
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव (India Today Conclave East 2021) के चौथे संस्करण में आयोजित पब्लिक पॉलिसीः मेस ऑफ अ मीडियम- द मिथ ऑफ डिजिटल प्राइवेसी सेशन में फेसबुक इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और वाइस प्रेसीडेंट अजीत मोहन ने कहा कि पिछले कुछ चार-पांच सालों में भारत में कई डिजिटल क्रांतियां हुई है. इसके लिए फोन कंपनियों को भी बधाई देना. लाखों लोग इंटरनेट पर आए. ये पूरी दुनिया में कहीं नहीं हुआ. इंटरनेट पर जब इतना कुछ हो रहा है तो कई तरह की क्रिएटिव कंपनियां आएंगी. ऐसी कंपनियां लीप फ्रॉग का रोल प्ले करती हैं. ऐसी कंपनियों को देश की सरकार मौका दे रही है. इसकी वजह एजुकेशन और हेल्थ केयर सेक्टर में भी मदद मिलती हैं.
अजीत ने बताया कि इसकी वजह से नए स्टार्टअप आ रहे हैं. इसकी वजह से एक नई प्रतियोगी स्थिति बनेगी. ताकि लोग कुछ हर दिन बेहतर समझ सकें. व्हाट्सएप के साथ अगर पांच कंपनियां और प्रतियोगिता करती हैं तो ये बेहतर है. इससे सारी कंपनियां बेहतर काम करने के लिए सोचती हैं. जहां तक मेरे एजेंडा की बात है मैं आपको बता दूं कि फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम भारत के लोगों के साथ जुड़ी हुई है.
स्टार्टअप्स आएं, हम साथ देने को तैयार हैं
मैं चाहता हूं कि हमारी तीनों कंपनियों के उपयोग से देसी और स्वदेशी स्टार्टअप्स बाहर आते हैं तो मुझे खुशी है. वे हमारे मॉडल्स से सीख कर अपना नया काम शुरू कर सकते हैं. ताकि पूरी दुनिया को ये पता चले कि भारत दुनिया का इस मामले में सबसे बेहतरीन है.
बंगाल समेत की जगहों पर चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में फेक न्यूज चलते हैं, आप इस पर क्या कहेंगे. इस बारे में अजीत मोहन ने बताया कि फेसबुक चुनाव के दौरान फेक न्यूज को लेकर हम कई काम कर चुके हैं. हमारे लिए चुनाव को लेकर जो अप्रोच रहा है वह लगातार बदलता रहता है. भारत में ये तीन चीजों पर काम करता है. हम इंडस्ट्री एसोसिएशन को लेकर साथ चलते हैं. हमारा चुनाव आयोग के साथ एक बेहतरीन रिश्ता है. हम चुनाव आयोग के नियमों का पूरा पालन करते हैं.
8 फैक्टचेक कंपनियों के साथ कर रहे काम
अजीत मोहन ने बताया कि हम भारत में 8 फैक्ट चेक कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं. ये सभी बंगाली भाषा के साथ 11 भाषाओं में काम करते हैं. हम अपनी फैक्ट चेकिंग कंपनियों के साथ काम करते हैं. उनपर भरोसा करते हैं. हम फैक्ट चेकिंग को लेकर बनाए गए वैश्विक नियमों का पालन करते हैं. चुनाव के समय भी ये लगातार किया जाता है. राजनीतिक विज्ञापनों को लेकर भी हम काफी सजग रहते हैं. ताकि कोई गलती न हो. हम ऐसे विज्ञापनों को सात सालों तक आर्काइव करके रखते हैं.
प्रेसीडेंट हो या आम आदमी नियम सबके लिए एक
गैर-भरोसेमंद कंटेंट को लेकर कैसे काम करते हैं. ट्रंप को ब्लॉक किया उसे आप कैसे देखते हैं. इस पर अजीत ने कहा कि ट्विटर के सीईओ मार्क ने पहले ही बताया है. लेकिन हमारी इंडस्ट्री एक्सप्रेशन के कैनवास को बढ़ाना चाहती है. हम इसे हर डायमेंशन में लेकर जाना चाहते हैं. हम गलत सूचना, पक्षधर सूचना, या गैर-भरोसेमंद कंटेंट को सबके सामने नहीं ले जाना चाहते. जब राजनीतिक नेताओं की बात होती है तब हम उनकी बातों, उनकी सूचनाओं पर ज्यादा ध्यान देते हैं. उनकी बातों का असर होता है.
अजीत ने कहा कि अगर उनकी बात या सूचना गलत है या भ्रामक है तो यह इंडस्ट्री का नियम है कि उसे रोका जाए. ऐसे हम नियमों के तहत बैन लगाते हैं. कैपिटॉल हिल में हुई हिंसा के समय बैन लगाना जरूरी था. क्योंकि ट्रंप सिर्फ एक प्रेसीडेंट नहीं थे. उन्हें लोग सुनते थे. उनकी एक गलती से काफी कुछ गलत हो सकता था. इसलिए बैन लगाए गए.