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India Today Conclave 2025: पाक-चीन रिश्तों पर बोले सेना प्रमुख, कहा- दोनों के बीच गहरी सांठगांठ को स्वीकार करना होगा

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पाकिस्तान और चीन के बीच सैन्य सहयोग गहरा हो चुका है, और भारत को इसके लिए सतर्क रहना होगा. उन्होंने आगाह किया कि पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ में कमी के कोई संकेत नहीं हैं.

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 12:08 PM IST

India Today Conclave 2025 में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग को लेकर अहम बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारत को इस 'मिलीभगत के उच्च स्तर' को स्वीकार करना होगा.  

India Today के न्यूज़ डायरेक्टर राहुल कंवल और मैनेजिंग एडिटर गौरव सावंत से बातचीत में जनरल द्विवेदी ने कहा, 'वर्चुअल डोमेन में यह गठजोड़ लगभग 100 प्रतिशत है. भौतिक रूप से भी पाकिस्तान की सेना के पास ज्यादातर उपकरण चीन से आए हैं. दो मोर्चों पर युद्ध (टू-फ्रंट वार) की संभावना एक सच्चाई है.'  

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राहुल कंवल ने जब पाकिस्तान की सैन्य स्थिति और नियंत्रण रेखा (LoC) पर घुसपैठ की संभावना को लेकर सवाल किया, तो सेना प्रमुख ने साफ कहा, 'घुसपैठ में कोई कमी नहीं आई है. क्या कोई संकेत मिला है कि यह रुकेगी? ऐसा कोई भी संकेत नहीं मिला है.' उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले समय में आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी हो सकती है और भारत को इसके लिए पूरी तरह तैयार रहना होगा.  

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पाकिस्तान और चीन के बीच सैन्य सहयोग गहरा हो चुका है, और भारत को इसके लिए सतर्क रहना होगा. उन्होंने आगाह किया कि नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ में कमी के कोई संकेत नहीं हैं और आतंकवादी गतिविधियां बढ़ सकती हैं.  

चीन पर भरोसा किया जा सकता है या नहीं, इस पर जनरल द्विवेदी ने साफ कहा, नहीं, चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता. उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध किसी भी देश के हित में नहीं होता, लेकिन अगर ऐसी स्थिति आती है तो भारतीय सेना अपनी रणनीति और ताकत के हिसाब से पूरी तैयारी के साथ जवाब देने को तैयार है.

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2020 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद वर्तमान स्थिति पर बात करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि अब हालात सामान्य और बेहतर हैं. जब भी जरूरत होती है, दोनों देशों की सेनाएं बातचीत के जरिए समस्या हल करती हैं और हालात सामान्य बनाए रखती हैं.

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