
India Today Conclave 2024: इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दो दिवसीय कार्यक्रम के आखिरी दिन शनिवार को भारतीय सशस्त्र सेनाओं के चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने भारतीय सेना में सुधार और देश के समक्ष मौजूदा चुनौतियों पर खुलकर बात की.
इस दौरान जनरल अनिल चौहान ने 21वीं सदी में देश की सुरक्षा के समक्ष सबसे बड़ी चुनौतियों के बारे में बताते हुए कहा कि देश की सेनाओं की बात करें तो सबसे बड़ी चुनौती अंदरूनी ना होकर बाहरी हैं, जो चिंता का विषय है. लेकिन ये बाहरी चुनौतियां ही देश को एकजुट करने का काम करती हैं. बालाकोट, गलवान और करगिल की घटनाओं से इन्हें समझा जा सकता है.
'चीन देश की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा'
सीडीएस ने कहा कि चीन का बढ़ता प्रभुत्व देश की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है. वैसे हमारे दोनों पड़ोसी पाकिस्तान और चीन की मंशा से हम अनजान नहीं हैं. हम जानते हैं कि इनसे हमें खतरा है. लेकिन इसके अलावा खतरा भविष्य में युद्ध का लगातार बदल रहा परिदृश्य है. इस वजह से हमें अपनी रणनीति, तकनीक, युद्ध के तरीकों और क्षमताओं को और बेहतर करना होगा.
चीन और पाकिस्तान की दोस्ती भी चिंता का विषय है. दोनों देशों की दोस्ती हिमालय जितनी बड़ी और समुद्र जैसी गहरी होती जा रही है.
उन्होंने पाकिस्तान की सेना को गंभीरता से भी नहीं लेने के आइडिया को खारिज करते हुए कहा कि पड़ोसी देश खुद बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है और हाल ही में उसके यहां थोड़ी बहुत राजनीतिक स्थिरता आई है.
उन्होंने कहा कि जहां तक चीन का सवाल है, उसकी विस्तारवादी नीतियों से सभी को दिक्कत रही है. इस वजह से संयुक्त राष्ट्र को भी एकजुट होना पड़ा, जिस वजह से चीन अपने जियोपॉलिटिक्स मकसद में कामयाब नहीं हो पाया है.
सीडीएस ने कहा कि हमारे समक्ष भौगोलिक चुनौतियां बनी हुई हैं. हिमालय सदियों से हमारी सुरक्षा कर रहा है. लेकिन लगातार विकसित हो रही तकनीक से दिक्कतें बढ़ी हैं. हमें कॉन्टिनेंटल और मैरीटाइम चुनौतियों के बीच संतुलन बैठाना होगा.
उन्होंने कहा कि हमारी भौगोलिक स्थिति देखें तो पता चलेगा कि चीन लगातार विस्तारवाद में लगा है. चीन, तिब्बत में बैठा है. पाकिस्तान आतंकवाद का प्रसार करने में लगा है. म्यांमार में अलग संघर्ष है. इस तरह भौगोलिक तौर पर स्थिति काफी उथल-पुथल है. मैंने पहले भी कहा है और अब भी कह रहा हूं कि भौगोलिक तौर पर चुनौतियां हों लेकिन हमारी डेस्टिनी Sea (समुद्र) है और यहां हमारे पास अभूतपूर्व अवसर हैं.
विकसित भारत-2047 का विजन
सीडीएस चौहान ने कहा कि भारतीय सेनाओं के लिए इस समय सबसे बड़ा लक्ष्य तीनों सेनाओं की क्षमताओं को एकजुट करने की है ताकि एकजुटता बनी रह सके.
उन्होंने कहा कि तीनों सेवाओं को साइबर, स्पेस और कॉगनिटिव स्तरों पर एक करने की जरूरत है. ये एकजुटता ही 2027 तक सेनाओं का लक्ष्य है.