
भारत ने कनाडाई खुफिया एजेंसी सीएसआईएस (Canadian Security Intelligence Service) द्वारा लगाए गए आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कनाडा के चुनावों में हस्तक्षेप करने की कोशिश के आरोपों को 'निराधार' बताया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कनाडा द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए ओटावा पर पाखंड रचने का आरोप लगाया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि मुख्य मुद्दा अतीत में नई दिल्ली के मामलों में ओटावा का हस्तक्षेप है.
एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान एमईए प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमने कनाडाई आयोग की जांच के बारे में मीडिया रिपोर्टें देखी हैं... हम कनाडाई चुनावों में भारतीय हस्तक्षेप के ऐसे सभी आधारहीन आरोपों को दृढ़ता से खारिज करते हैं. दूसरे देशों की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करना भारत सरकार की नीति नहीं है. वास्तव में, इसके विपरीत, यह कनाडा है जो हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है.'
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कनाडा की खुफिया एजेंसी ने भारत पर क्या आरोप लगाए हैं?
कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) के एक दस्तावेज में कहा गया है कि संघीय जांच आयोग 2019 और 2021 में देश के चुनावों में भारत, पाकिस्तान, चीन और रूस जैसे विदेशी देशों के संभावित हस्तक्षेप की जांच कर रहा है. सीएसआईएस के दस्तावेजों में आरोप लगाया गया है कि '2021 में, भारत सरकार का कनाडा में एक भारतीय सरकारी प्रॉक्सी एजेंट का उपयोग करने सहित हस्तक्षेप करने का इरादा था और संभवतः गुप्त गतिविधियां संचालित की गईं.'
कनाडाई जासूसी एजेंसी ने आगे आरोप लगाया कि भारत सरकार ने 2021 में हस्तक्षेप करने से गतिविधियां चलाईं जो कम संख्या वाले चुनावी जिलों पर केंद्रित थीं. सीएसआईएस के दस्तावेज में कहा गया है कि भारत सरकार ने उन जिलों को निशाना बनाया क्योंकि भारत की धारणा थी कि 'भारतीय मूल के कनाडाई मतदाताओं का एक हिस्सा खालिस्तानी आंदोलन या पाकिस्तान समर्थक राजनीतिक रुख के प्रति सहानुभूति रखता है.'
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कनाडाई खुफिया एजेंसी के निदेशक को रिपोर्ट पर भरोसा नहीं
दस्तावेज में कहा गया है कि सीएसआईएस ने 'खुफिया जानकारी' एकत्र किया है जो इंगित करता है कि भारत सरकार के 'प्रॉक्सी एजेंट' ने भारत समर्थक उम्मीदवारों को अवैध वित्तीय सहायता प्रदान करके लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया हो सकता है. हालांकि, सीएसआईएस के निदेशक डेविड विग्नॉल्ट ने कहा है कि सीएसआईएस की रिपोर्ट में उल्लिखित आरोपों को तथ्य नहीं माना जाना चाहिए, और मामले में गहन जांच की आवश्यकता है. क्योंकि रिपोर्ट में उल्लिखित जानकारी अपुष्ट या अधूरी प्रतीत होती है.