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'उम्मीद के मुताबिक सफल नहीं हो पा रही...', गांधीनगर की GIFT City पर बोले ऋषभ श्रॉफ

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में सिरिल अमरचंद मंगलदास के पार्टनर ऋषभ श्रॉफ ने गिफ्ट सिटी की मौजूदा स्थिति, बिजनेस फैमिलीज के विदेश जाने की प्रवृत्ति और भारतीय स्टॉक मार्केट पर असर जैसी अहम बातों पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि गिफ्ट सिटी की योजना सही से लागू नहीं हो पा रही.

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में ऋषभ श्रॉफ. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में ऋषभ श्रॉफ.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 4:56 PM IST

India Today Conclave 2025 में सिरिल अमरचंद मंगलदास (Cyril Amarchand Mangaldas) के पार्टनर ऋषभ श्रॉफ ने गिफ्ट सिटी और बिजनेस फैमिलीज से जुड़ी कई अहम बातें साझा कीं.  श्रॉफ ने बताया कि गिफ्ट सिटी (GIFT City) को भारत में एक ग्लोबल फाइनेंशियल हब के रूप में विकसित करने की योजना थी. लेकिन हकीकत यह है कि अभी तक यह योजना उम्मीद के मुताबिक सफल नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा, 'इसका इरादा तो था, कानून भी बनाया गया, लेकिन असल में इसे फॉलो नहीं किया जा रहा.'  

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उन्होंने बताया कि 2023 में सरकार ने इंडिविजुअल्स को 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक का पर्सनल कैपिटल यहां लाने की अनुमति दी थी, लेकिन यह अप्रूवल बेस्ड प्रोसेस होने की वजह से इसका सही से पालन नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा, 'परिवारों के लिए जो फैमिली ऑफिस मॉडल दूसरे देशों में सफल हो रहा है, वह गिफ्ट सिटी में नहीं चल पाया.'  

बता दें कि GIFT City (Gujarat International Finance Tec-City) भारत का पहला इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर (IFSC) है, जिसे ग्लोबल फाइनेंशियल हब के रूप में विकसित करने की योजना है. यहां कई मामलों में देश के कानून से अलग नियम लागू होते हैं, ताकि विदेशी निवेश को बढ़ावा मिल सके. लेकिन ऋषभ श्रॉफ के मुताबिक, सही क्रियान्वयन न होने की वजह से यह योजना अभी तक उम्मीद के मुताबिक सफल नहीं हो पाई है.

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श्रॉफ ने यह भी कहा कि भारत में कई बिजनेस फैमिलीज की युवा पीढ़ी देश छोड़कर दुबई, सिंगापुर जैसे देशों में शिफ्ट हो रही है और वहां की नागरिकता या रेजिडेंसी ले रही है. उन्होंने कहा, 'यह कोई देशभक्ति से जुड़ा मामला नहीं है, बल्कि यह ग्लोबल डायवर्सिटी का हिस्सा है. कई लोग विदेशी पासपोर्ट लेकर भी भारत में रहते हैं, यहां बिजनेस चलाते हैं और टैक्स भरते हैं.'  

श्रॉफ ने अपने ही परिवार का उदाहरण देते हुए बताया कि उनके परिवार का 100 साल पुराना बिजनेस है, जिसमें पहले भी दो बड़े बदलाव हुए हैं. उन्होंने कहा, 'मेरे पिता ने 90 के दशक में बिजनेस संभाला था और अब वह 65 साल के हैं, वह भी बिजनेस और परिवार को लेकर आगे की प्लानिंग कर रहे हैं.'  

बड़े बिजनेस हाउस में बंटवारे को लेकर उन्होंने कहा कि 'कई बार परिवार खुश रहता है, लेकिन फैमिली बिजनेस नहीं टिक पाता. बुजुर्गों को लगता है कि साथ रहना मुश्किल है, इसलिए बिजनेस बांट देना ही बेहतर होता है. 

श्रॉफ के मुताबिक, हर बिजनेस का मकसद सिर्फ मुनाफा कमाना ही नहीं होता, बल्कि कुछ बिजनेस सामाजिक योगदान के लिए भी किए जाते हैं. 

ऋषभ श्रॉफ ने India Today Conclave 2025 के दौरान गिफ्ट सिटी की मौजूदा स्थिति, बिजनेस फैमिलीज के विदेश जाने की प्रवृत्ति और भारतीय स्टॉक मार्केट पर असर जैसी अहम बातों पर चर्चा की. उनका कहना है कि भारत में फैमिली ऑफिस का सही विकास होना बाकी है और नीतियों को बेहतर लागू करने की जरूरत है, ताकि बिजनेसमैन भारत में ही निवेश करने के लिए प्रेरित हों.

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