ka-28 ASW हेलिकॉप्टर्स शामिल हैं. 

आईएनस चक्र परमाणु पनडुब्बी 

सोवियत समय की अकूला क्लास परमाणु पनडुब्बी भारतीय नौसेना की ताकत है. 110.3 मीटर लंबी इस पनडुब्बी की गति 19 किलोमीटर प्रतिघंटा सतह पर होती है. पानी के अंदर यह अधिकतम 65 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चल सकती है. यह अधिकतम 600 मीटर की गहराई तक जा सकती है. इसमें 28 टॉरपीडो लगे होते हैं. इसके अलावा तीन सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें भी तैनात होती हैं. फिलहाल इसमें केएच-55 ग्रनत क्रूज मिसाइल, श्कवाल सुपर कैप्टिवेटिंग टॉरपीडोस तैनात है. अगर युद्ध की स्थिति आती है तो यह पनडुब्बी चीन की पनडुब्बियों, जंगी जहाजों आदि को नष्ट कर सकती है. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement