
भारत की पहली ट्रांसजेंडर कॉलेज प्रिंसिपल मनोबी बंदोपाध्याय ने आरोप लगाया है कि कोलकाता में एक सरकारी अस्पताल के स्टाफ ने उनका कोरोना टेस्ट करने से इनकार कर दिया. उनका कहना है कि उन्हें पागल कहा गया और अस्पताल से भगा दिया गया.
मनोबी बंदोपाध्याय का कहना है कि अस्पताल के लोगों ने पहले उन्हें देखा फिर कहा कि तुम पागल हो और उन्हें वहां से भगा दिया. उन लोगों ने उनका टेस्ट नहीं होने दिया. मनोबी ने कहा कि 'मुझे घर आना पड़ा. मैं इससे बहुत दुखी हूं'. उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय के अन्य लोगों के लिए भी आवाज उठाना जरूरी है. अब मैं क्या करूं, किसके पास जाऊं?
मनोबी पश्चिम बंगाल ट्रांसजेडर डेवेलमेंट बोर्ड की उपाध्यक्ष भी हैं. कथित तौर पर वैक्सीन लगाने से मना किए जाने के बाद जब उन्होंने अस्पताल के सुप्रिटेंडेंट से मिलने की कोशिश की तो अस्पताल ने ऐसा भी नहीं करने दिया. वहीं इस मामले को लेकर अस्पताल के सुप्रिटेंडेंट का कहना है कि ट्रांसजेंडर्स को लेकर अस्पताल संवेदनशील है. मेरे पास ऐसी कोई औपचारिक शिकायत नहीं आई है. अगर ऐसा कुछ हुआ है तो उन्हें शिकायत करनी चाहिए. मैं संबंधित स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई करूंगा.
इसपर भी क्लिक करें- सर्जरी कराकर पुरुष बन गई ये मशहूर एक्ट्रेस, 6 पैक एब्स में शेयर की तस्वीर
शीसिर नसकार ने कहा कि वह इस बात से वाकिफ नहीं हैं कि मनोबी को अस्पताल से बिना जांच के लौटा दिया गया. उन्होंने कहा कि अस्पताल में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के लिए दो बेड रिजर्व हैं. मुझे इस घटना के बारे में सोशल मीडिया से पता चला. मनोबी बंदोपाध्याय का जन्म सोमनाथ बंदोपाध्याय के तौर पर नईहाटी में हुआ था. उन्होंने फिलॉसफी में पीएचडी की है. मनोबी तब सुर्खियों में आईं थीं जब वह नादिया में कृष्णानगर महिला कॉलेज की वह प्रिंसिपल बनीं थीं. वह देश की पहली ट्रांसजेडर प्रिंसिपल बनीं.
(इनपुट- प्रेमा राजाराम)