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अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनने का क्या है मतलब? जाने माने लेखक एड्रियन लेवी ने बताया

उन्होंने कहा कि वहां पर पाकिस्तान आर्मी प्रमुख शक्ति को एकत्रित कर रहे हैं. सीमा पर काफी रणनीति चली गई. कई अलग अलग लोगों की राय हमसे जुदा होगी. लेकिन मेरा मानना है कि सेना प्रमुख शक्ति को इकट्ठा करना चाह रहे हैं. क्योंकि उनके पास सिर्फ अगले साल तक का समय है.

एड्रियन लेवी, लेखक और पत्रकार (फाइल फोटो) एड्रियन लेवी, लेखक और पत्रकार (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 6:48 PM IST
  • अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनने के हैं मायने
  • पाकिस्तान अपनी शक्ति कर रहा है एकत्रित
  • पाकिस्तान में कमजोर हुई है इमरान खान की पोजीशन

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनने को लेकर जाने माने लेखक एड्रियन लेवी ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 में कहा कि वहां पर पाकिस्तान आर्मी प्रमुख शक्ति को एकत्रित कर रहे हैं. सीमा पर काफी रणनीति चली गई. कई अलग अलग लोगों की राय हमसे जुदा होगी. लेकिन मेरा मानना है कि सेना प्रमुख शक्ति को इकट्ठा करना चाह रहे हैं. क्योंकि उनके पास सिर्फ अगले साल तक का समय है. उसके बाद उन्हें ऑफिस छोड़ना होगा. नए आर्मी प्रमुख की नियुक्ति हो जाएगी. उन्होंने कहा कि यह आईएसआई की जीत नहीं है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और भारत की इंटेलिजेंस एजेंसी RAW के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर संवैधानिक सेट अप का है. एड्रियन लेवी जाने-माने लेखक और पत्रकार हैं. 

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उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इतने दिनों तक अफगानिस्तान पर शासन किया और फिर 20 सालों बाद उसे छोड़ दिया. इससे ना ही दुनिया सुरक्षित हुई और न ही आतंक का सफाया हुआ. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने कुर्द सहयोगियों को अपने हाल पर छोड़ दिया और वर्तमान राष्ट्रपति बाइडेन ने अपने आप को इस परियोजना से अलग कर लिया. 

उन्होंने कहा कि ISI प्रमुख जनरल फैज हमीद को हटा कर उन्हें पेशावर कोर कमांडर बनाया गया है. इससे पहले उन्होंने ISI में आंतरिक सुरक्षा के प्रमुख के रूप में काम किया था. यह एक महत्वपूर्ण घटना है. क्योंकि फैज अहमद को TTP और काबुल सरकार में तालिबान को दिए गए पोर्टफोलियो को लेकर बात करनी होगी. उन्होंने आगे कहा कि अब जिन्हें ISI प्रमुख बनाया गया है वो बहुत बड़ा चेहरा नहीं है. इसका मतलब है कि अब इस पद को कमजोर किया जा रहा है. सेना प्रमुख बाजवा का ही अब कुल मिलाकर इसपर भी दबदबा रहेगा. 

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वहीं ISI प्रमुख के बदलने को लेकर जाने माने पत्रकार ने कहा कि मुझे डर है कि इस कदम से पीएम इमरान खान का कद कम होगा. क्योंकि पूर्व ISI प्रमुख जनरल फैज हमीद की इमरान खान से करीबी थी. ऐसे में उनके चले जाने से पाकिस्तानी सेना के साथ इमरान खान की पोजीशन कमजोर हुई है. 

बता दें, पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को शक्तिशाली खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद का ट्रांसफर कर पेशावर कोर का कमांडर बनाया गया है. जबकि, लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम को ISI का नया चीफ नियुक्त किया गया है

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