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India Today Conclave 2023: आतिशी मार्लेना बोलीं- 2015 से अब तक AAP नेताओं पर 186 केस दर्ज किए गए, किसी में कोई दोषी नहीं पाया गया

दिल्ली की शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था के बारे में बात की. उन्होंने कुछ ग्लोबल रिपोर्ट्स का भी जिक्र किया. लेकिन जब एक तरफ हम भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था के बारे में बात कर रहे हैं, तो दूसरी ओर हमें उन रिपोर्ट्स् के बारे में भी बात करनी चाहिए थी, जहां आंकड़े भारत के लिए चिंताजनक हैं.

आतिशी मार्लेना आतिशी मार्लेना
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 12:09 PM IST

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव-2023 का शुक्रवार को आगाज हो गया. दो दिन चलने वाले इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में पहले आर्मी चीफ मनोज पांडे, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, कांग्रेस नेता शशि थरूर, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा समेत तमाम बड़े दिग्गज शामिल हुए. इस दौरान दिल्ली की शिक्षा मंत्री और आप नेता आतिशी मार्लेना ने 'इंडिया एंड डेविड-गोलियथ बैटल' पर अपनी बात रखी. इस दौरान आतिशी ने जांच एजेंसियों के राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा. आतिशी ने दावा किया कि 2015 में सत्ता में आने के बाद आप नेताओं पर 186 केस दर्ज किए गए. लेकिन किसी में कोई दोषी नहीं पाया गया. आतिशी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट का भी जिक्र कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. 

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आतिशी मार्लेना ने कहा, भारत के लोगों की हमेशा आवाज रही है, उनके हमेशा विचार रहे हैं. आप कहीं भी जाएंगे, बस या ट्रेन से यात्रा करेंगे, तो आपको हर व्यक्ति की हर मामले में राय मिलेगी. ट्रेन में आप यात्रा करें तो आपको ये विचार, राय सुनने को मिलेगी. जब आप ट्रेन में यात्रा शुरू करते हैं, तो आप किसी को नहीं जानते, लेकिन जब ये यात्रा खत्म होती है, तो आपको अपने पास बैठे लोगों के बारे में सब कुछ पता चल जाता है. भारत में कहीं चुनाव हो और आप कहीं चाय की दुकान या किसी कोने पर जाएं, तो आपको वहां इसी की चर्चा मिलेगी. यही भारत है. सबके पास अपनी राय व्यक्त करने का माध्यम है. 

स्मृति ईरानी पर साधा निशाना

दिल्ली की शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था के बारे में बात की. उन्होंने कुछ ग्लोबल रिपोर्ट्स का भी जिक्र किया. लेकिन जब एक तरफ हम भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था के बारे में बात कर रहे हैं, तो दूसरी ओर हमें उन रिपोर्ट्स् के बारे में भी बात करनी चाहिए थी, जहां आंकड़े भारत के लिए चिंताजनक हैं. कई ग्लोबल इंडेक्स हैं, जिनमें भारत हर साल नीचे गिरता जा रहा है. आतिशी ने कहा कि ग्लोबल ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स में भारत अपने पड़ोसियों से नीचे जा रहा है.

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आतिशी ने कहा, हम न्यूजपेपर उठाते हैं, तब स्वास्थ्य सेवाओं में कमी की खबरें आम तौर पर मिल जाती हैं. हाल ही में हमने एमपी की एक खबर देखी थी, जहां एक आदमी को अपनी पत्नि को 65 किलोमीटर ले जाना पड़ा, ताकि उसे इलाज मिल सके. 

'देश में शिक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत'

दिल्ली की शिक्षा मंत्री ने कहा, भारत में 1 लाख लोगों पर सिर्फ 6 आईसीयू हैं. 1 हजार लोगों पर 136 बेड हैं. ये मुद्दे हैं, जहां भारत को काम करने की जरूरत है. जहां हमें अपनी आवाज उठाने की जरूरत है. 

आतिशी ने कहा, इसी तरह शिक्षा का मुद्दा है. हमें पता है कि शिक्षा हमारे लिए कितनी अहम है. हर व्यक्ति के लिए बच्चे की शिक्षा, उसका भविष्य कितना अहम है. हर साल जनवरी में प्रथम असर सर्वे रिपोर्ट जारी होती है. इसके मुताबिक, देश में स्कूल जाने वाले बच्चों में 50% पढ़ना लिखना नहीं जानते. इस मुद्दे पर हमें भारतीय होने के नाते आवाज उठाने की जरूरत है. भारत में 4.8 करोड़ भारतीय बेरोजगार है. इन मुद्दों पर हमें बात करने की जरूरत है.

हाल ही में हिंडनबर्ग रिपोर्ट आई, इस पर आवाज उठाने की जरूरत है. सत्तापक्ष के करीबी अडानी ग्रुप की संपत्ति कितनी तेजी से बढ़ी है. लेकिन इस मामले में अब तक कोई जांच नहीं हुई है. हम अगर सुपरपावर बनने की बात करते हैं, तो हमें भ्रष्टाचार के मामले में आवाज उठाने की जरूरत है. 

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केंद्र के खिलाफ आवाज उठाने पर कार्रवाई होती है- आतिशी
आतिशी ने कहा, भारत की आवाज पर भी आज हमला हो रहा है. अगर कोई केंद्र की सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ आवाज उठाता है, उनकी आलोचना करता है, तो उसे दबाने की कोशिश की जाती है. एक राजनीतिक नेता के तौर पर मुझे पता है कि कैसे नेताओं के ऊपर केस दर्ज कराए जा रहे हैं. सीबीआई, ईडी का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं के खिलाफ किया जा रहा है. 

आतिशी ने कहा, हमारी पार्टी बहुत पुरानी नहीं है. जब से हम 2015 में सत्ता में आए हैं, हमारे 186 नेताओं पर केस दर्ज किए गए. लेकिन एक भी केस में कोई दोषी नहीं पाया गया. इसके बावजूद एजेंसियां लगातार आप के नेताओं और विपक्षी दल के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं. इन एक भी केसों में .1 प्रतिशत भी दोषी दर नहीं है. लेकिन केंद्र सरकार हर उस आवाज को दबाना चाहती है, जो उनके खिलाफ उठ रही है. इस मुद्दे पर भारतीय होने के नाते हमें आवाज उठाने की जरूरत है. इस आवाज की सुरक्षा होनी चाहिए.

 


 

 

 

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