India Today Conclave East 2021 कार्यक्रम के अंत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बंगाल की हमारी भाजपा की सरकार मोदी सरकार के मॉडल पर चलेगी. देश के हर क्षेत्र में मोदी जी ने आमूलचूल परिवर्तन किए हैं. मोदी सरकार मजबूत फैसले लेने वाली सरकार है.
अमित शाह ने ममता सरकारी तीन बड़ी समस्याएं गिनाते हुए कहा, 'ममता जी के शासन में बंगाल में- प्रशासन का राजनीतिकरण हुआ है. राजनीति का अपराधीकरण हुआ है. भ्रष्टाचार को संस्थागत किया गया है. इन तीनों चीजों के रहते बंगाल विकास की प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ सकता है. असम में हमारी सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है. मुझे पूरा भरोसा है कि असम की जनता फिर एक बार भाजपा को आशीर्वाद देगी.'
उन्होंने कहा, 'जो पार्टी के मूल सिद्धांत होते हैं, उन्हें हम नफा-नुकसान के तराजू में नहीं तोलते हैं, राष्ट्रहित के तराजू में तोलते हैं. चाहे फायदा हो या नुकसान. जो मूल सिद्धांत होते हैं, उसमें भाजपा अडिग रहती है.'
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अमित शाह ने कहा, 'जब भी हम जीतते हैं तो कांग्रेस और विपक्ष हमेशा कहता है कि ईवीएम में घपला हुआ. मगर जब वो जीतते हैं तो शपथ ले लेते हैं. हार जाते हैं तो कहते हैं कि गड़बड़ है.'
अमित शाह ने कहा, 'चुनाव एक संवैधानिक प्रक्रिया है मत व्यक्त करने की. मैं बंगाल की जनता को आश्वस्त करता हूं कि इस बार आपको बूथ पर कोई भी गुंडा नहीं मिलेगा, डर मत रखिए. चुनाव आयोग पुख्ता इंतजाम करने वाला है.'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, मुझे लगता है बंगाल में कहीं पर भी किसी भी किसान ने न कोई धरना किया है और न कोई प्रदर्शन किया है. यहां किसानों के जो धरने प्रदर्शन हो रहे हैं वो 6,000 रुपये प्राप्त करने के लिए हो रहे हैं, जो ममता दीदी उन्हें भेजती नहीं है.
अमित शाह ने कहा, 'हमारा सही समय हम नहीं जनता तय करती है. ये लोकतंत्र है, किसी के कहने से कोई वोट दे देगा ऐसा नहीं होता है. जनता बड़ी मैच्योर होती है, सही समय किस पार्टी का है ये जनता को तय करना है.'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल का अगला मुख्यमंत्री बंगाल का ही धरती पुत्र होगा और बीजेपी से ही होगा, लेकिन कैलाश विजयवर्गीय नहीं बनेंगे.
अमित शाह ने कहा, 'मैं बंगाल में ममता सरकार को उखाड़ने ही आया हूं. यहां भाजपा की सरकार तभी आ सकती है, जब टीएमसी सरकार को उखाड़कर फेंक दिया जाए. ममता जी की सरकार ठीक से नहीं चल रही है, जनता इस सरकार को उखाड़कर फेंक देगी. हमारी ममता दीदी से कोई कड़वाहट नहीं है. मगर उनके राज में भ्रष्टाचार हो रहा है उससे उन्हें चिढ़ होती है तो कोई क्या कर सकता है.'
दागी नेताओं के बीजेपी में शामिल होने पर शाह ने कहा कि बीजेपी में आए नेताओं पर चल रहे मामले खत्म नहीं हुए. उन्होंने हिंसा पर बात करते हुए कहा कि बीजेपी की सरकार आएगी तो पाताल से भी टीएमसी के गुंडों को खोज निकालेंगे.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'बंगाल में टीएमसी के गुंडे बचेंगे नहीं, भाजपा की सरकार आएगी तो गुंडों को पाताल से भी ढूंढ लेंगे. हमारे कार्यकर्ताओं की जिसने भी हत्या की होगी, कानून के दायरे में उसे जेल के अंदर डालेंगे. हमारी पार्टी की 3 स्तर पर स्क्रीनिंग कमेटी है, मंडल, जिला और प्रदेश स्तर पर. ये तीनों कमेटी जिसका नाम एप्रूव करती है, उसको राष्ट्रीय अध्यक्ष जी एप्रूव करते हैं.'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'मैं बंगाल के किसानों से कहना चाहता हूं कि हमारी सरकार बनने के बाद हम यहां के किसानों को उनका बकाया 12,000 रुपये भी देंगे और 6,000 रुपये की नई किस्त भी देंगे. हम बंगाल में हमारी तैयारी कर रहे हैं, बंगाल की जनता को अपने साथ जोड़ रहे हैं. इसके लिए हम मेहनत कर रहे हैं. CAA देश की संसद का बनाया हुआ कानून है, इसका इम्प्लीमेंटेशन होना है और शरणार्थियों को नागरिकता मिलनी है.'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम किसान निधि की राशि सरकार सीधे किसानों के खाते में डालती है. इसके लिए किसानों की सूची, उनकी बैंक डिटेल चाहिए होती, ममता जी को पूछिए की कितनी डिटेल उन्होंने भेजी हैं? सिर्फ एक चिठ्ठी उन्होंने भेजी है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'जय श्रीराम धार्मिक नारा ही नहीं है, ये तुष्टिकरण के खिलाफ एक प्रतीक है. दुर्गा पूजा के लिए क्या कोर्ट के दरवाजे खटखटाने होंगे? बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा नहीं कर पाएंगे क्या? रामनवमी के दिन शोभा यात्रा नहीं निकाल सकते? ये नारा परिवर्तन का नारा है. मुझे नहीं पता कि दीदी जय श्रीराम के नाम से क्यों चिढ़ती हैं. जय श्रीराम को धार्मिक नारे के रूप में इंटरप्रेट करने का प्रयास जो तृणमूल कांग्रेस कर रही है, वो गलत है.'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, लेफ्ट-कांग्रेस और अन्य पार्टियों के गठबंधन से हमें कुछ लेना देना नहीं है. हमें पूरा विश्वास है कि हम पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रहे हैं. लोकसभा में हमारे वोट बढ़े हैं. पिछली बार के चुनाव में जनता उलझन में थी कि बीजेपी जीत सकती है या नहीं जीत सकती. लेकिन इस बार उन्हें पक्का विश्वास है कि बीजेपी जीत रही है. अब लोग सोचते हैं कि बीजेपी को 200 से ज्यादा सीटें मिलेंगी.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, परिवर्तन यात्रा नाम रखने के पीछे भाजपा का उद्देश्य केवल मुख्यमंत्री, सत्ता या किसी मंत्री को बदलना नहीं है. हमारा एजेंडा बंगाल के जनमानस के अंदर अभी जो चल रहा है, उसको रोकने और परिवर्तित करने की इच्छा जगाना है. स्थिति में परिवर्तन तब होता है, जब जन जन के अंदर इच्छा और आकांक्षा हम जगाएं कि लोकतांत्रिक तरीके से जो गलत चल रहा है, उसको रोके और कुछ अच्छा करें.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, हम बंगाल में 200 से ज्यादा सीटों के साथ सरकार बनाएंगे. हम बंगाल की स्थिति को बदलने लिए आए हैं. उन्होंने कहा कि मुझे मालूम नहीं कि दीदी जय श्री राम के नारे से क्यों चिढ़ती हैं. उन्होंने कहा, जय श्री राम तुष्टिकरण की राजनीति के खिलाफ बंगाल के लोगों का नारा है. ये राजनीति से अलग नहीं है, ये संस्कृति और भावनाओं का सवाल है.
India Today Conclave East 2021 के आज के आखिरी सत्र 'पावर पॉलिटिक्स: बंगाल के लिए लड़ाई: क्या बीजेपी कर सकती है परिवर्तन?' में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शिरकत की.
ममता बनर्जी ने कहा कि विधानसभा चुनाव को लेकर मेरा आत्मविश्वास 110 फीसदी है. साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव के नतीजे नहीं बता सकती लेकिन इस बार पिछले दोनों चुनावों से ज्यादा सीटें आएंगी और संख्या 221 से कम नहीं होगी.
चुनाव आयोग से कोई शिकायत नहीं है, लेकिन वीवीपैट में हैकिंग नहीं होना चाहिए. चुनाव आयोग को सभी का सम्मान करना चाहिए, सिर्फ सेंट्रल गवर्नमेंट से. कितने सीट से चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि नंदीग्राम से पक्का चुनाव लड़ेंगी. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर अमित शाह अगर यहां से चुनाव लड़के जीत जाएं तो उन्हें बंगाल का होम मिनिस्टर बना दूंगी.
ममता बनर्जी ने कहा कि ट्रेड मिल पर दौड़ते वक्त ही बजट बनाया. जब दौड़ते हैं तो दिमाग भी काम करता है. उन्होंने कहा कि ट्रेड मिल पर चलते वक्त अखबार पढ़ती हूं, पेपर देख लेती हूं और कुछ सोचना होता है तो वो भी सोच लेती हूं.
ममता बनर्जी ने कहा कि वैक्सीनेशन पर कहा कि हमारे यहां 10 करोड़ लोग हैं और हमें 3 लाख ही डोज मिले हैं. केंद्र सरकार कहती है कि वो जिस कंपनी का कहेंगे उन्हीं का दवा लेना होगा. लेकिन बाजार में कम्पीटिशन क्यों नहीं होना चाहिए.
ममता बनर्जी ने कहा कि हम किसी भी भारतीय को बाहरी नहीं कहते. लेकिन जो बाहर से गुंडागर्दी करने के लिए आते हैं हम उन्हें बाहरी कहते हैं. हमारे यहां सभी राज्यों के लोग हैं और कभी किसी को परेशानी नहीं हुई. हम बाहर से आकर किसी को लूटने नहीं देंगे. दिल्ली से बंगाल को क्यों कंट्रोल करेगा कोई, यहां बंगाल का आदमी ही बंगाल को कंट्रोल करेगा.
ममता बनर्जी ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के घर वालों के बारे में मैं भी बता सकती हूं. अमित शाह ने अपने बेटे को क्रिकेट बोर्ड में शामिल किया, लेकिन मैंने कभी कुछ नहीं कहा. वो मेरा भतीजा है लेकिन मैं ऐसी राजनीति नहीं करती.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी के काफी सदस्यों ने हमारे साथ हाथ मिलाया है. जो लोग बीजेपी में गए हैं, वो हमारे लिए ज्यादा अच्छा है. अच्छा है कि हम ज्यादा साफ हो गए हैं. बीजेपी तो वाशिंग मशीन में साफ हुई है और हम ऐसे साफ हुए हैं.
बंगाल में हैट्रिक लगने पर क्यां करेंगी ममता बनर्जी, इस पर उन्होंने कहा कि हम पहले ही बहुत कुछ कर चुके हैं. कोविड में केंद्र ने पैसा नहीं दिया. अम्फान तूफान में भी केंद्र ने पैसा नहीं दिया. इसके बाद भी हमने लोगों को मदद की. उन्होंने कहा कि एमएसएमई में बंगाल नंबर एक पर है और ये आंकड़े केंद्र सरकार के हैं. स्कील इंडस्ट्री, ई गवर्नेंस में नंबर वन हैं.
गवर्नर जगदीप धनखड़ द्वारा बंगाल की सरकार पर लगाए गए आरोपों पर ममता बनर्जी ने कहा कि आज गवर्नर का रोल पूरी तरह बदल गया है. उन्हें तो बीजेपी जो कहती है वो करते हैं, हम क्या करें, क्षमा कर देना चाहिए.
किसान आंदोलन पर ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार को तीनों कानून वापस लेना चाहिए. हम किसानों के साथ हैं. बंगाल में किसान शांत हैं क्योंकि उन्हें पता है कि टीएमसी सरकार उनका भला करेगी. उनके साथ खड़ी है.
ममता ने कहा, हम संघ से नहीं लड़ रहे, हम बीजेपी से लड़ रहे हैं. ये कहते हैं कि जो हम कहते हैं वहीं सही है. जो नहीं मानेगा वो भुगतेगा. आज देश के सभी व्यापारी और कारोबारी भय में जी रहे हैं.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े कार्यक्रम में हुई नारेबाजी पर ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी ने नारेबाजी करवाकर सुभाष चंद्र बोस के कद को छोटा कर दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी वालों को किसी बात की जानकारी नहीं होती फिर भी उन्हें कुछ भी बोलना होता है.
ममता बनर्जी ने कहा, जिसके पास हिम्मत है वो लड़ता जाता है. उन्होंने कहा कि 99 फीसदी लोगों को हमने किसी न किसी स्कीम में जरूर कवर किया है. हमारी पार्टी लोगों के लिए काम करती है. हम कभी टैक्स नहीं बढ़ाते, मजदूरों की इंडस्ट्री नहीं बंद करते, डीजल-पेट्रोल का रेट भी नहीं बढ़ाते.
धर्म और जाति के नाम पर चुनाव के सवाल पर ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में कभी जाति के नाम पर कभी चुनाव नहीं हुए. लेकिन बीजेपी ने इसकी शुरुआत की है. पहले धर्म के नाम पर किया और अब जाति के नाम पर बांट रहे हैं. उन्होंने यहां भी बंगालियों को ही आपस में बांटने का काम कर रहे हैं. वो कहते हैं कि वो बांग्लादेश का बंगाली है और ये बंगाल का बंगाली है. साथ ही वो हमेशा सीबीआई और ईडी का डर दिखाते रहते हैं.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिरकत की.
नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) पर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने कहा, 'असम में एक पुस्तक है, 'द गेम कॉल्ड एनआरसी'. कोई भी राजनीतिक दल एनआरसी नहीं चाहते. यह एक खेल है. प्रवासियों को कहा जाता है कि आपकी रक्षा करेंगे, हमें वोट दें. अन्य कहते हैं, वे आपके लिए सबसे बड़ा खतरा हैं, हमें वोट दें. इस तरह ये खेल चलता रहता है.'
किसानों के आंदोलन पर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने कहा, 'यदि इन सभी कानूनों को चुनौती दी जा रही है तो इस पर कुछ राजनीतिक अधिकारियों को काम करना होगा. मुझे उम्मीद है कि अदालत को कुछ रास्ता निकाल सकता है. इस पर कानूनी या राजनीतिक रूप से समाधान निकालना होगा. हालांकि यह हो नहीं रहा है. SC ने कहा है कि यह लॉ एंड ऑर्डर का मामला है.'
राजद्रोह के मामलों के सवाल पर जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, 'हम भयानक समय में जी रहे हैं.' यह पूछे जाने पर कि धमकी कहां से आ रही है, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने कहा, 'हर जगह से.'
इस सवाल पर कि भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति के बाद, उन्हें सरकार समर्थक न्यायाधीश के रूप में देखा गया और विपक्ष के हमलों पर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने कहा, 'यह हमला क्या है? एक जज या पूर्व जज हमलों से हीं घबराता. यदि किसी न्यायाधीश ने एक सचेत निर्णय लिया है, तो सेवानिवृत्ति के बाद हमला किया जाएगा. वो चाहते हैं कि उनके अनुसार आचरण करें नहीं तो हमला करेंगे.' उन्होंने कहा कि कुछ जज हमलों के शिकार रहे हैं.
महुआ मोइत्रा के कमेंट पर पूर्व CJI रंजन गोगोई ने कहा कि उनके पास सही फैक्ट तक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मुझ पर आरोप लगाने वाले मेरा नाम लेने से क्यों डरते रहे. भारत के लोग बिना तथ्यों के आरोप लगाते हैं, ये समस्या है. कानून पर भरोसा क्यों नहीं, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वहां फैसला नहीं बस तारीख पर तारीख है.
पूर्व CJI, जस्टिस रंजन गोगोई ने भारतीय न्यायपालिका के लिए रोडमैप पर बात करते हुए कहा, न्यायपालिका कितनी महत्वपूर्ण है, इस पर जोर नहीं दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'मेरे मन में जो है वह ये कि इस काम के लिए सही आदमी हो. जैसे आप सरकार में अधिकारियों को नियुक्त करते हैं, आप न्यायाधीश नियुक्त नहीं कर सकते. न्यायाधीश के लिए एक पूर्णकालिक प्रतिबद्धता होती है. यह एक जुनूनी काम है. यह 24 बाई 7 की नौकरी है. कितने लोग इस बात को समझते हैं कि एक न्यायाधीश किस प्रकार काम करता है'
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के 'तीसरा स्तंभ: भारतीय न्यायपालिका का रोडमैप' सत्र में पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने शिरकत की. उन्होंने कहा कि आप जजों को अफसरों की तरह नियुक्त नहीं कर सकते.
भाजपा के लोकसभा सांसद तापिर गाओ ने सत्र के दौरान कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि पार्टी ने हमेशा सच्चाई को छुपाया है जबकि भाजपा ने नहीं. उन्होंने कहा, 'भाजपा की सच्चाई ये है कि मोदीजी ने कभी कोई बात नहीं छिपाई. चाहे वह पैंगोंग झील का मामला हो या फिर गालवान का. नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद, सेना को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अभ्यास करने का अधिकार मिला है.'
पूर्व सांसद निनॉन्ग एरिंग ने कहा, 1914 में एक मैप बना जिसे चीन ने भी माना. तब तिब्बत अगल देश हुआ करता था, उस पर चीन का नियंत्रण नहीं था. लेकिन अभी चीजें पूरी तरह बदल गई हैं. हम उनके साथ हाथ मिलाकर कहते हैं कि हिन्दी-चिनी भाई-भाई और वो हमारे जवानों को नुकसान पहुंचाते हैं. 20-20 जवान शहीद हो जाते हैं.
पूर्व भारतीय राजनयिक राजीव डोगरा ने कहा कि चीन इस क्षेत्र में कभी हार न मानने के लिए जाना जाता है.
जनरल बिक्रम सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा, "एलएसी, यह एक वास्तविक रेखा नहीं है. इसे लेकर दोनों तरफ अलग-अलग धारणाएं हैं. हमें यह समझना होगा कि चीन ने हमें जो चुनौती दी, वह फिंगर 4 की ओर आने के संदर्भ में थी. यह सैन्य नेतृत्व के लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है."
चीन के साथ पहले भी सामरिक समझौते हुए हैं लेकिन इसके बावजूद चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता. इस पर जनरल बिक्रम सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा, इस मामले में चीन का बेहद खराब रिकॉर्ड रहा है. इसलिए हमें हमेशा चौंकन्ना रहना चाहिए. चीनी नेतृत्व हमेशा दबाव में होता है. सेनाओं पीछे हटने पर उन्होंने कहा कि हम बेहतर भविष्य की कामना के साथ आगे बढ़ना चाहिए.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के 'फ्लैशपॉइंट: ब्रेक्ड बॉर्डर्स: भारत की चीन नीति-युद्ध या समझौता?' सत्र में पूर्व कांग्रेस सांसद निनॉन्ग एरिंग, जनरल बिक्रम सिंह (सेवानिवृत्त), बीजेपी के लोकसभा सदस्य तापिर गाओ और इटली और रोमानिया में पूर्व भारतीय राजदूत रहे राजीव डोगरा ने शिरकत की.
अजीत मोहन ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह स्पष्ट होना महत्वपूर्ण है कि कोई भी व्हाट्सएप संदेशों को नहीं पढ़ सकता है. हमारे पास आपके मैसेज का एक्सेस तक नहीं है क्योंकि वे एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं और इसलिए यह कभी भी पढ़े नहीं जा सकते. दूसरा, जनवरी के कुछ हफ्तों में लोगों ने इस बात का संकेत दिया कि वो वास्तव में अपने संचार की गोपनीयता के बारे में परवाह करते हैं. अगर यह धारणा है कि मैसेज प्राइवेट नहीं हैं, तो अन्य एप्लिकेशन होंगे जो उन विकल्पों को प्रदान करेंगे. हम जानते हैं कि बहुत प्रतिस्पर्धा है. हमें हर दिन भरोसा रखना होगा और जब भी अन्य सेवाएं बेहतर प्रस्ताव के साथ आती हैं, तो प्रतिस्पर्धा होता है.'
अजीत मोहन ने कहा, हम पूरी तरह से यह सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी निभाते हैं कि इन प्लेटफॉर्म्स (सोशल मीडिया) की स्वतंत्र अभिव्यक्ति है. हमारी जिम्मेदारी भी है कि हम यह सुनिश्चित करें कि इन प्लेटफॉर्म्स के मिसयूज को कम करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं.
सरकार और ट्विटर के बीच टकराव और भारत में सोशल मीडिया पर इसके निहितार्थ के बारे में उनकी राय के बारे में पूछे जाने पर, अजीत मोहन ने कहा, 'मैं कुछ बातें कहना चाहता हूं. इसमें कोई दोराय नहीं है कि हम एक कंपनी के रूप में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं. हम एक खुले इंटरनेट नेटवर्क में भारत में स्वतंत्रता के साथ काम करने की क्षमता से लाभान्वित होते हैं.'
फेसबुक इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर अजीत मोहन ने कहा, फेसबुक के गलत तरीके से इस्तेमाल पर उन्होंने कहा, हम अरबों लोगो का उनकी फैमिली और दोस्तों के साथ कनेक्शन बनाए रखना चाहते हैं लेकिन ये कभी चाहते कि इस प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल किया जाए. व्हाट्सएप विवाद पर उन्होंने कहा कि हम किसी के भी मैसेज नहीं पढ़ सकते. यहां तक कि हमारे पास आपके मैसेज का एक्सेस तक नहीं. यूजर्स की प्राइवेसी हमारे लिए सर्वोपरी है.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के 'पब्लिक पॉलिसी: डिजिटल गोपनीयता का मिथक' सत्र में फेसबुक इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर अजीत मोहन शामिल हुए.
अगर वो बंगाल के वित्त मंत्री होते तो क्या करते, इस पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय ने कहा, किसी भी स्टेट में विकास के लिए मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर सबसे बड़ी भूमिका निभाता है. और राज्य में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर मजबूत हो इसके लिए जरूरी है कि राज्य में कानून व्यवस्था, लेबर कानून, जमीन, इंफ्रास्ट्रक्चर, रोड, इलेक्ट्रिसिटी समेत कई सुविधाओं का होना जरूरी है.
उन्होंने आगे कहा कि आपको जानकार हैरानी होगी कि पश्चिम बंगाल में मैन्यूफैक्चरिंग में लगे लोगों की संख्या गुजरात में मैन्यूफैक्चरिंग में लगे लोगों की संख्या के तीन गुणा है. इसके बाद भी गुजरात आगे क्योंकि वहां के मैन्यूफैक्चरिंग की प्रकृति बहुत अलग है. हर जिले में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के विकास की तुलना करनी होगी और जहां कुछ भी नहीं है वहां काम करना होगा. टेक्नोलॉजी पर काम करना होगा.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के इस सत्र में प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय शामिल हुए.
बंगाल पर कर्ज की मात्रा के बारे में बात करते हुए अमित मित्रा ने कहा, 'FRBM उस सकल घरेलू उत्पाद का अनुपात है जिसे आप उधार ले सकते हैं. कोरोनोवायरस महामारी से पहले यह 3 प्रतिशत था. हमने इसे हर साल 3 प्रतिशत से नीचे रखा. साथ ही उन्होंने कहा कि कर्ज के बारे में बात नहीं कर सकते क्योंकि नागालैंड का कर्ज और महाराष्ट्र का कर्ज तुलनीय नहीं है.' उन्होंने कहा, 'कोरोनोवायरस के बीच में, हमारा राजकोषीय घाटा 2.9 प्रतिशत पर था. जबकी केंद्र का 9 प्रतिशत रहा.'
'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' कार्यक्रम को बंगाल में लागू नहीं करने की बात पर पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस योजना के लिए करीब 5,500 करोड़ रुपये की राशि जारी किया जिसमें से 80 फीसदी पैसा विज्ञापन पर लगा दिया. वहीं पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने कन्याश्री योजना के तहत 9000 करोड़ रुपये खर्च किए. साथ ही कन्या श्री प्रकल्प योजना ( Kanyashree Prakalp Scheme 2020 ) के तहत सरकार की तरफ से स्कूली छात्राओं को 25 हजार रुपये तक स्कॉलरशिप दी गई. छात्राओं को साईकिल बांटी गई. इससे स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या में बड़ी उछाल देखी गई. उन्होंने बताया कि आज हम केंद्र सरकार से एक भी सिक्का लिए बिना बंगाल के सभी निवासियों को 100 प्रतिशत स्वास्थ्य बीमा प्रदान कर रहे हैं.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के सत्र 'आर्थिक एजेंडा: विकास बनाम लोकलुभावन- बंगाल मॉडल' में पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने शिरकत किया.
पश्चिम बंगाल में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अग्निमित्रा पॉल ने कहा, 'बंगाल में सोशल मीडिया पोस्ट के लिए लोगों की गिरफ्तारी की गई.' इसका जवाब देते हुए नुसरत जहां ने कहा कि वह हर दिन अपने सोशल मीडिया पोस्ट और अपनी पसंद के लिए घेरी जाती हैं.
भाजपा के अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया है और इस बात पर नुसरत जहां भी मुझसे सहमत होंगी. जवाब में नुसरत जहां ने कहा कि मैं इससे सहमत नहीं हूं. अल्पसंख्यकों को यह डर है कि अगर बीजेपी की सरकार आएगी, तो हमारी उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी.
नुसरत जहां ने कहा कि पश्चिम बंगाल पूर्ण रूप से मां दुर्गा और महिला सशक्तीकरण की बात होती है. इस पर बीजेपी की अग्निमित्रा पॉल ने राज्य में महिलाओं की तस्करी को लकर टीएमसी सांसद पर हमला किया. साथ ही उन्होंने कहा कि सीएम ममता बनर्जी द्वारा बांटी गई साइकिल को बंगाल में क्यों नहीं बनाया गया. इस पर, नुसरत जहां ने कहा कि भाजपा के नेता उन्हीं साइकिलों पर प्रचार क्यों कर रहे हैं?
पश्चिम बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि 'जय श्री राम' कोई राजनीतिक नारा नहीं है. यह 'जय सिया राम' और 'राम राम' की तरह ही है, यह समृद्धि को दर्शाता है.
किस बात से फैशन डिज़ाइनर अग्निमित्रा पॉल ने राजनीति का रास्ता अपनाया?
राजनीति में युवाओं के प्रवेश पर बोलते हुए, तृणमूल कांग्रेस के नुसरत जहां ने कहा, 'हमेशा युवाओं ने अपने बलिदानों के बल पर क्रांतिकारी आंदोलन का नेतृत्व किया है. मेरे लिए राजनीति 'गेम-चेंजर' होना है. मेरे लिए राजनीति विभिन्न क्षेत्रों में जागरूकता लाने के लिए है.' शिक्षा की मदद से जिस तरह मैं एक बदलाव ला सकती हूं. राजनीति समाज और लोगों के मुद्दों के बारे में समझ पैदा करने के लिए मदद करती है. मैं अमीर और गरीब के बीच की खाई को पाटना चाहती हूं.'
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के सत्र 'पॉलिटिक्स रिडीफाइंड: द मार्च ऑफ न्यू-एज पॉलिटिशियन्स' में टीएमसी सांसद नुसरत जहां और पश्चिम बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष अग्निमित्रा पॉल ने शिरकत किया.
इंडियन सेक्युलर फ्रंट के नेता पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने कहा कोई किसी दूसरे के लिए वोटकटवा साबित होगा, यह बात करना ही गलत है. सभी का अधिकार है चुनाव लड़ने का. हम ऐसी सरकार चाह रहे हैं कि लोगों को सुविधाएं मिलें. हम नहीं चाहते कि इमाम को सरकार भत्ता दे.
टीएमसी के प्रवक्ता और मिजोरम के पूर्व महाधिवक्ता बिस्वजीत देब ने सांप्रदायिक राजनीति की बात पर पलटवार करते हुए कहा कि तृणमूल हमेशा विकास में विश्वास करती है. उन्होंने कहा, 'हम इस बात से चिंतित नहीं हैं कि विभाजनकारी राजनीति में कौन शामिल है. हम केवल राज्य के विकास को लेकर चिंतित हैं.' उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी तुष्टिकरण या विभाजनकारी राजनीति में विश्वास नहीं करती है.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 में बोलते हुए, CPIM के मोहम्मद सलीम ने कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव विभाजनकारी राजनीति का वाटरलू होने जा रहा है. उन्होंने कहा, 'बंगाल में विभाजनकारी राजनीति विफल रही है, इस कारण भाजपा इस खेल से बाहर हो गई है. लेकिन ममता बनर्जी और तथागत रॉय एक ही स्कूल में पढ़े हैं. युवा बेरोजगार हैं लेकिन वो मंदिरों के बारे में बात कर रहे हैं.'
टीएमसी के प्रवक्ता और मिजोरम के पूर्व महाधिवक्ता बिस्वजीत देब ने कहा अल्पसंख्यक सिर्फ मुस्लिम समाज में ही नहीं बल्कि हर वर्ग में हैं. टीएमसी के लिए सभी धर्म एक समान हैं. साथ ही उन्होंने इंडियन सेक्युलर फ्रंट के नेता पीरजादा अब्बास सिद्दीकी पर निशाना साधते हुए कहा कि इन्होंने चुनाव से ठीक पहले ही पार्टी की शुरुआत क्यों की. साथ ही उन्होंने मुस्लिम समाज के लिए ममता सरकार के कामों का बखान किया. हालांकि, उनके सवाल के जवाब में पीरजादा ने कहा कि अगर सरकार ने हमें मरदसे, स्कूल और अस्पताल दिए होते तो ये नहीं होता.
त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने कहा, पश्चिम बंगाल में मुस्लिम सबसे पिछड़े हुए हैं. पार्टियां उन्हें पिछड़ा रखती हैं ताकि उन्हें पूरे समुदाय को संबोधित न करना पड़े. मुस्लिम समुदाय में, महिलाएं विशेष रूप से सबसे पिछड़ी हैं.
इंडियन सेक्युलर फ्रंट के नेता पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने कहा कि अल्पसंख्यक हर जगह हैं. उन्होंने कहा कि जहां जहां मुस्लिम लोगों की संख्या ज्यादा है वहां स्कूल, कॉलेज और अस्पताल ज्यादा नहीं हैं. वहां उन्हें सिर्फ वोट बैंक के रूप में देखा जाता है. कलकता यूनिवर्सिटी में भी सिर्फ 20 फीसदी मुस्लिम टीचर्स हैं. ऐसे ही उन्होंने बंगाल की यूनिवर्सिटीज के बारे में बात करते हुए कहा कि हर एक जगह मुस्लिम टीचर्स की संख्या कम है. शिक्षा से मुस्लिम समाज को काफी दूर रखा गया है. उन्होंने चुनाव का रुख क्यों किया इस बात पर उन्होंने कहा कि हम अपने समाज को शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में मदद करने के लिए राजनीति में आए हैं.
India Today Conclave East 2021 के इस सेशन (MINORITY MATTERS: Vote for faith: Empowerment or divisive discourse? ) में टीएमसी के प्रवक्ता और मिजोरम के पूर्व महाधिवक्ता बिस्वजीत देब, इंडियन सेक्युलर फ्रंट के नेता पीरजादा अब्बास सिद्दीकी, पूर्व संसद सदस्य अभिजीत मुखर्जी, त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय शामिल हुए. थोड़ी देर में CPI (M) नेता मोहम्मद सलीम भी इस सेशन में जुड़ेंगे.
गवर्नर ने बताया कि ममता बनर्जी से मुलाकात के दौरान कैसी बातचीत होती है.
राज्यपाल जगदीप ने पश्चिम बंगाल के बारे में बात करते हुए कहा कि हम एक ज्वालामुखी पर बैठे हैं, एक भी पखवाड़ा ऐसा नहीं गुजरता जब लोग अवैध बम बनाने के काम के कारण मारे नहीं जाते हों. उन्होंने कहा, 'लोग मुझे एजेंट कहते हैं, हां मैं संविधान का एजेंट हूं और उसकी स्क्रिप्ट पढ़ता हूं. मैंने कभी संविधान की लक्ष्मण रेखा पार नहीं की.'
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा, 'मुझे राज्य या केंद्र सरकार द्वारा कोई विशेष काम करने के लिए निर्देशित नहीं किया जा सकता है.' उन्होंने कहा, 'मेरी शपथ क्या कहती है? उसमें मैंने कहा था कि मैं भारतीय संविधान की रक्षा और बचाव करूंगा. साथ ही उसमें यह भी कहा था कि, मैं पश्चिम बंगाल के लोगों की सेवा करूंगा. आप एक राज्यपाल से क्या उम्मीद करते हैं?'
उनकी भूमिका के सवाल, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा, 'राज्यपाल एक आसान पंचिंग बैग होता है. यदि राज्य में केंद्र से अलग पार्टी की सरकार हो तो आरोप लगाना बेहद आसान होता है. मैं इसके बारे में बहुत स्पष्ट हूं, मैं केवल भारतीय संविधान से मार्गदर्शन लेता हूं.'
उन्होंने कहा कि जिस दिन मीडिया डर जाएगा उस दिन के लिए डर लगता है. उन्होंने कहा कि मुझे कोई भी रिपोर्ट नहीं मिल पाती. सभी रिपोर्ट्स को ममता सरकार द्वारा रोक दिया जाता है. मैंने कई बार राज्य से जुड़े मामलों को लेकर अफसरों से रिपोर्ट मांगी लेकिन नहीं मिली.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट कार्यक्रम में जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्होंने कहा कि बंगाल में इतना डर है कि लोग डर के कारण अपने डर की चर्चा नहीं करते. उन्होंने कहा कि अगर ये डर रहेगा तो संविधान का क्या मतलब है, कानून का क्या मतलब है. इस डर के बीच स्वच्छ तरीके से चुनाव कैसे हो सकते हैं. उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां सरकारी अफसर राजनीति के काम में लगे हुए हैं.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट कार्यक्रम की शुरुआत बॉलीवुड के दिग्गज सिंगर पापोन के सुरीले म्यूजिक के साथ हुई. इस दौरान उन्होंने फोक म्यूजिक की यात्रा और उसकी खूबसूरती के बारे में चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कई भाषाओं में गाने भी गाए.
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कला, संस्कृति और आर्थिक तरक्की पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय, फेसबुक इंडिया के वाइस प्रेसिंडेंट अजीत मोहन, हेमंत कनोरिया, चेयरमैन (श्री इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड), हर्षवर्धन नियोतिया, प्रेसिडेंट (अंबुज नियोतिया ग्रुप), बंधन बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर चंद्रशेखर घोष, लक्ष्मी टी के मैनेजिंग डायरेक्टर रुद्र चटर्जी, मशहूर गायिका उषा उत्थुप, फिल्म निर्देशक श्रीजीत मुखर्जी, एक्टर सब्यसाची चक्रवर्ती, प्रोसेनजीत चटर्जी और तोता रॉय चौधरी शिरकत करेंगे.
पूर्व आर्मी चीफ जनरल बिक्रम सिंह (सेवानिवृत्त), बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में हिस्सा ले चुके ले. कर्नल सज्जाद जहीर, 1971 की जंग में हिस्सा ले चुके कर्नल अशोक कुमार तारा, भारतीय सेना के पूर्व चीफ जनरल शंकर रॉय चौधुरी भी कॉन्क्लेव का हिस्सा होंगे.
बंगाल और असम विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, टीएमसी के राज्यसभा सांसद डॉ. शांतनु सेन, टीएमसी सांसद नुसरत जहां, पश्चिम बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष अग्निमित्रा पॉल, बीजेपी सांसद स्वपन दासगुप्ता, असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता और लोकसभा सांसद प्रद्युत बोरदोलोई, CPI (M) के महासचिव सीताराम येचुरी, CPI (M) नेता मोहम्मद सलीम, कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिंग, भाजपा सांसद तापिर गाओ, सीपीआई (एम) नेता डॉ. फवाद हलीम, पूर्व संसद सदस्य अभिजीत मुखर्जी, त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय, लोकसभा सांसद डॉ. काकोली घोष दस्तीदार, टीएमसी के प्रवक्ता और मिजोरम के पूर्व महाधिवक्ता बिस्वजीत देब, इंडियन सेक्युलर फ्रंट के नेता पीरजादा अब्बास सिद्दीकी, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा, इतिहासकार और पूर्व सांसद डॉ. सुगाता बोस अपनी बात रखेंगे.
कार्यक्रम की शुरुआत बॉलीवुड के दिग्गज सिंगर पापोन के सुरीले म्यूजिक के साथ होगी. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के महामंच पर ऐन चुनाव से पहले होगी बंगाल की कला संस्कृति और विरासत से लेकर आर्थिक तरक्की तक पर गहरी चर्चा. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट का ये सिलसिला 2017 में शुरू हुआ था और इस बार इसका चौथा आयोजन 11 और 12 फरवरी को हो रहा है.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव (India Today Conclave East 2021) के चौथे संस्करण का आयोजन बंगाल में होने जा रहा है. पश्चिम बंगाल के आईटीसी रॉयल बंगाल में सजने वाले इस मंच पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई बड़ी हस्तियां नजर आएंगी. विचार-मंथन के दृष्टिकोण से देश के सबसे बड़े मंच पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राज्यपाल जगदीप धनखड़, राज्यसभा सांसद और भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा, असम के कैबिनेट मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, टीएमसी सांसद सांसद डेरेक ओ ब्रायन सहित कई शीर्ष राजनेताओं के साथ ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होगी. बंगाल और असम में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ये चर्चा बेहद अहम मानी जा रही है.