
India Today Conclave 2025: इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में आंध्र प्रदेश के आईटी और मानव संसाधन विकास मंत्री नारा लोकेश ने दक्षिण भारत में हिंदी पर छिड़ी बहस पर प्रतिक्रिया दी है. नई शिक्षा नीति के तहत भारत के सभी राज्यों में हिंदी को बढ़ावा देने को लेकर उन्होंने कहा कि भारत में भाषाई विविधता है और हिंदी को थोपा नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि हर राज्य अलग है और उसे अपनी स्थानीय भाषा को बढ़ावा देने की आजादी होनी चाहिए.
नारा लोकेश ने कहा, "जब मैं देश के शिक्षा मंत्री से मिला, तो मैंने पाया कि ऐसा कुछ नहीं है, उनका ध्यान राज्य में शिक्षा के मीडियम के रूप में तेलुगु को बढ़ावा देने पर अधिक था.' उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने मातृभाषाओं को मजबूत करने में भरोसा दिखाया है.
नारा लोकेश ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और अपने पिता चंद्रबाबू नायडू का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है.
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत सभी राज्यों में तीन भाषाएं पढ़ाए जाने की बात कही गई है- हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषा. हालांकि, इसे लेकर कोई अनिवार्यता नहीं है. तीन भाषाओं में शिक्षा दिए जाने को लेकर नारा लोकेश ने कहा कि हमें इन तीन भाषाओं से भी आगे निकलना चाहिए और जापानी, जर्मन जैसी अंतरराष्ट्रीय भाषाएं भी सिखानी चाहिए.
उन्होंने कहा, 'जर्मनी और जापान में नौकरी के कई अवसर खुल रहे हैं, खास तौर पर नर्सों और घर के काम में मदद करने वाले लोगों के लिए. हमने नर्सों को जर्मन और जापानी भाषा सिखाने के लिए समझौते किए हैं, जिससे विदेशों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.'
बच्चों को बहुत सी भाषाएं सिखाने के महत्व पर बात करते हुए लोकेश ने सवाल किया कि भारत के उत्तरी राज्यों में तेलुगु क्यों नहीं पढ़ाई जा सकती. उन्होंने कहा, 'बच्चों को वो सभी चीजें सीखने दें जो वो सीखना चाहते हैं. मैं खुद अच्छी हिंदी बोल लेता हूं, हैदराबाद से हूं ना इसलिए मेरी हिंदी अच्छी है. आज की दुनिया में कई भाषाएं सीखना जरूरी है.'
परिसीमन (Delimitation) पर क्या बोले नारा लोकेश?
दक्षिण भारत के अधिकतर राज्य परिसीमन का विरोध कर रहे हैं. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिम ने इस पर कड़ा विरोध जताया है. परिसीमन के तहत जनसंख्या के आधार पर लोकसभा और राज्य विधान सभा में निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं का पुनः निर्धारण किया जाएगा.
एनडीए के सहयोगी नारा लोकेश से परिसीमन पर इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई ने सवाल किया, 'परिसीमन को लेकर स्टालिन कहते हैं कि दक्षिण भारतीय राज्यों पर हिंदी पट्टी का कब्जा हो जाएगा, सिर्फ आबादी की वजह से. क्या आप इससे चिंतित हैं?
जवाब में नारा लोकेश ने कहा, 'मैं इस तर्क के साथ हूं कि जनसंख्या नियंत्रण को दक्षिण भारतीय राज्यों के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन भारत सरकार ने साफ कह दिया है कि जनसंख्या के वर्तमान अनुपात को बरकरार रखा जाएगा. कई राज्यों में चुनाव है इसलिए इसे मुद्दा बनाया जा रहा है. एनडीए का सहयोगी होने के नाते, अगर हमें कुछ लगेगा तो हम उस पर चर्चा करेंगे. हम मुद्दों को सुलझाएंगे.'