
सिविलाइजेशन यानी सभ्यता एक कोलोनियल शब्द है. नेशन स्टेट शब्द को चुनौती मिल रही है. जस्टिस एंड इक्वालिटी सिर्फ इस्लाम और ईसाइयों में हैं, क्योंकि वहां पर गॉड जज करते हैं. क्या गलत था क्या सही था. हिंदूइज्म में गॉड एकाउंटेंट हैं. वो आपके कामों का हिसाब-किताब रखते हैं. हमारे देश में हिंदू भगवानों को लेकर लोग काफी संवेदनशील होते हैं. ये बात कह रहे थे प्रसिद्ध माइथोलॉजिस्ट, लेखक, स्पीकर देवदत्त पटनायक. देवदत्त पटनायक ने कहा कि हिंदुइज्म में गॉड एकाउटेंट हैं. वो आपके कामों का हिसाब रखते हैं. हिंदू गॉड को लेकर काफी संवेदनशील रहते हैं लोग.
देवी काली के पोस्टर को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है. आपकी घृणा, गुस्से और खुशी का फायदा राजनीति उठाती है. आज के दिन में नाट्यशास्त्र धर्मशास्त्र से बेहतर हैं. आज नौटंकी से राजनीति में जीत हासिल की जाती है. यह नाट्यशास्त्र है. नेताओं को नवरस सीखने चाहिए. अगर नौटंकी आपको सिंहासन दिला सकती है. तो आपको नौटंकी करनी चाहिए. डेमोक्रेसी में लोग अपनी भावना से जीते हैं, जो भावनाओं को संभाल लेता है, उसे जनता सिंहासन दे देती है.
किसी को नहीं पता कि भगवान किस भाषा में बोलते हैं
आधी आबादी गंगा के किनारे रहती है. आप चाहते हैं कि हम राजपुताना की कहानी जाने. लेकिन आप गजपति की, तिरुपति की, कामाख्या की या अन्य कहानियां नहीं जानते. हिंदू सिविलाइजेशन का मतलब हिंदी नहीं होता. लेकिन ज्यादातर लोग यही मानते हैं. हम साउथ के देवताओं को नहीं जानते. उनके बारे में बात नहीं करते. हमेशा हिंदी पर ही क्यों बात करें. हमें तो यह नहीं पता कि भगवान कौन सी भाषा बोलते हैं. फिर किसी ने कहा कि वो तो संस्कृत में बोलते थे. पर किसी ने सुना नहीं.
हमारे यहां लोग अलग-अलग चीजों को लेकर बंटे हुए हैं
लोग बंटे हुए हैं अलग-अलग हिस्सों को लेकर. 1000 साल की गुलामी. यहां कोई अन्याय नहीं होता. प्रकृति सबका ख्याल रखती है. सबका संतुलन बनाती है. हमारे यहां इतिहासकारों को फिक्शन राइटर माना जाता है. अगर आप अच्छे फिक्शन राइटर हैं, तो आप बड़े इतिहासकार बन सकते हैं. या इतिहास विभाग के प्रोफेसर या इंचार्ज. मिथोलॉजी फैक्ट्स और फिक्शन पर भरोसा नहीं करता. अगर आप मानते हैं कि भगवान हैं. तो वो आपका विश्वास है.
हमारे नेता मानते हैं कि वो हमेशा रहेंगे, जबकि ये होगा नहीं
जिसके हाथ में तलवार होता है, वो हमेशा सही होता है. माइथोलॉजी बदलती हुई कहानियां देखती है. ईसाई धर्म रोमन साम्राज्य से बना है. उसे जीसस ने नहीं बनाया. क्योंकि रोमन साम्राज्य के राजा तीसरी सदीं में ईसाई बने. छठी सदीं में इस्लाम आया. दोनों बाद में आपस में लड़ने लगे. क्योंकि उन्हें लगता था कि सबसे बेहतर वही हैं. लेकिन कुछ भी हमेशा नहीं रहता. लेकिन हमारे यहां नेता ये नहीं मानते.
पृथ्वीराज चौहान की कहानी बताएंगे, चोला-पाला साम्राज्य की नहीं
हमारे यहां हिंदी पूरे देश में नहीं बोली जाती. शंकराचार्य केरल से उत्तर तक गए. वो लोगों से किस भाषा में बात करते थे. वो हर जगह की स्थानीय भाषा सीखते थे. फिर उनसे बात करते थे. मलयालम 13वीं सदी से विकसित हुई है. अगर आप सिर्फ पृथ्वीराज चौहान पर ध्यान देगा तो हमें कैसे पता चलेगा कि 12वीं सदी में पाला, चोला साम्राज्य में क्या हुआ. इस समय चोला साम्राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा था.
कहानियां न्याय के लिए नहीं सुनाई जातीं, शांत करने के लिए होती हैं
मुझे राजा को खुश करना होगा. तब मुझे गाय मिलेगी. याज्ञवलक्य राजा जनक के पास गए. क्योंकि उनके पास गाय थी. लवकुश राम को उनकी कहानी सुना रहे हैं. वो अपने बच्चों को पहचान भी नहीं पा रहे थे. महाभारत भी सुनाई गई थी. कहानी न्याय के लिए नहीं सुनाई जाती थी. कहानी आपको शांत करने के लिए होती है. अनंत में हम सब शून्य हैं. अंत में राम जलसमाधि लेते हैं न.
महाभारत युद्ध के बाद भीम-अर्जुन में हुई थी 'महानता' की लड़ाई
हमेशा पूछा जाता है कि तुम्हारा ऋण कौन भरता है. अगर आपको स्वामी विवेकानंद को समझना है तो उनके आसपास के समाज को समझना होगा. उस समय को समझना होगा. संस्कृति समझनी होगी. जब कोई कहता है कि एक भगवान है. दूसरा कहता है कई भगवान हैं. कोई कहता है कि भगवान नहीं होता. ये वो लोग कहते हैं जो बहुत पैसे वाले हैं. या बेहद गरीब. महाभारत युद्ध के बाद भीम और अर्जुन में लड़ाई हो जाती है. दोनों कहते हैं कि मैं महान हूं. मैं ज्यादा बेहतर योद्धा है. लोग कृष्ण के पास जाते हैं. कृष्ण कहते हैं कि मैं नहीं दूंगा जवाब क्योंकि मैं अर्जुन के साथ था. ऊपर जाओ वहां पहाड़ पर पेड़ है, जिस पर एक सिर है. वो सच बताएगा. भीम-अर्जुन गए. सिर से पूछा कि हम में बेहतर योद्धा कौन है. सिर ने कहा कि मैं तो किसी को नहीं जानता. मैंने देखा कि राजा बेवकूफों की तरह इस जमीन पर लड़ रहे हैं. जमीन वही है. राजा आते-जाते रहते हैं. लड़ते रहते हैं. सनातन के सामने आप कुछ भी नहीं हैं. अनंत के सामने सब शून्य हैं.
चूहा इलेक्टोरल बॉन्डस चुरा रहा है
जो तुम्हे पैसा देते हैं वो अमीर है. गरीब आदमी तुमसे पावर लेता है. आपका माइथोलॉजी में फेवरेट कैरेक्टर कौन सा है. वर्तमान राजनीति में उस कैरेक्टर से मिलता कौन नेता है. मुझे गणेश जी का चूहा पसंद है. उसपर किसी का ध्यान नहीं जाता. लेकिन चूहा हमेशा आपका धन चुराएगा. चूहा यहां पर इलेक्टोरल बॉन्डस चुराएगा. हम राजा का तलवार देखते हैं. राजा आते-जाते रहते हैं. तलवार वही रहती है. मैं जिंदा रहना चाहता हूं. इसलिए यह नहीं बता सकता कि कोई नेता ऐसा है या नहीं.